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Whiskey : विदेशी ब्रैंड्स को देसी शराब ने कर दिया फेल, पीने वालों को खूब पसंद आ रही पसंद, बिक्री के तोड़ दिये रिकॉर्ड

आपको तो पता ही होगा कि आजकल शराब पीना आम बात हो गया है। शराब पीने वालों की आजकल कोई कमी नही है। लोग करोड़ो की शराब को पी जाते है। हाल ही में व्हिस्की की बिक्री रिपोर्ट (Whiskey Sales Report) सामने आई है, जिससे पता चला है कि बिक्री के मामले में घरेलू कंपनियों ने पहली बार विदेशी ब्रैंड्स को पीछे छोड़ दिया है। आइए जानें कितनी शराब की बिक्री की गई है। 

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Whiskey : विदेशी ब्रैंड्स को देसी शराब ने कर दिया फेल, पीने वालों को खूब पसंद आ रही पसंद, बिक्री के तोड़ दिये रिकॉर्ड

NEWS HINDI TV, DELHI : आजकल जहां देखा जाए वहीं शराब पीने वालों की कोई कमी नही पाई जाती है। व्हिस्की की बिक्री (selling whiskey) के मामले में भी अब मेड इन इंडिया (made in India ) का डंका बजने लगा है। देश में आजकल व्हिस्की की बिक्री की रिपोर्ट सामने आई है जिसमें बताया गया है कि घरेलू कंपनियों ने पहली बार विदेशी ब्रैंड्स को पीछे छोड़ दिया है। कनफेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहॉलिक बेवरेज कंपनीज (Confederation of Indian Alcoholic Beverage Companies) (CIABC) के अनुमान के अनुसार  बीते साल यानी 2023 में सिंगल माल्ट्स की कुल बिक्री में घरेलू ब्रैंड्स की हिस्सेदारी 53 फीसदी तक पहुंच गई।

 

शराब की इतनी बिक्री 

 

इस दौरान देश में कुल 6,75,000 केसेज सिंगल माल्ट्स की बिक्री (Sale of single malts) हुई। इनमें घरेलू ब्रैंड्स की बिक्री (Sale of domestic brands) 3,45,000 केस रही जबकि स्कॉटिश और दूसरे विदेशी ब्रैंड्स की सेल 3,30,000 केस रही। एक केस में नौ लीटर शराब होती है। सिंगल माल्ट वह व्हिस्की होती है जिसे एक ही डिस्टिलरी में केवल एक अनाज से बनाया जाता है।

 

सीएआईबीसी के डायरेक्टर (Director of CAIBC) जनरल विनोद गिरि ने कहा, 'हमारे अनुमान के मुताबिक 2023 में घरेलू ब्रैंड्स की बिक्री करीब 23 फीसदी तक बढ़ी है। जबकि आयातित शराब की बिक्री में 11 परसेंट तेजी रही।' यह उपलब्धि घरेलू ब्रैंड्स के लिए मील का पत्थर मानी जा रही है। अमृत डिस्टिलरीज के जॉइंट एमडी त्रिविक्रम निकम ने कहा कि ऐसी उपलब्धियों रोज-रोज हासिल नहीं होती हैं। कुछ साल पहले हमारा मजाक उड़ाया जाता था लेकिन अब हम क्वालिटी और रिफाइनमेंट में किसी से कम नहीं हैं। Glenlivet, Macallan, Lagavulin और Talisker जैसे ब्रैंड्स पर अब अमृत, पॉल जॉन, रामपुर, इंद्री और ज्ञानचंद जैसे देसी ब्रैंड्स भारी पड़ रहे हैं।


 

शराब का क्यों बढ़ रहा है क्रेज


मेड इन इंडिया (made in India ) का सुरूर अब इस कदर लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है कि Diageo और Pernod Ricard जैसी दिग्गज कंपनियां भी लोकल ब्रैंड्स लॉन्च (Companies also launch local brands) कर रही हैं। Diageo ने 2022 में Godawan ब्रैंड लॉन्च किया जबकि Pernod ने हाल ही में अपना पहला देसी सिंगल माल्ट Longitude 77 उतारा था। Pernod India के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर कार्तिक महिंद्रा ने कहा कि भारत में तेजी से बढ़ रही मार्केट है और विविधताओं से भरा है। यहां के युवा प्रयोग कर रहे हैं और उन्हें एकदम अलग तरह का प्रॉडक्ट चाहिए। कंज्यूमर्स को नयापन चाहिए।

 

 

गोवा में सिंगल माल्ट्स व्हिस्की बनाने वाली कंपनी (Company manufacturing single malts whiskey in Goa) जॉन डिस्टिलरीज के चेयरमैन पॉल पी जॉन ने कहा कि घरेलू कंपनियों के बढ़ते दबदबे से विदेशी कंपनियों में खलबली मची हुई है। उन्होंने कहा, 'वे सोई हुई थीं और अचानक नींद से जागी हैं। अब वे हमें पकड़ने की कोशिश कर रही हैं। दुर्भाग्य से वे शॉर्ट कट रास्ता अपना रही हैं। वे ऐसा माल बना रही हैं जिसे वे समझते ही नहीं हैं।

 

 

भारतीय माल्ट्स की क्वालिटी बहुत अच्छी 

 

भारत का समय आ चुका है।' सिंगल माल्ट्स बनाने वाली भारतीय कंपनियों (Indian companies producing single malts) ने स्कॉटिश ब्रैंड्स के इस दंभ को भी तोड़ा है कि यूरोपियन ब्रैंड्स को कोई जवाब नहीं है। जम्मू में व्हिस्की बनाने वाली कंपनी (Whisky manufacturing company in Jammu) दीवान्स मॉडर्न ब्रेवरीज के चेयरमैन और एमडी प्रेम दीवान ने कहा कि भारतीय माल्ट्स की क्वालिटी बहुत अच्छी है। यही वजह है कि उनकी डिमांड बढ़ रही है। स्कॉटिश ब्रैंड्स परंपरा से हटने को तैयार नहीं हैं जबकि भारतीय ब्रैंड्स नए-नए प्रयोग करते रहते हैं। Pernod के महिंद्रा ने कहा कि भारत में सभी तरह की कंपनियों के लिए पर्याप्त जगह है।