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RBI ने EMI को लेकर दिया बड़ा अपडेट, होम लोन वाले जाने लें ये जरूरी बात

Repo rate update -भारतीय रिजर्व बैंक ने तीन दिवसीय मौद्रिक नीति बैठक के नतीजों का ऐलान कर दिया है और एक बार फिर से रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला किया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बार फिर से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। RBI ने लगातार छठी बार रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला लिया गया है और ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आपको बता दें आरबीआई ने रेपो रेट आखिरी बार पिछले साल फरवरी 2023 में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर 6.25 फीसदी से 6.50 फीसदी कर दिया था।
 
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RBI ने EMI को लेकर दिया बड़ा अपडेट, होम लोन वाले जाने लें ये जरूरी बात

NEWS HINDI TV, DELHI : गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने संबोधन में कहा कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य से मिले-जुले संकेत ही मिल रहे हैं। महंगाई भी नीचे आती दिख रही है। उन्होंने बताया कि इस बार की बैठक में विस्तार से चर्चा की गई है और कमिटी का फैसला है कि रेपो रेट को अभी 6.5 फीसदी पर ही स्थिर रखा जाए। छह में से पांच सदस्यों ने इस पक्ष में फैसला दिया है।

 

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एक साल से स्थिर हैं दरें


आरबीआई करीब एक साल से रेपो रेट 6.50 फीसदी पर स्थिर रखा हुआ है। आरबीआई ने रेपो रेट आखिरी बार पिछले साल फरवरी 2023 में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर 6.25 फीसदी से 6.50 फीसदी कर दिया था। वहीं, दिसंबर, 2023 में खुदरा महंगाई दर 5.69 फीसदी के स्तर पर थी। ऐसे में इस बार भी रेपो रेट में बदलाव की संभावना कम थी। रियल एस्टेट के दिग्गजों ने भी यह उम्मीद जताई थी कि डेवलपर्स और होम बॉयर्स को ध्यान में रखते हुए आरबीआई रेपो रेट को स्थिर रखेगा।


 

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रेपो रेट क्या होता है

जिस तरह से आप बैंकों से अपनी जरूरतों के लिए लोन लेते हैं, ठीक उसी तरह से पब्लिक और कमर्शियल बैंकों भी अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए रिजर्व बैंक से लोन लेते हैं। जिस तरह से आप कर्ज पर ब्याज चुकाते हैं, उसी तरह से बैंकों को भी ब्याज चुकाना होता है। यानी भारतीय रिजर्व बैंक की जिस ब्‍याज दर पर बैंकों को लोन देता है, वो रेपो रेट कहलाता है। रेपो रेट कम होने का मतलब बैंकों को सस्ता लोन मिलेगा। अगर बैंकों को लोन सस्ता मिलेगा तो वो अपने ग्राहकों को भी सस्ता लोन देंगे। यानी अगर रेपो रेट कम होता है तो इसकी सीधआ फायदा आम लोगों को मिलता है। अगर रेपो रेट बढ़ता है तो आम आदमी के लिए भी मुश्किलें बढ़ती है।