Wine Beer : शराब पीते वक्त गिलास टकराकर क्यों बोलते हैं चीयर्स? आप भी नहीं जानते होंगे रिवाज का कारण
Why glass clink before drinking : अक्सर आपने देखा होगा कि जब लोग साथ में बैठकर शराब पीते हैं तो एक दूसरे के साथ अपने गिलास टकराते है चीयर्स बोलते है, क्या आप जानते है इसके पीछे का कारण, आइए खबर में जानते है इसके बारे में विस्तार से।
NEWS HINDI TV, DELHI : शराब पीने का कोई भी दौर गिलासों को आपस में टकराने और ‘चीयर्स’ के उत्साहवर्धक नारे के बिना शुरू नहीं होता. बहुत बार ऐसा हुआ होगा कि आपके दोस्तों ने आपको बिना गिलास टकराए या चीयर्स बोले शराब पीने की शुरुआत करने के लिए टोका होगा और फिर आपने संकोचवश सिर हिलाते हुए और उत्साहपूर्वक अपना गिलास बाकी सभी के गिलास (Why Clink Glass Before Drinking) से मिलाया होगा. क्या आप शराब पीने की इस प्रथा के पीछे का कारण जानते हैं, आखिर क्यों गिलासों को टकराया जाता और चीयर्स बोला जाता है?
चलिए हम आपको इसके बारे में सब कुछ बताते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस रिवाज (Glass clinking tradition) से जुड़ी एक बहुत लोकप्रिय मान्यता है. प्राचीन यूरोप में शराबखानों और दावतों के दौरान बीयर के गिलासों का बजना बहुत आम बात थी. गिलासों को चटकाया जाता था जिससे दूसरे व्यक्ति के गिलास में थोड़ी सी शराब गिर जाए. इस बात से यह साबित किया जाता था कि आपने अपने साथी की ड्रिंक में जहर नहीं मिलाया है.
इस वजह से पहले गिलास टकराते थे लोग
उन दिनों जब योद्धा, रईस और दरबारी मौज-मस्ती और शराब पीने के लिए शाम को बैठते थे, तो उनके बीच नशे में झगड़े और व्यक्तिगत दुश्मनी हो जाना बेहद आम बात हुआ करती थी, इसलिए गिलास चटकाने और अपनी शराब दूसरे के गिलास में गिराने का मतलब था कि वो एक दूसरे को मारने की कोशिश नहीं कर रहे थे. हालांकि, इतिहास में इस प्रथा का कोई सबूत नहीं है.
इंद्रियों को एक्टिव करना है कारण
इसके पीछे एक और प्रचलित कारण थोड़ा अधिक वैज्ञानिक है. माना जाता है कि गिलासों की खनक की आवाज पीने के मजे को और भी ज्यादा बढ़ा देती है क्योंकि ऐसा करने में शरीर की एक और इंद्री यानी सुनने की इंद्री भी एक्टिव हो जाती है. माना जाता है कि शराब, विशेष रूप से वाइन, का सबसे अच्छा आनंद तब लिया जाता है जब सभी इंद्रियां इसमें शामिल होती हैं. इसी वजह से लोग चीयर्स (Why people say Cheers before drinking) बोलते हैं, जिससे उनके अंदर ऊर्जा का वास हो और सुनने की इंद्रियां एक्टिव हो जाएं.