Bike की डिस्क ब्रेक में क्यों होते हैं छेद, अधिकतर लोगों को नहीं हैं इसकी जानकारी
NEWS HINDI TV, DELHI: बाइक के डिस्क ब्रेक (bike disc brakes) में कई छोटे-छोटे छेद होते हैं, जिन्हें देखकर कई लोगों को लग सकता है कि वह केवल डिजाइन के लिए हैं। लेकिन, ऐसा नहीं है। इन छेदों का असल में ब्रेकिंग परफॉर्मेंस और सेफ्टी में अहम रोल (Important role in braking performance and safety) होता है। आइए सझते हैं।
1। बेहतर वेंटिलेशन:
ब्रेक लगाने पर पैड और डिस्क के बीच फ्रिक्शन (Friction between pad and disc) होता है, जिससे गर्मी पैदा होती है। डिस्क में छेद होने से हवा का फ्लो बेहतर होता है, जिससे गर्मी जल्दी निकल जाती है। इससे ब्रेकिंग सिस्टम को ठंडा रखने में मदद मिलती है और ब्रेक फेल होने का खतरा कम होता है। यानी, डिस्क ब्रेक में छेद वेंटिलेशन का काम करते हैं।
2। कम गंदगी:
बारिश या गीली सड़कों पर चलने के दौरान डिस्क और ब्रेक पैड पर पानी और गंदगी जमा हो सकती है। डिस्क में होल्स पानी और गंदगी को बाहर निकालने में मदद करते हैं। जिससे ब्रेकिंग सिस्टम बेहतर तरीके से काम कर पाता है।
ब्रेकिंग के दौरान पैड घिसते हैं, जिससे उसके छोटे-छोटे पार्टिकल्स डिस्क पर आ जाते हैं। इन्हें हटाने में भी छेद काम आते हैं। इससे पैड और डिस्क के बीच बेहतर कॉन्टेक्ट हो होता है और ब्रेकिंग कैपेबिलिटी में सुधार होता है।
3। कम वजन:
छेद होने से डिस्क का वजन कम रखने में मदद मिल पाता है, जिससे ओवरऑल बाइक का वजन भी कम रह पाता है। इससे बाइक की स्पीड, माइलेज और परफॉर्मेंस में सुधार होता है।
4। कम कॉस्ट:
छोटे-छोटे छेद दिए जाने से डिस्क बनाने में मटेरियल कम इस्तेमाल होता है। अब मटेरियल कम इस्तेमाल होगा तो उसे बनाने की कॉस्ट कम होगी। कास्ट कम होगी तो बाइक की कीमत को कॉम्पिटेटिव रखने में आसानी होगी।
बाइक के डिस्क ब्रेक में होल्स होने के कई फायदे हैं, जिनमें बेहतर वेंटिलेशन, कम गंदगी, हल्का वजन और बेहतर ब्रेकिंग शामिल हैं। अगर आप अपनी बाइक के लिए बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम चाहते हैं, तो डिस्क ब्रेक वाले मॉडल को चुनना बेहतर विकल्प होगा।