GST : अब नहीं कर सकेंगे जीएसटी की हेराफेरी, सरकार MCA और ITD के डाटा से रखेगी नजर
NEWS HINDI TV, DELHI: वस्तु एवं सेवा कर (GST) के भुगतान में चोरी या देरी को रोकने के लिए सरकार टैक्सपेयर्स के डाटा पर नजर रख रही है. मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (MCA) और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (ITD) के डाटा से जीएसटी विभाग टैक्सपेयर्स के डाटा पर नजर रख रहा है और मिलान कर रहा है. इसका उद्देश्य जीएसटी चोरी को रोकना है.
वित्त मंत्रालय जीएसटी कलेक्शन को बढ़ाने पर फोकस कर रहा है. फरवरी 2023 के जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े उत्साहजनक रहे हैं क्योंकि बीते वर्ष की समान अवधि की तुलना में जीएसटी कलेक्शन 12 फीसदी अधिक होकर कुल 1.4 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया है. इस आंकड़े को और बढ़ाने के लिए वित्त मंत्रालय ने आयकर विभाग और जीएसटी विभाग को निगरानी के लिए निर्देशित किया है.
जीएसटी कलेक्शन को बढ़ाने के लिए विभाग जीएसटी चोरी को रोकने के लिए टैक्सपेयर्स पर निगरानी बढ़ा रहा है. इसके लिए जीएसटी विभाग तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है. रिपोर्ट के अनुसार जीएसटी विभाग मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (MCA) और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (ITD) से मिले डाटा का एनालिसिस करेगा और टैक्सपेयर्स के रिटर्न फाइल समेत टैक्स जमा करने के दस्तावेजों की जांच करेगा.
रिपोर्ट के अनुसार जीएसटी के तहत देश में करीब 1.3 करोड़ पंजीकृत कारोबार और सेवा प्रदाता हैं. जीएसटी चोरी पर लगाम लगाने और टैक्स भुगतान को तेज करने के लिए जीएसटी विभाग सक्रिय हो गया है. जीएसटी विभाग इस कदम से उन टैक्सपेयर्स को पकड़ने की कोशिश में है जो अलग-अलग टैक्स रेगुलेटर्स को टैक्स भुगतान संबंधी अलग-अलग जानकारी देते हैं. ऐसे टैक्सपेयर्स के रिटर्न दस्तावेज और आंकड़ो से घालमेल का पता लगाया जाएगा और गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.
जीएसटी चोरी पर जुर्माना और सजा का प्रावधान-
आयकर नियमों के अनुसार 2 करोड़ से अधिक और पांच करोड़ रूपये तक के जीएसटी फ्रॉड, चोरी या गलती के मामले में आर्थिक जुर्माना और तीन साल तक की कैद का प्रावधान है. बता दें कि आयकर अधिनियम के अनुसार टैक्स अमाउंट ड्यू है या कम भुगतान किया गया है तो टैक्स अमाउंट का 10 फीसदी जुर्माना लगया सकता है. न्यूनतम जुर्माना राशि 10,00 रुपये है.
फरवरी 2023 में जीएसटी कलेक्शन-
वित्त मंत्रालय के अनुसार फरवरी 2023 के दौरान कुल जीएसटी राजस्व कलेक्शन (GST Collection February 2023 Data) सालाना आधार पर 12 फीसदी बढ़ोत्तरी के साथ 1,49,577 करोड़ रुपये रहा है. साल 2022 में यह आंकड़ा 1,33,026 करोड़ रुपये था. कुल जीएसटी रेवेन्यू कलेक्शन 1,49,577 करोड़ रुपये में सीजीएसटी 27,662 करोड़ रुपये रहा है और एसजीएसटी 34,915 करोड़ रुपये रहा.
जबकि, आईजीएसटी 75,069 करोड़ रुपये (माल के आयात पर संग्रहित 35,689 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 11,931 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर संग्रहित 792 करोड़ रुपये सहित) है. आंकड़ों के अनुसार इंपोर्ट में 6 फीसदी और घरेलू लेनदेन में जीएसटी कलेक्शन 15 फीसदी अधिक दर्ज किया गया है. वहीं, लगातार 12 महीनों के लिए मंथली जीएसटी रेवेन्यू 1.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है.