News hindi tv

bhuse ka rate : गेहूं के बाद अब भूसे के रेट भी सातवें आसमान

मौसम की बेरूखी से गेहूं की कम पैदावार से जहां किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है वहीं तूड़ी की महंगाई की मार से पशुपालक (animal keeper) भी नहीं बच पा रहे हैं। आइये जानतै है भूसे के ताजा भाव।
 
 | 
 bhuse ka rate : गेहूं के बाद अब भूसे के रेट भी सातवें आसमान

NEWS HINDI TV, DELHI : दूध से महंगी खुराक होने के कारण पशुपालकों (pastoralists) ने अपने पशुओं को बेचना शुरू कर दिया है। जिस भैंस की कीमत बाजार में 70 से 80 हजार रुपये थी अब उसकी कीमत 50 से 60 हजार रुपये रह गई है।

दूध ना देने वाले पशुओं का पालन भी पशुपालकों (pastoralists)को भारी पड़ रहा है। पशुपालकों(pastoralists) के सामने सबसे बड़ी समस्या तूड़ी को लेकर आ रही है। अबकि बार तूड़ी के भाव ने पिछले कई सालों के रिकार्ड को तोड़ दिया है। तूड़ी के भाव 1200 रुपये प्रति क्विंटल तक जा पहुंचे हैं। ऐसे में पशुपालक(animal keeper) के लिए पशु पालना घाटे का सौदा साबित हो रहा है।


पेट्रोलियम पदार्थ (petroleum products) और रसोई गैस (kitchen gas) को बढ़ती कीमतों से किसान और पशुपालक(animal keeper) भी उतने ही परेशान हैं जितने नौकरी पेशा और मध्यम वर्ग के लोग हैं भूसा, खल, चूरी, चोकर बिनौला गुड और अन्य पशु आहार महंगा हो गया है इसलिए पशुपालक (animal keeper)अपने खूंटे पर पशुओं की संख्या कम कर रहे हैं गर्मी में पशुओं के दूध देने की क्षमता कम हो गई है।

इसलिए दूध बेचकर भी पशुपालक (animal keeper) अपने पशुओं को भरपूर खुराक नहीं दे पा रहे हैं इसलिए पशु भी कमजोर हो रहे है और उनकी कीमत भी कमजोर हो रही है। मजबूरी में पशुपालक (animal keeper) अपने पशुओं को बेच रहे हैं।

पशुपालकों(pastoralists) का कहना है कि एक पशु को कम से कम रोजाना 300 की खुराक की आवश्यकता है। लेकिन उससे दूध दो ढाई सौ रुपये का मिल रहा है। 50-60 रुपये रोजाना घर से देना पड़ रहा और सुबह से लेकर रात तक उनकी सेवा में गुजर रहे हैं। ऐसे में कोई दूसरा काम कर लेंगे तो वह पशु पालकों से अच्छा रहेगा।

5 0 रुपये लीटर में दूधिया ले रहा दूध
4 से 5 लीटर प्रतिदिन दूध कम दे रही भैंस
60 -70 रुपये लीटर बाजार में बिक रहा दूध


एक दुधारू पशु की प्रतिदिन की खुराक

 8 से 10 किलो तक सुखा भूसा प्रतिदिन भूसा
10 से 15 किलो हरा चारा
2 किलो खल प्रतिदिन
3 किलो चौकर प्रतिदिन
2 किलोग्राम बिनौला प्रतिदिन
1 किलो गुड़ प्रति सप्ताह
250 मिली सरसों का तेल प्रति सप्ताह


पशुओं की खुराक का बाजार में ये है भाव

तूड़ी- 1200 क्विंटल
हरा चारा - 400 क्विंटल
खल 4200 क्विंटल
बिनौला 4800 क्विंटल
चना 5200 क्विंटल
चुरी 3000 क्विंटल
चोकर 2200 क्विंटल
गुड़ 3400 क्विंटल
सरसों तेल 170-180 रुपये लीटर


पिछले सालों के मुकाबले इस साल गेहूं की आधी हुई पैदावार


बेमौसमी बारिश के कारण गेहूं की फसल पर ज्यादा असर पड़ा है। जल भराव के कारण किसानों की गेंहू की फसल नष्ट हो गई। हर वर्ष जहां एक एकड़ में गेहूं 16 से 25 क्विंटल गेहूं की पैदावार होती थी वहीं अबकि बार एक एकड़ में 10 से 15 क्विंटल की पैदावार हुई है।

कम पैदावार के चलते ही तूड़ी की भी काफी कमी हुई है। सरकार की ओर से भी चारे के संकट को देखते हुए एक जिले से दूसरे जिले में तूड़ी भेजने पर रोक लगा दी थी।