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Savings Account में रखा इससे ज्यादा कैश तो आ सकता है इनकम टैक्स का नोटिस, जानें क्या कहता है नियम

Saving Account Cash Limit – लोग अपनी सेविंग्स के पैसों को सुरक्षित रखने के लिए बैंक अकाउंट में पैसा जमा करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप अपने सेविंग्स अकाउंट में कितना पैसा जमा रख सकते हैं। एक वित्त वर्ष में आपके सेविंग्स अकाउंट में कितना पैसा होना चाहिए? क्योंकि ऐसा संभव है कि एक वित्त वर्ष में एक लिमिट के बाद अगर आपके सेविंग्स अकाउंट में पैसा जमा होता है तो आप तक इनकम टैक्स का नोटिस आ सकता है। आपको ये  जानकारी होना बहुत जरूरी है कि सेविंग अकाउंट में कैश जमा करवाने की कितनी लिमिट होती है। 
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Savings Account में रखा इससे ज्यादा कैश तो आ सकता है इनकम टैक्स का नोटिस, जानें क्या कहता है नियम

NEWS HINDI TV, DELHI:  अधिकतर लोग अपनी सेविंग्स के पैसों को सुरक्षित रखने के लिए बैंक अकाउंट में पैसा जमा करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप अपने सेविंग्स अकाउंट (savings account)  में कितना पैसा जमा रख सकते हैं। एक वित्त वर्ष में आपके सेविंग्स अकाउंट में कितना पैसा होना चाहिए? क्योंकि ऐसा संभव है कि एक वित्त वर्ष में एक लिमिट के बाद अगर आपके सेविंग्स अकाउंट में पैसा जमा होता है तो आप तक इनकम टैक्स का नोटिस आ सकता है।

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‘कैश जमा’ करने का क्या है मतलब

कैश जमा करने का मतलब है आपके बैंक अकाउंट (bank account) में मैन्युअल रूप से या मनी ट्रांसफर या एटीएम जैसे तरीकों से पैसों का जमा होना। लोग अक्सर ट्रांजेक्शन करने या उसे सुरक्षित रखने के लिए बैंकों में पैसा जमा करते हैं। जमा हो जाने के बाद आप पैसे निकाल सकते हैं और इसे अभी भी कैश जमा के तौर पर ही जाना जाता है।

क्या कहता है नियम

आयकर विभाग (Income tax department) के अनुसार एक वित्त वर्ष के दौरान सेविंग अकाउंट में कैश जमा करने की सीमा 10 लाख रुपये है। सभी बैंकों या फाइनेंशियल संस्थानों (financial institutions) को इनकम टैक्स अधिनियम 1962 की धारा 114B के अनुसार बड़ा कैश जमा करने पर इनकम टैक्स विभाग को बताना होता है। विभाग हर एक सेविंग अकाउंट (Saving Account Cash Limit) पर नजर रखता है कि जमा किया गया पैसा तय लिमिट से अधिक है या नहीं।

इनकम टैक्स विभाग कब भेजता है नोटिस- 

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एक वित्त वर्ष में जमा कैश का कैलकुलेशन व्यक्ति के सभी खातों को ध्यान में रखकर किया जाता है। नियमों के मुताबिक, अगर आप अपने सेविगंस अकाउंट में तय सीमा से ज्यादा रकम रखते हैं तो इनकम टैक्स की नजर में आएंगे। तय सीमा से ऊपर कैश होने की स्थिति में आपको इनकम टैक्स (Income Tax) भरना होगा।


उदाहरण के तौर पर अगर कोई व्यक्ति की सालाना इनकम 10 लाख रुपये है और उसे ब्याज 10,000 रुपये मिलता है तो उस व्यक्ति का टोटल इनकम 10,10,000 रुपये माना जाता है। अगर कोई व्यक्ति एक वित्तयी वर्ष में 10 लाख रुपये से ज्यादा कैश रखते हैं तो आपको इसकी जानकारी आयकर विभाग को देना होगा। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आयकर विभाग आपके खिलाफ कदम उठाता सकता है।