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Whiskey और रम पीते समय पानी क्यों मिलाते हैं लोग, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

Alcohol :ये तो हम सब देख रहे हैं कि शराब पीने वालों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। और आपने अक्सर यह भी देखा होगा की जब लोग शराब का सेवन करते हैं तो उसमें पानी मिलाकर सेवन करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि व्हिस्की और रम पीते समय पानी क्यों मिलाया (sharaab me pani kyo milate hai) जाता है? इसके पीछे की वजह आपको हैरान कर देगी। जानिए विस्तार से-
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Whiskey और रम पीते समय पानी क्यों मिलाते हैं लोग, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान  

NEWS HINDI TV, DELHI : आखिर क्यों भारतीय रम और व्हिस्की में पानी मिलाकर पीते (drink mixed with rum and whiskey) हैं जानिए इसका राज! भारत के लोग शराब को पानी में मिलाए बिना पीने की कल्पना भी नहीं कर सकते। पानी और सोडा के इस अटूट रिश्ते को शराब कंपनियां भी समझती हैं। शायद इसीलिए शराब के विज्ञापन पर प्रतिबंध के बावजूद ये कंपनियां टीवी-अखबारों में पानी और सोडा ब्रांड के रूप में दिखाई देती हैं और उनका संदेश उनके लक्षित दर्शकों तक आसानी से पहुंच जाता है। तो चलिए अब हम आपको इसकी पूरी जानकारी बताते हैं।


शराब में पानी मिलाने का यह चलन:

हमारे यहाँ शराब में पानी मिलाने का यह चलन कुछ ज्यादा ही है। हम भारतीय पानी, सोडा, कोक, जूस और न जाने क्या-क्या मिलाकर इसका सेवन करते हैं। इसकी वजह क्या यह है भारत के लोगो के लिए शराब सीधे हजम करना उनकी बस की बात नहीं? व्हिस्की की बोतल सीधे मुंह में लगाकर पीता हमारा हीरो क्यों मर्दानगी का प्रतीक बन जाता है? औसत भारतीय आखिर शराब में पानी क्यों मिलाते हैं? (Why add water to wine) आइये जानते है।


कॉकटेल्स इंडिया यूट्यूब चैनल के संस्थापक संजय घोष उर्फ दादा बारटेंडर इसकी चौंकाने वाली वजह बताते हैं। घोष के मुताबिक, भारत में बहुत सारी व्हिस्की कंपनियां इसे तैयार करने में molasses या शीरे का इस्तेमाल करती हैं। इस शीरे से आम तौर पर रम बनती है। चूंकि, भारत में फिलहाल इसपर कानूनी रोक नहीं, इसलिए भारतीय मझोले व्हिस्की ब्रांड मॉल्ट के साथ-साथ molasses का भी इस्तेमाल करती हैं। दरअसल, यह गन्ने से चीनी तैयार करते वक्त बनने वाला एक गहरे रंग का बाइ-प्रोडक्ट है। फर्मटेंशन की प्रक्रिया से गुजरने के बाद इस molasses को डिस्टिल करके शराब तैयार की जाती है। माना जाता है कि अधिकतर इंडियन मेड फॉरन लिकर का बेस इसी से तैयार किया जाता है।


ऐसे में जब आप इन इंडियन व्हिस्की (Indian whiskey) को बिना तरल मिलाए सीधे ‘नीट’ पीएंगे तो यह हमारे गले को चीरते हुए नीचे जाता महसूस होता है। यानी पानी मिलाकर इस कड़वाहट को बैलेंस करना एक बड़ी मजबूरी है। पीने वाले अब ये समझ गए होंगे कि महंगे विदेशी ब्रांड की शराब बिना कुछ मिलाए सीधे नीट गले से उतारना क्यों आसान होता है।  


जानिए विदेशी लोग शराब में पानी क्यों नहीं मिलाते है:

