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OPS : कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना लागू करने को लेकर RBI ने दिया बड़ा अपडेट

OPS :  हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि आरबीआई ने नई और पुरानी पेंशन स्कीम पर राजनीति करने वाले सभी दलों को परोक्ष तौर पर फिर से चेतावनी दी है कि एनपीएस की जगह ओपीएस को लागू करने की भारी वित्तीय कीमत राज्यों को चुकानी होगी... इस अपडेट से जुड़ी पूरी डिटेल जानने के लिए खबर को पूरा पढ़े।

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OPS : कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना लागू करने को लेकर RBI ने दिया बड़ा अपडेट

NEWS HINDI TV, DELHI : नई पेंशन व्यवस्था (एनपीएस) की जगह पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) को लागू करना एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका है। प्रमुख विपक्षी पार्टी हर राज्य में इसे लागू करने की बात करने लगी है। केंद्र सरकार की तरफ से भी एनपीएस में बदलाव पर सुझाव देने के लिए एक समिति का गठन कर दिया है।


आरबीआई ने दी चेतावनी- 


आरबीआई ने नई और पुरानी पेंशन स्कीम पर राजनीति करने वाले सभी दलों को परोक्ष तौर पर फिर से चेतावनी दी है कि एनपीएस की जगह ओपीएस को लागू करने की भारी वित्तीय कीमत राज्यों को चुकानी होगी।

आरबीआई के शोध-कर्ताओं इस बारे में एक अध्ययन के आधार पर आलेख जारी किया है जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि राज्यों में ओपीएस को लागू करना वित्तीय तौर पर टिकाऊ नहीं है।

साल 2040 तक राज्यों पर औसतन 4.5 गुना बढ़ जाएगा बोझ-


अगर ऐसा होता है तो वर्ष 2040 के बाद राज्यों पर पेंशन भुगतान का बोझ मौजूदा स्तर के मुकाबले औसतन 4.5 गुणा तक बढ़ जाएगा। पिछले एक वर्ष के दौरान यह दूसरा मौका है जब आरबीआई की तरफ से इस तरह की चेतावनी आई है। यह तब आई है जब कई राज्यों के आगामी चुनाव व अगले आम चुनाव में भी पुरानी पेंशन स्कीम के एक बड़े मुद्दे के तौर पर उभरने की संभावना जताई जा रही है।

2040 के बाद दिखेगा ओपीएस का असर- आरबीआई-


ऐसे में आरबीआई ने याद दिलाया है कि सभी राज्य अगर ओपीएस को लागू कर लेते हैं तो एनपीएस लागू करने के बाद उनकी पेंशन भुगतान का बोझ जो कम हुआ है वह खत्म हो जाएगा।

चूंकि नई पेंशन योजना सही तरीके से वर्ष 2009 से लागू हुई है इसलिए ओपीएस फिर से लागू करने का बोझ हाल-फिलहाल की सरकारों को नहीं देनी होगी। इसका असर वर्ष 2040 के बाद दिखना शुरू होगा।

इस कारण बढ़ेगा बोझ-


औसत आयु में वृद्धि होने की वजह से यह बोझ बाद के वर्षो में तेजी से बढ़ेगा। कुल कितना बोझ होगा, यह तो बताना अभी कठिन है क्योंकि बहुत कुछ भावी ब्याज दरों से भी तय होगा।

रिपोर्ट के मुताबिक ओपीएस को फिर से लागू करना आर्थिक सुधारों को पीछे ले जाने वाला कदम होगा और वित्तीय सुधार के जो फायदे हुए हैं उनको खत्म करने जैसा होगा।

किन राज्यों पर कितना पड़ेगा बोझ?


एक अनुमान यह लगाया गया है कि सभी राज्यों में ओपीएस लागू करने से वर्ष 2023 से वर्ष 2084 के बीच उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड पर पेंशन बोझ मौजूदा बोझ के मुकाबले 4.5 गुणा, बिहार पर 4.6 गुणा, झारखंड, हरियाणा और पंजाब पर 4.4 गुणा, मध्य प्रदेश व हिमाचल प्रदेश पर 4.8 गुणा, राजस्थान पर 4.2 गुणा ज्यादा होगा।

अगर यह मान लिया जाए कि आने वाले वर्षों में राज्यों की नामित आर्थिक विकास दर 10 फीसद रहती है तो राज्यों की तरफ से एनपीएस के लिए दिया जाने वाला भुगतान वर्ष 2060 तक कुल जीडीपी का 0.9 फीसद हो जाएगा। अगर विकास दर कम रहती है तो यह बोझ और ज्यादा होगा।