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Loan Default Rules : इतने दिन तक लोन की EMI नहीं भरने पर बैंक घोषित कर देता है डिफाल्टर, लोन लेने वाले जरुर जान लें ये बात

Loan Default Rules : अक्सर लोन लेने के बाद लोग ईएमआई भरना भूल जानते है। तो अगर आपने लोन ले रखा है तो आपको बता दें कि इतने दिन तक लोन की EMI नहीं भरने पर बैंक आपको डिफॉल्टर( Loan Defaulter ) घोषित कर देता है। तो ऐसे में लोन लेने वाले लोगों को ये बात जरुर पता होनी चाहिए। अगर आप एक बार डिफॉल्टर हो जाते हैं तो भविष्य में लोन लेने के लिए आपको बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है। 
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Loan Default Rules : इतने दिन तक लोन की EMI नहीं भरने पर बैंक घोषित कर देता है डिफाल्टर, लोन लेने वाले जरुर जान लें ये बात

NEWS HINDI TV, DELHI: लोन लेकर वाहन तो खरीद लिया है, लेकिन ईएमआई नहीं भर पाये हैं तो बैंक आपको डिफॉल्टर( Loan Defaulter ) घोषित कर सकता है या फिर आपका वाहन उठाकर ले जा सकता है और एक बार अगर आपके साथ ऐसा हो जाता है तो आप जिन्दगी भर के लिए बैंक( Bank Loan ) से लोन लेना तो भूल ही जाइए।


डिफॉल्टर ब्लू आरबीआई( RBI Rules ) के नियमों के अनुसार, अगर किसी भी तरीके से आप 90 दिनों तक ईएमआई का भुगतान नहीं कर पाते हैं तो आपको डिफॉल्टर लोन भरना होगा और आप एनपीए हो जाएंगे यानि नॉन परफॉर्मिंग एसेट( non performing asset )। इसके बाद, कस्टमर को नोटिस दिया जाता है और उससे एक बार में ही पिछले सभी ईएमआई( EMI ) को भरने को कहा जाता है।

 

लेकिन अगर आप फिर भी इसे नहीं भरते हैं तो आपका मामला कोर्ट तक पहुंच जाता है।पांच महीने तक EMI न भर पाने की स्थिति में पहले नोटिस को देने के बाद, अगर दो महीने तक कुछ नहीं होता है तो आपको कोर्ट में जाना पड़ सकता है लेकिन उससे पहले एक लीगल नोटिस( legal notice ) यानि कानूनी नोटिस भेजा जाता है। 

 

ऐसी परिस्थिति से बचने के लिए के आप क्या उपाय अपना सकते हैं आज हम आपको वही बताएंगे

 

सबसे पहले जानते है कब होता है कार लोन डिफॉल्ट-


 अगर बैंक के लोन की किस्त जमा करने में आप एक से ज्यादा बार चूक जाते हैं और फिर भी आप बैंक जाकर अपनी ईएमआई का भुगतान नहीं कर पाये हैं तो ऐसे में बैंक आपको मौहलत देगा जो कि 30 से 60 दिनों की होती हैै जिससे आप डिफॉल्टर की सूची में शामिल होने से बच सकते हैं।

 

वैसे डिफॉल्टर शब्द का कोई निश्चित अर्थ नहीं है, इसका इस्तेमाल अलग-अलग संदर्भ में किया जाता रहा है। लेकिन इसका सामान्य मतलब यही है कि आपको लोन की एक या फिर एक से ज्यादा किस्त की रिपेमेंट( installment repayment ) करने में 30 से 60 दिन की देर हो जाए जो आप डिफाल्टर घोषित कर दिये जाते हैं और आप एक बार इस सूची में शामिल होने के बाद कभी भी बैंक से किसी प्रकार का लोन नहीं ले सकते है।


कैसे कर सकते हैं आपना बचाव -


जब आप को लगने लगे कि कार लोन की किस्त( Car loan EMI ) जमा करने में आप समर्थ नहीं हैं तो आप आप ईमानदारी से बैंक को कॉल कर उसे पेमेंट में देरी की साफ-साफ वजह बता दें। हो सकता है आपको ईमानदार रहने का फायदा मिल जाए और बैंक के साथ मिलकर सहमति से कोई और रास्ता खोज निकालेंगे। 
 

यह भी आजमाएं-


आप अपने बैंक से लोन की अवधि बढ़ाने की गुजारिश कर सकते हैैं। उदाहरण के तौर पर अगर आपके लोन की अवधि 36 माह है तो इसे 48 माह करने के लिए कोशिश कर सकते हैं। इससे आपकी जेब पर पड़ने वाला हर महिने का बो कम हो जाएगा। 

डेफर-


अपने बैंक से आप ईएमआई डेफर करने का अनुरोध कर सकते हें। इससे आपको मौजूदा माह की ईएमआई का पेमेंट बाद में करने की अनुमति मिल सकती है। आप अपने बैंक को समझा सकते हैं कि मौजूदा माह की ईएमआई का भुगतान बाद में करने से आपको हाल ही के महिने का भुगतान करने में काफी सुविधा होगी।

बैंक ईएमआई जाने की तारीख को बदलवा लें- 


ईएमआई( EMI ) का भुगतान देरी से करने पर लेट चार्ज देना पड़ता है। जिसे आप हटाने के लिए बैंक से अनुरोध कर सकते हैं। इससे आपको समय पर भुगतान करने में मदद मिलेगी और बैंक ऐसा करने के लिए तैयार हो सकता है।