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Income Tax : धारा 80C के तहत इतनी मिली है टैक्स छूट, टैक्सपेयर्स जरुर जान लें

Income Tax : आपको बता दें कि लगभग 90 प्रतिशत टैकसपेयर्स नहीं जानते है कि आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कितनी छूट मिली है। तो आज हम आपको इस खबर में बताएंगे कि आज 80सी के तहत आप टैक्सेबल इनकम को कितने रुपये  तक कम कर सकते हैं। तो हर किसी टैक्सपेयर्स को ये बात जरुर जान लेनी चाहिए.

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Income Tax : धारा 80C के तहत इतनी मिली है टैक्स छूट, टैक्सपेयर्स जरुर जान लें 

NEWS HINDI TV, DELHI : हर वित्तीय वर्ष में आप आयकर अधिनियम( income tax act ) की धारा 80सी के तहत डिडक्शन का लाभ उठाकर अपनी टैक्सेबल इनकम को 1.5 लाख रुपये तक कम कर सकते हैं। 80सी का फायदा इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स और हिंदू अविभाजित परिवारों ( HUF ) के लिए उपलब्ध है।

80सी के तहत कई ऑप्शन हैं, जिनमें निवेश करके आप टैक्सेबल इनकम( taxable income ) को 1.5 लाख रु तक घटा सकते हैं। वहीं कई खर्च भी ऐसे है, जिन पर 80सी( Income Tax Deduction Under 80C ) के तहत टैक्स बेनेफिट मिलता है। यहां हम आपको उन विकल्पों की जानकारी देंगे, जिन पर 80सी के तहत टैक्स छूट ( tax exemption )मिलती है। मगर लोग उनके बारे में अधिक नहीं जानते हैं।

2 बच्चों की ट्यूशन फीस-


यह कटौती माता-पिता के लिए है। यह गोद लिए गए बच्चों की स्कूल फीस पर भी लागू होती है। माता-पिता अलग-अलग अधिकतम दो बच्चों के लिए ट्यूशन फीस पर 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर कर सकते हैं। यदि माता-पिता दोनों करदाता हैं, तो वे मिलकर कुल चार बच्चों के लिए कटौती का दावा कर सकते हैं।


घर/संपत्ति के लिए रजिस्ट्रेशन चार्ज और स्टाम्प ड्यूटी-


यदि आप घर या प्रॉपर्टी खरीदते हैं और स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन पर खर्च करते हैं, तो आप आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत इन चार्जेस के लिए टैक्स कटौती का क्लेम कर सकते हैं।

इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड-


इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड पर भी टैक्स बेनेफिट लिया जा सकता है। मगर ध्यान रहे कि ये बॉन्ड इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों द्वारा जारी किए जाते हैं। इन्हें सरकार जारी नहीं करती।


नाबार्ड रूरल बॉन्ड-


नाबार्ड, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक, दो प्रकार के बांड जारी करता है। इनमें भविष्य निर्माण बॉन्ड और नाबार्ड ग्रामीण बॉन्ड शामिल हैं। यह ध्यान रखना जरूरी है कि केवल नाबार्ड ग्रामीण बॉन्ड आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत टैक्स कटौती के योग्य है और कटौती के रूप में आप जिस अधिकतम राशि का दावा कर सकते हैं वह 1.5 लाख रुपये ही है।