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PPF Scheme: पीपीएफ में पैसा लगाने से पहले जान लें ये बात, अनजाने में कर बैठेंगे पैसों का नुकसान

अगर आप भी पीपीएफ में निवेश करने जा रहे है तो यह खबर आपके लिए है। निवेश से पहले आपको इन जरूरी बातों का पता होना चाहिए वरना अनजानें में आप पैसों का नुकसान कर बैठेगे।
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PPF Scheme: पीपीएफ में पैसा लगाने से पहले जान लें ये बात, अनजाने में कर बैठेंगे पैसों का नुकसान

News Hindi TV: दिल्ली,Investment Scheme: देश में इंवेस्टमेंट की कई सारी स्कीम चल रही है. इन स्कीम में सरकार की ओर से भी कई सारी स्कीम चलाई जा रही है. वहीं वर्तमान में कई लोग पीपीएफ यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम में भी पैसा इंवेस्ट करते हैं. हालांकि इस स्कीम में लोगों को कई तरह के फायदे मिलते हैं लेकिन कुछ चीजों के बारे में लोगों को जानकारी होना काफी जरूरी है. अगर इनके बारे में जानकारी नहीं है तो लोगों को कई दिक्कतों का सामना भी करना पड़ सकता है.

टैक्स छूट
पब्लिक प्रोविडेंट स्कीम टैक्स बचाने के लिए एक लोकप्रिय इंवेस्टमेंट माध्यम है. पीपीएफ एक लॉन्ग टर्म सेविंग सह निवेश उत्पाद है. इसके लिए आपको शुरू करने के लिए डाकघर या सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों की नामित शाखाओं में एक पीपीएफ खाता खोलना होगा. पीपीएफ खाते में योगदान पर गारंटीशुदा ब्याज दर मिलती है. आप इन जमाओं पर धारा 80सी के तहत एक वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं.


पीपीएफ योजना के नुकसान
वहीं फिलहाल इस स्कीम में सरकार की ओर से 7.1 फीसदी का ब्याज मुहैया करवाया जा रहा है. हालांकि इस स्कीम को लेकर कुछ अहम बातों के बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए. पीपीएफ के तमाम फायदों के बावजूद यह पूरी तरह आलोचना से मुक्त नहीं है. पब्लिक प्रॉविडेंट फंड की भी कुछ कमियां हैं जिन्हें हम नकार नहीं सकते. जो कि इस प्रकार से है...

ब्याज दर अस्थिर
ब्याज दर परिपक्वता राशि को प्रभावित कर सकती है. गौर करें तो पीपीएफ योजना की ब्याज दर स्थिर नहीं है. यह समय के साथ बदलती रहती है.

लंबा कार्यकाल
15 साल लंबी अवधि होती है. अगर इतना लंबे तक आप कोई स्कीम नहीं चलाना चाहते तो पीपीएफ आपके काम की नहीं है.

न्यूनतम राशि पर ही ब्याज
पीपीएफ ब्याज दर की गणना महीने के 5वें और आखिरी दिन के बीच सबसे कम शेष राशि पर की जाती है. उदाहरण के लिए, यदि आपके पीपीएफ खाते में 20,000 रुपये हैं और आप महीने की 5 तारीख के बाद 2000 रुपये की अतिरिक्त राशि जमा करते हैं, तो आपके ब्याज की गणना 20,000 रुपये पर की जाएगी, 22,000 रुपये पर नहीं की जाएगी.


तरलता की कमी
यह म्यूचुअल फंड के समान नहीं है और इसलिए इसमें तरलता की कमी है. आपका पैसा वर्षों से अटका रहता है और शेयरों या म्यूचुअल फंड की इकाइयों को बेचने जितना आसान नहीं है.