BH series नंबर प्लेट किन लोगों को मिलती है, जानिये इसके कई फायदे
NEWS HINDI TV, DELHI: भारत में किसी नए राज्य या शहर में जाने पर अक्सर अपनी व्हीकल को नई जगह पर फिर से रजिस्टर करना होता है और इस प्रक्रिया में थोड़ी परेशानी जरूर होती है. हालांकि, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कुछ समय पहले एक सॉल्यूशन निकाला था. भारत सीरीज नंबर प्लेट्स, जिन्हें BH नंबर प्लेट भी कहा जाता है. इसे साल 2021 में लॉन्च किया गया था. इसका उद्देश्य उन व्यक्तियों के लिए व्हीकल रजिस्ट्रेशन को आसान बनाना है जो अक्सर काम के लिए रिलोकेट होते रहते हैं. ऐसे में हम यहां BH नंबर प्लेट्स के बेनिफिट्स, एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया और बाकी डिटेल के बारे में जानेंगे.
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BH नंबर प्लेट एक यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ आता है. इसे पूरे भारत में एक इंडिविजुअल व्हीकल को दी जाती है. इससे वाहन मालिक एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर से एक राज्य से दूसरे राज्य में जा सकके हैं. इसके अलावा, BH नंबर प्लेट होना बीमा के लिहाज से भी सुविधाजनक है. क्योंकि, इससे कार का बीमा अप्रभावित रहता है. इसके फॉर्मेट की बात करें तो इसमें ईयर ऑफ रजिस्ट्रेशन (YY), फिर BH (भारत सीरीज), फिर 4 डिजिट का रजिस्ट्रेशन नंबर और फिर XX होता है. ये व्हीकल कैटेगरी को इंडिकेट करता है. उदाहरण के लिए 22BH 9999AA को देख सकते हैं.
BH सीरीज नंबर प्लेट के लिए कौन हैं एलिजिबल और क्या है क्राइटेरिया?
राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारी.
रक्षा कर्मी.
बैंक कर्मचारी.
प्रशासनिक सेवा कर्मचारी.
पांच से अधिक राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यालयों वाली निजी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी.
व्हीकल के पास पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट भी होना चाहिए.
व्हीकल के लिए रोड टैक्स का भुगतान करना होगा.
ये केवल नॉन-ट्रांसपोर्ट व्हीकल्स के लिए लागू होता है.
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भारत सीरीज नंबर प्लेट के फायदे:
ये नंबर प्लेट पूरे देश में मान्य है.
एक से दूसरे राज्य जाने पर व्हीकल को फिर से रजिस्टर करने की जरूरत नहीं पड़ती.
BH सीरीज नंबर प्लेट के लिए ऐसे करें रजिस्ट्रेशन:
इसके लिए आप MoRTH के वाहन पोर्टल पर खुद से लॉगिन कर सकते हैं. या किसी ऑथोराइज्ड ऑटोमोबाइल डीलर की मदद ले सकते हैं.
अगर आप किसी ऑटोमोबाइल डीलर की मदद लेते हैं तो वाहन पोर्टल में फॉर्म 20 को भरें.
एलिजिबल प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को फॉर्म 60 को भरना होता है. उन्हें वर्क सर्टिफिकेट के साथ एम्प्लॉयमेंट ID भी दिखानी होती है.
इसके बाद ऑथोरिटीज व्हीकल ओनर की एलिजिबिलिटी को वेरिफाई करते हैं.
फिर जरूरी डॉक्यूमेंट्स सबमिट करने होते हैं.
इसके बाद BH नंबर के लिए RTO से अप्रूवल मिलने के बाद जरूरी मोटर व्हीकल टैक्स भरना होता है.
फिर VAHAN पोर्टल आपकी व्हीकल के लिए BH Series रजिस्ट्रेशन जनरेट करता है.