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EMI Penalty : दूसरे बैंक से ले रखा है लोन और चुक गए EMI, तो लगेगी डबल पेनाल्‍टी

EMI Penalty : अगर किसी कारण से आप लोन की किस्त चुकाने में चूक जाते हैं तो बैंक इस पर हर्जाना वसूलता है और सिबिल स्‍कोर यानी क्रेडिट स्‍कोर खराब भी होता है। लेकिन आज हम आपको अपनी इस खबर में एक ईएमआई मिस होने पर दो बैंक कैसे पेनल्‍टी वसूलते हैं ये बताने जा रहे है। 

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EMI Penalty : दूसरे बैंक से ले रखा है लोन और चुक गए EMI, तो लगेगी डबल पेनाल्‍टी

NEWS HINDI TV, DELHI : जिंदगी से जुड़ी हर जरूरत को पूरा करने के लिए पैसों की आवश्यकता कभी भी हो सकती है. ऐसे में तत्काल पैसों का इंतजाम करने के लिए आदमी हमेशा लोन के लिए बैंक की तरफ भागता है. क्योंकि सूदखोरों के मुकाबले बैंकों से किफायती दर पर लोन मिल जाता है और यह सबसे आसान व सुविधाजनक तरीका होता है. लोन चाहे मकान के लिए लिया गया हो या व्‍यक्तिगत खर्च के लिए सभी की ईएमआई का भुगतान एक तय तारीख पर करना जरूरी होता है.

अगर किसी कारण से आप लोन की किस्त चुकाने में चूक जाते हैं तो बैंक इस पर हर्जाना वसूलता (Penalty on EMI Bounce) है और सिबिल स्‍कोर यानी क्रेडिट स्‍कोर खराब भी होता है. यहां तक की बात तो सभी जानते हैं, लेकिन हम आपको बताते हैं एक ईएमआई मिस होने पर दो बैंक कैसे पेनल्‍टी वसूलते हैं.

दरअसल, बहुत से ग्राहकों का सैलरी अकाउंट या सेविंग अकाउंट अथवा चालू खाता दूसरे बैंक होता है और वे पर्सनल या होम लोन किसी और बैंक से ले लेते हैं. आपने लोन भले ही किसी बैंक से लिया हो, लेकिन इसकी ईएमआई आपके खाते वाले बैंक से ही काटी जाएगी. ऐसे में अगर आप किसी ईएमआई को चुकाने से चूकते हैं तो दोनों ही बैंक आपसे पेनाल्‍टी वसूलेंगे. इस तरह एक गलती की दोगुनी सजा आपको मिलेगी.

उदाहरण से समझिए- 


सरकारी स्‍कूल में अध्‍यापिका प्रियंका का सैलरी अकाउंट आईडीबीआई बैंक में है. उन्‍होंने व्‍यक्तिगत जरूरत के लिए एचडीएफसी बैंक से 11 लाख रुपये का लोन लिया था. प्रियंका को हर महीने की 6 तारीख को ईएमआई का भुगतान करना होता है. उनकी सैलरी भी अमूमन 4 या 5 तारीख को आ जाती है. बीते 2 साल से वह अपने लोन की ईएमआई समय पर चुका रही थीं, लेकिन पिछले महीने उनके खाते में कुछ पैसे कम होने की वजह से ईएमआई मिस हो गई.

एचडीएफसी बैंक ने 6 तारीख की सुबह ईएमआई काटने के लिए प्रियंका के खाते में हिट किया तो बैलेंस कम होने से वजह से बाउंस हो गया. अगले दिन उनके पास ईएमआई बाउंस होने का मैसेज आया और एचडीएफसी बैंक ने 534 रुपये की पेनाल्‍टी लगा दी. यहां तक तो ठीक था लेकिन जब उन्‍होंने अपना मिनी स्‍टेटमेंट चेक किया तो उसमें आईडीबीआई बैंक ने भी 550 रुपये का पेनाल्‍टी लगा रखा था, जो उनके सैलरी अकाउंट से कट गई.

आखिर माजरा क्‍या है-


इस बारे में जब एचडीएफसी बैंक के कस्‍टमर केयर पर बात की तो पता चला कि लोन अकाउंट को भी पेनाल्‍टी नहीं मिली है और इसे एक लिंक के जरिये भरना होगा. वहीं खाते से काटी गई रकम आईडीबीआई बैंक में गई है, क्‍योंकि कस्‍टमर ने उसके साथ ही लोन अकाउंट के लिए बैलेंस मेनटेन रखने का वादा किया है, जो कस्‍टमर पूरा नहीं कर सका.

क्‍यों लगता है दोहरा चार्ज-


इस बारे में आईडीबीआई बैंक रीवा ब्रांच के मैनेजर अजय पांडेय से पूछने पर पता चला कि ऐसे मामलों में कस्‍टमर दो बैंकों के साथ कमिटमेंट करता है. अगर वह ईएमआई समय पर चुकाने से चूक जाता है तो इसे ईसीएस बाउंस कहते हैं. यह ईसीएस बाउंस दोनों ही बैंकों के साथ होता है और आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक, दोनों ही बैंक ऐसे ग्राहक से पेनाल्‍टी वसूल सकते हैं. यह पेनाल्‍टी लोन के अमाउंट का 1 से 2 फीसदी हो सकती है.