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RBI : अब 20 हजार रुपये से ज्यादा नहीं मिलेगा कैश, आरबीआई ने बैंकों को दिए सख्त निर्देश

RBI news : हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। जिसके अनुसार कोई भी एनबीएफसी ग्राहकों को 20,000 रुपये से अधिक का नकद ऋण नहीं दे सकता है। इससे जुड़ा पूरा अपडेट जानने के लिए खबर को पूरा पढ़ें।
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RBI : अब 20 हजार रुपये से ज्यादा नहीं मिलेगा कैश, आरबीआई ने बैंकों को दिए सख्त निर्देश

NEWS HINDI TV, DELHI : भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं, जिसके अनुसार कोई भी NBFC ग्राहकों को 20,000 रुपये से अधिक का नकद ऋण नहीं दे सकता है। आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 269एसएस के तहत, किसी भी व्यक्ति को 20,000 रुपये से अधिक नकद ऋण राशि प्राप्त करने की अनुमति नहीं है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई अब इस नियम को सख्त करना चाहता है, ताकि एनबीएफसी कंपनियों को जोखिम का सामना न करना पड़े और नियमों की अनदेखी न हो. आरबीआई ने ये निर्देश ऐसे समय जारी किए हैं जब एनबीएफसी कंपनी आईआईएफएल फाइनेंस पर कई नियम तोड़ने का आरोप लगा है। रिपोर्ट में बताया गया कि कुछ कंपनियों ने कानून द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक नकद में कर्ज दिया और वसूला।

20 हजार से ज्‍यादा लोन अमाउंट कैश नहीं देना चाहिए:

NBFC को RBI ने पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है और कहा है कि नियम के मुताबिक किसी भी कस्‍टमर को 20 हजार रुपये से ज्‍यादा का कैश लोन नहीं बांट सकते हैं. ऐसे में किसी भी एनबीएफसी को 20,000 रुपये से अधिक का लोन अमाउंट नकद में नहीं देनी चाहिए.

आरबीआई ने क्‍यों दिया ऐसा निर्देश:

पिछले कुछ दिनों के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक ने कई एनबीएसी कंपनियों पर कार्रवाई कर चुका है. इन कंपनियों ने आरबीआई के नियमों की अनदेखी की थी. इसमें कैश लोन ज्‍यादा देने के नियम का भी उल्‍लघंन था. ऐसे में आरबीआई ने नियमों को याद दिलाते हुए NBFCs को ऐसा निर्देश दिया है, ताकि लापरवाही और नियमों की अनदेखी पर रोक लगाई जा सके. 

IIFL फाइनेंस पर क्‍यों हुई थी कार्रवाई? 

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय बैंक ने ऋण प्रबंधन में बड़ी खामियों के कारण आईआईएफएल फाइनेंस को नए ग्राहकों के लिए अपना गोल्ड लोन परिचालन तुरंत बंद करने का निर्देश दिया था। आईआईएफएल फाइनेंस का स्वर्ण ऋण परिचालन इसके व्यवसाय में महत्वपूर्ण योगदान देता है, जो इसके व्यवसाय का एक तिहाई हिस्सा है। इस फाइनेंस कंपनी ने सोने की शुद्धता और वजन की अपर्याप्त जांच, अत्यधिक नकद ऋण देना, मानक नीलामी प्रक्रियाओं से विचलन और ग्राहक खाता शुल्क में पारदर्शिता की कमी जैसे नियमों की अनदेखी की थी।