Taxpayers के लिए जरूरी खबर, ITR फाइल करने की प्रक्रिया में हुआ ये बदलाव
NEWS HINDI TV, DELHI: Income Tax Return New Rules 2024 : अब वित्तीय वर्ष बदलने के साथ ही आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया में भी बदलाव आ गया है। नई टैक्स व्यवस्था वित्त वर्ष 2023-24 से डिफॉल्ट मोड में लागू हो गई है. अब आयकरदाता को आयकर रिटर्न (income tax return) दाखिल करते समय नई आयकर व्यवस्था डिफॉल्ट मोड में दिखाई देगी।
अगर किसी आयकरदाता को पुराने आयकर रिजिम (old income tax regime) के आधार पर आयकर भरनी हो तो उन्हें इसमें बदलाव कर ओल्ड स्कीम से आयकर भरने की प्रक्रिया करनी होगी। नई आयकर व्यवस्था कंपनियों और फर्मों के अलावा अन्य व्यक्तियों के लिए वित्तीय वर्ष 23-24 से डिफॉल्ट मोड में लागू की गई है।
इसमें करदाताओं के पास टैक्स रिजिम (tax regime)व्यवस्था चुनने का विकल्प होगा। जिन्हें लगता है कि उनके लिए पुराने स्लैब फायदेमंद है तो वह पुरानी स्लैब व्यवस्था का उपयोग कर सकते हैं। सीए आशीष रोहतगी व सीए रश्मि गुप्ता ने बताया कि बिना किसी व्यावसायिक आय वाले पात्र व्यक्तियों के पास प्रत्येक वर्ष के लिए व्यवस्था चुनने का विकल्प होगा, इसलिए वे एक वित्तीय वर्ष में पुरानी कर व्यवस्था और दूसरे वर्ष में नई कर व्यवस्था चुन सकते हैं।
उन्होंने बताया कि यदि कोई नियोक्ता अपने कर्मी का पुरानी व्यवस्था से टीडीएस का डिडक्शन काट लिया है, कर्मी चाहे तो न्यू रिजिम (new regime) के तहत आइटीआर (ITR) फाइल कर सकते हैं।
नए आयकर रिजिम में सात लाख आय पर टैक्स नहीं-
नए आयकर रिजिम (new income tax regime) में तीन लाख रुपये की आय पर कोई टैक्स नहीं, तीन लाख से छह लाख रुपये पर पांच प्रतिशत निर्धारित है। इसमें 87ए के तहत आयकर छूट के प्राविधान है। छह लाख से नौ लाख तक 10 प्रतिशत का स्लैब है। इसमें सात लाख रुपये की आय पर 87ए के तहत आयकर छूट के प्राविधान है। नौ लाख रुपये से 12 लाख की आय पर 15 प्रतिशत, 12 से 15 लाख की आय पर 20 प्रतिशत तथा 15 लाख रुपये से अधिक की आयकर पर 30 प्रतिशत के हिसाब से आयकर निर्धारित है।
पुरानी आयकर व्यवस्था में 80 सी, डी व जी की छूट-
पुरानी आयकर प्रणाली (old income tax system) में ढ़ाई लाख की आयर पर कोई टैक्स नहीं। पांच लाख रुपये की आय पर पांच प्रतिशत, पांच से 10 लाख की आय पर 20 प्रतिशत आयकर देय होता है। अगर 10 लाख रुपये से ज्यादा की वार्षिक आय है तब 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाता है।
पुराने प्रणाली में आयकर दाता को होम लोन, 80 सी के तहत डेढ़ लाख रुपये तक की छूट, 80 डी और 80 जी के तहत छूट का लाभ ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त भी विभिन्न तरह के छूट का भी प्राविधान है।