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NCR Property : नोएडा-ग्रेटर में फ्लैट खरीदने वालों के लिए जरूरी अपडेट, अब इतने महीने में होगी रजिस्ट्री

NCR Property : उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा के हजारों घर खरीदारों को बड़ी राहत दी है. यहां अमिताभ कांत कमेटी की सिफारिशों को लागू करने का फैसला लिया है. क्या है ये, किसे और कैसे मिलेगा लाभ? जानिए इससे जुडी़ पूरी जानकारी...
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NCR Property : नोएडा-ग्रेटर में फ्लैट खरीदने वालों के लिए जरूरी अपडेट, अब इतने महीने में होगी रजिस्ट्री

NEWS HINDI TV, DELHI: नोएडा-ग्रेटर नोएडा के हजारों घर खरीदारों (Flat Buyers) को उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ी राहत दी है. अपने घर का सपना जल्द पूरा हो सकता है. सालों से फंसा फ्लैट, जल्द मिल सकता है. सरकार ने बिल्डर्स और बायर्स को राहत देने के लिए अमिताभ कांत कमेटी की सिफारिशों को लागू करने का फैसला किया है. इसमें जीरो पीरियड रिलीफ से लेकर 3 साल का एक्सटेंशन और अटके प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए को-बिल्डर की व्यवस्था जैसे प्रावधान हैं.

क्या है ये कमेटी, क्यों बनी थी?

केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने 31 मार्च 2023 को नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अगुवाई में एक कमेटी बनाई थी. इस कमेटी को दिल्ली-एनसीआर में अटके प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का रास्ता बताने का जिम्मा दिया गया था. इस कमेटी ने बिल्डर्स से लेकर बायर्स तक की समस्याओं और हर पहलुओं का बारीकी से अध्ययन किया. इसके बाद 24 जुलाई 2023 को अपनी रिपोर्ट सबमिट की.

उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले साल दिसंबर में इस कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की मंजूरी दी थी. अधिकारियों के मुताबिक सरकार ने समिति की करीब आधी सिफारिशों को कुछ बदलाव के साथ लागू करने का निर्णय लिया है.

नोएडा-ग्रेटर नोएडा में जरूरत क्यों?

आखिर नोएडा-ग्रेटर नोएडा में इस कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की जरूरत क्यों पड़ी? दरअसल- नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी क्षेत्र में आने वाले दर्जनों बिल्डर्स के तमाम प्रोजेक्ट सालों से अटके पड़े हैं. किसी के पास फंड की कमी है तो किसी का प्राधिकरण पर बकाया है. इसके अलावा कई बिल्डर आपराधिक मुकदमों का सामना कर रहे हैं. कुछ प्रोजेक्ट कोर्ट-कचहरी के चक्कर में फंसे हैं.


इन बिल्डर्स को बैंक से लेकर वित्तीय संस्थाएं किसी तरह का लोन वगैरह भी नहीं दे रही हैं, जिससे ये अपना अटका प्रोजेक्ट पूरा कर सकें. उन्हें डर है कि ये डिफॉल्टर घोषित हो जाएंगे और उनका पैसा डूब सकता है.

दूसरा, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी क्षेत्र के ज्यादातर बिल्डर्स का अथॉरिटीज पर भारी-भरकम बकाया है. इसलिए अथॉरिटीज इन्हें रजिस्ट्री से लेकर ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (OC) और NOC तक नहीं जारी कर रही हैं. इस पेंच की वजह से घर खरीदारों का इंतजार बढ़ता जा रहा है. सालों से भटक रहे हैं.


बिल्डर को कैसे मिलेगा लाभ?

बिल्डर्स को सबसे बड़ा लाभ ‘शून्य काल’ का मिलेगा. बिल्डर्स को कोरोना महामारी वाले पीरियड- अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक शून्य काल का लाभ दिया गया है. इस पीरियड के बाद का बकाया देना है. शून्य काल के बाद का जो बकाया है, उसका- 25 फीसदी पैसा 60 दिनों के अंदर जमा करना होगा. बाकी 75% पैसा साधारण ब्याज के साथ 3 साल में जमा करना होगा.

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर बिल्डर, जीरो पीरियड के बाद के बकाये का 25 फ़ीसदी 3 महीने के भीतर जमा कर देता है तो उसे ‘परमिशन टू मॉर्टगेज’ मिल सकेगा. ऐसे में उन्हें बैंक से ऋण मिलने में आसानी होगी और वे अपने फंसे प्रोजेक्ट्स को पूरा कर सकेंगे.

को-डेवलपर की सुविधा-

अगर बिल्डर चाहता है तो अपने साथ प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए एक और को-डेवलपर को ला सकता है. इस स्थिति में प्राधिकरण का बकाया देने की जिम्मेदारी मूल आवंटी के साथ-साथ को-डेवलपर की भी होगी. अगर कोई बिल्डर अपनी जमीन सरेंडर करना चाहता है तो प्राधिकरण, भूमि के लिए भुगतान की गई राशि को उसके बकाया से समायोजित कर देगा.


घर खरीदारों को कैसे मिलेगा लाभ?

नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी इलाके में तमाम ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जिसमें खरीदार रहने तो लगे हैं लेकिन ना तो उसकी रजिस्ट्री हो पाई है और न ही कंप्लीशन सर्टिफिकेट जैसी चीजें मिली हैं. नए नियम के मुताबिक ऐसे सभी फ्लैट्स की रजिस्ट्री 3 महीने के अंदर होगी. संबंधित बिल्डर जैसे ही अपना 25 फीसदी पैसा जमा करेंगे, उन्हें रजिस्ट्री की अनुमति मिल जाएगी. बिल्डर्स, घर खरीदारों से कोई अतिरिक्त पैसा भी नहीं वसूल सकेंगे.


पेनाल्टी की भी व्यवस्था-

प्राधिकरण ने साफ-साफ कहा है कि कोई बिल्डर निर्धारित अवधि में फ्लैट खरीदार को कब्जा नहीं देता है अथवा रजिस्ट्री नहीं करता है तो उसकी प्रस्तावित छूट निरस्त हो जाएगी. साथ की बकाये पर 20 फीसदी पेनाल्टी भी लगाई जाएगी और ऐसे बिल्डर 5 साल के लिए ब्लैक लिस्ट हो जाएंगे. इन्हें नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी क्षेत्र में कोई जमीन तक नहीं मिलेगी.

कितने खरीदारों को लाभ?

एक रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में करीब 4.5 लाख फ्लैट्स अटके पड़े हैं, जिसमें से 2.40 लाख अकेले दिल्ली एनसीआर में हैं. रिपोर्ट के मुताबिक नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी के इलाके में करीब 2.30 लाख फ्लैट्स अटके पड़े हैं.

सबसे ज्यादा परेशान ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी इलाके में फ्लैट लेने वाले लोग हैं. रिपोर्ट के मुताबिक इस योजना के जरिए नोएडा के करीब 67000, ग्रेटर नोएडा के 147000 और यमुना अथॉरिटी के 14358 घर खरीदारों को लाभ मिलेगा.