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Personal Loan : पर्सनल लोन नहीं भरने पर क्या होगा, जान लें बैंकों के नियम

आज के समय में  लोग ब्याज पर पैसा लेने से ज्यादा लोन लेना पसंद करते है। अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्सनल लोन एक अच्छा विकल्प है। किसी कारण से कई बार लोग अपना लोन नहीं चुका पाते। ऐसे समय में आपको क्या करना चाहिए। इसके लिए बैंक के अलग रूल है। आइए जानें बैंक के इन नए नियमों के बारे 
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Personal Loan : पर्सनल लोन नहीं भरने पर क्या होगा, जाने ले ये काम की बातें, क्या है बैंकों के नियम

NEWS HINDI TV, DELHI : आज के समय में अलग-अलग कामों के लिए पैसों की जरूरत को पूरा करने के लिए लोन एक अच्छा विकल्प है। लोग अलग-अलग कामों के लिए लोन लेते रहते हैं। इसमें होम लोन, एजुकेशन लोन के साथ-साथ पर्सनल लोन भी आता है। कई लोग व्यक्तिगत कामों के लिए पर्सनल लोन भी लेते हैं। लोग लोन तो ले लेते है परंतु चुका नहीं पाते तो आगे क्या हो सकता है? अब अचानक कोई वित्तीय समस्या आ जाने पर लोन चुकाने में समस्या आ जाती है, कई कारणों से लोन लेने वाला उसे चुकाने में असमर्थ हो सकता है। आइए जानते हैं।


क्या है पर्सनल लोन
सबसे पहले यह जानना बेहद जरूरी है कि पर्सनल लोन (Personal Loan) क्या है? पर्सनल लोन उसे कहते हैं, जो कोई व्यक्ति किसी व्यक्तिगत काम जैसे कोई महंगी चीज खरीदने या दूसरे किसी काम के लिए बैंक से कर्ज लेता है। पर्सनल लोन दो तरह का होता है, सुरक्षित पर्सनल लोन और असुरक्षित पर्सनल लोन।

लोन लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज 


असुरक्षित लोन : असुरक्षित पर्सनल लोन (Unsecured Personal Loan) वह होता है, जहां बैंक आपके निजी वित्तीय योग्यता के आधार पर कर्ज देता है। इसके लिए बैंक आपसे वेतन, पहले से लिया हुआ कर्ज, आय प्रमाणपत्र, सिबिल स्कोर और बैंक स्टेटमेंट आदि की मांग करता है। आसान भाषा में कहें, तो बैंक बिना कोई चीज गिरवी रखे आपको कर्ज दे देता है, उसे ही असुरक्षित लोन कहते हैं।

सुरक्षित लोन : वहीं, सुरक्षित लोन की बात करें, तो इसके लिए बैंक आपसे कोई चीज या संपत्ति गारंटी के तौर पर मांगता है। इसका मतलब यह कि आपके लोन राशि के बदले बैंक अपने पास कुछ आपकी संपत्ति या सामान गिरवी रखता है। यह अचल संपत्ति कुछ भी हो सकती है। इसमें बैंक को ज्यादा जोखिम नहीं उठाना पड़ता है,क्योंकि यदि आवेदक लोन नहीं चुकाता है, तो बैंक उस गिरवी रखी संपत्ति को बेचकर लोन की रकम की वसूली करता है। सुरक्षित पर्सनल लोन आपको गिरवी रखी संपत्ति के मूल्य के आधार पर ही मिलता है, किंतु इसमें आपको असुरक्षित पर्सनल लोन की तुलना में कम ब्याज देना पड़ता है।

भारतीय अनुबंध अधिनियम 


बैंक किसी को पर्सनल लोन देता है, तो वह भारतीय अनुबंध अधिनियम (Indian Contract Act) 1872 के तहत कानूनी समझौता करता है कि आप लोन की ली गई रकम का भुगतान तय समय पर करेंगे। किस्त या ईएमआई का नियमित भुगतान नहीं करने पर आपका लोन अनियमित हो जाता है। ऐसी स्थिति में बैंक के पास अधिकार रहता है कि वह अपने पैसे की वसूली के लिए कानून का सहारा ले। सबसे पहले बैंक आपसे व्यक्तिगत संपर्क करेगा और आपसे कर्ज का पुनर्भुगतान करने के लिए कहेगा। ऐसा नहीं करने पर नोटिस भेजेगा और कानूनी कार्यवाई करने की चेतावनी देगा।

इसके बाद भी लोन लेने वाला कोई रिस्पॉन्स नहीं देता है, तो बैंक अदालत में दावा पेश करेगा, जिसका खर्च लोन लेने वाला को देना होगा। बैंक अदालत में उस चेक को पेश करेगा, जिसे आपने लोन लेते वक्त उसे दिया था। चेक बिना भुगतान वापस की विनिमय साध्य विलेख अधिनियम की धारा 138 के तहत अलग से कानूनी कार्यवाई (legal action) की जाएगी। इस धारा के तहत जेल और जुर्माने की सजा का भी प्रावधान है। सबसे अंत में, यदि आपने दोनों नहीं चुकाया तो बैंक आपके द्वारा गिरवी रखी गई अचल संम्पत्ति की नीलामी करके अपने पैसे की वसूली करेगा।

असुरक्षित पर्सनल लोन नहीं चुकाने पर क्या होगा

सबसे अधिक समस्या असुरक्षित पर्सनल लोन में ही पैदा होती है। इसमें रिकवरी के लिए बैंक के पास आपकी कोई संपत्ति नहीं होती है। ऐसे में बैंक लोन की रकम वसूलने के लिए अलग-अलग तरह के प्रयास करता है। असुरक्षित पर्सनल लोन में अधिक नुकसान बैंक को होता है। लोन की रकम नहीं चुकाने पर बैंक आपके खिलाफ कार्यवाई तो करेगा, लेकिन बैंक की भी कुछ सीमाएं होती हैं। बैंक आरबीआई द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार ही कार्रवाई कर सकता है। यदि आपने पर्सनल लोन लिया है, जिसे चुकाने में असमर्थ हैं, तो ऐसे में आपको कोई बहुत ज्यादा परेशान होने की जरुरत नहीं है। इसके लिए नियम निर्धारित हैं। बशर्ते, लोन न चुका पाने का आपके पास उचित कारण होना चाहिए।

लोन की किस्त का भुगतान नहीं होने पर बैंक से संपर्क करें 

लोन की किस्त का भुगतान नहीं करने पर बैंक सबसे पहले लोन लेने वाले से सीधे संपर्क करेगा और इसको निबटाने की बात करेगा। इसके बाद बैंक की ओर से आधिकारिक नोटिस जारी किया जाएगा। यदि बैंक के कॉल के बाद भी लोन नहीं चुकाते हैं, तो बैंक लोन रिकवरी एजेंसी को आपका लोन रकम भुगतान करने या सेटलमेंट के लिए भेज देते हैं। इसके बाद ये एजेंसी आपको कॉल करेंगी या फिर रिकवरी एजेंट को लोन रिकवरी के लिए आपके घर पर भेजेगा। यदि इसके बाद भी लोन चुकाने में असमर्थ हैं तो आपका लोन अमाउंट को बंद कर दिया जाता है। इससे सबसे बड़ा नुकसान आपके सिबिल स्कोर (CIBIL Score) पर पड़ता है। सीधी भाषा में आपका सिबिल स्कोर खराब हो जाएगा और फिर आप भविष्य में लोन लेने के लायक नहीं रह जाएंगे।