ऐसा माना जाता है कि शराब में पानी या कोई अन्य तरल पदार्थ मिलाने से उसका मूल स्वाद खराब हो जाता है। यहां तक ​​कि प्रीमियम मिनरल वाटर भी आपकी महंगी व्हिस्की का स्वाद खराब कर देता है। शायद यही कारण है कि विदेशों में ज्यादातर लोग बिना किसी तरल पदार्थ मिलाए अपने प्राकृतिक स्वाद के साथ व्हिस्की का आनंद लेते हैं। वहीं भारत में भी महंगा सिंगल माल्ट पीने के लिए एक खास तरह का पानी बेचा जा रहा है. यह उत्पाद बाजार में 'व्हिस्की ब्लेंडिंग वॉटर' के नाम से उपलब्ध है। कहा जाता है कि यह खास तरह का पानी शराब का (sharaab me pani kyo milate hai) स्वाद बढ़ा देता है.


भारतीय लोग शराब पीते वक्त खान- पान की आदत को भी मानते है:

व्हिस्की-रम आदि में पानी मिलाने का एक कारण भारतीयों की खान-पान की आदतें भी मानी जाती हैं। उनके मुताबिक भारत में शराब हमेशा मसालेदार स्वाद के साथ पी जाती है। इस तीखेपन को संतुलित करने के लिए पानी पीना जरूरी है। वहीं, पानी के साथ मिश्रित व्हिस्की बिल्कुल पानी की तरह काम करती है और खाने के तीखेपन को संतुलित करती है। भारतीयों की पानी मिलाने की इसी आदत के कारण भारत में शराब की अपेक्षा व्हिस्की-रम-वोदका आदि अधिक पसंद किये जाते हैं।

दरअसल, वाइन में बर्फ, सोडा, पानी आदि मिलाने की कोई गुंजाइश नहीं होती. उसे तो सीधा ही पीना है. दूसरा बड़ा कारण यह है कि आम भारतीयों में शराब पीने को लेकर अनुशासन नहीं है. शराब को लेकर हमारी मानसिकता ऐसी हो गई है कि शराब पीते वक्त हम सोचते हैं कि क्या पता कल हम न रहें. यानी अगर बोतल खुली है तो उसे डिस्पोज करना बड़ी जिम्मेदारी है. इसलिए लिमिट से ज्यादा पीने से बचने के लिए हम इसे पीने योग्य बनाते हैं और इसमें ढेर सारा पानी, सोडा, कोल्ड ड्रिंक आदि मिलाते रहते हैं। अगर किसी को महज 30 एमएल या 60 एमएल शराब पीनी हो तो बिना पानी के भी ऐसा किया जा सकता है। 


जाने कुछ लोग शराब को नीट पीते वक्त आइसक्यूब क्यों डालते है:

'नीट' का अर्थ है बिना कुछ (neat peg) मिलाए। जब आप किसी बार में नीट ऑर्डर करते हैं तो आपको परोसने वाला व्यक्ति 60 मिलीलीटर या 30 मिलीलीटर शराब सीधे गिलास में डालेगा और आपको दे देगा। हालाँकि, भारतीय जलवायु नीट पीने के लिए बहुत अनुकूल नहीं है क्योंकि गर्मियों में व्हिस्की (whiskey) का सामान्य तापमान बहुत अधिक हो जाता है। इसलिए कुछ लोग नीट पीते समय इसमें 'मेटल आइस क्यूब' भी मिला देते हैं ताकि व्हिस्की का तापमान थोड़ा कम हो जाए। ये मेटल आइसक्यूब शराब के कंसनट्रेशन में बदलाव नहीं करता, जिससे  उसका मौलिक स्वाद बना रहता है। वहीं, ‘ऑन द रॉक्स’ यानी ढेर सारी बर्फ के साथ व्हिस्की परोसा जाना। आदर्श स्थिति यह है कि गिलास को आधा बर्फ से भर दिया जाए और उस पर ऊपर से व्हिस्की डाली जाए। कुछ लोग पहले शराब डालकर बाद में बर्फ डालते हैं, जो सही नहीं है।