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नए लोन को लेकर आरबीआई का बड़ा फैसला, अब नही देनी होगी अलग से कोई प्रोसेसिंग फीस

Loan Processing Fee : आप में से अधिक्तर लोग यह नही जानते है कि प्रोसेसिंग फीस क्या होती है। ऐसे में आज हम सबसे पहले आपको प्रोसेसिंग फीस के बारे में बताएंगे। जब कोई व्यक्ति लोन लेने जाता है तो उससे जुड़े डॉक्युमेंट और कामों के लिए बैंक एक फीस वसूलता है लेकिन आपको बता दे कि अब Loan पर अलग से कोई प्रोसेसिंग फीस नहीं देनी होगी। आइए जान लेते है विस्तार से.... 
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नए लोन को लेकर आरबीआई का बड़ा फैसला, अब नही देनी होगी अलग से कोई  प्रोसेसिंग फीस

NEWS HINDI TV, DELHI : अगर आप भी अपने पैसों से संबंधित जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन का सहारा लेते है तो आज हम आपको एक अच्छी खबर बताने वाले है। यदि आप भी नया घर या कार खरीदने के बारे में सोच रहे हैं, तो भारतीय रिजर्व बैंक ने आज की मोनेटरी पॉलिसी (monetary policy) में एक बड़ी राहत दी है. रेपो रेट को पहले की तरह 6.5 प्रतिशत पर रखकर भले आरबीआई ने लोगों की लोन ईएमआई सस्ती ना की हो, लेकिन जो लोग अब नया लोन लेंगे उन्हें लोन के साथ लगने वाले डॉक्यूमेंटेशन, प्रोसेसिंग शुल्क और अन्य तरह के चार्जे अलग से नहीं देने होंगे. ये उनके लोन के ब्याज में ही जुड़ जाएंगे.


आपको बता दें कि आरबीआई लंबे समय से ग्राहकों के लिए लोन और उससे जुड़े सिस्टम को ट्रांसपरेंट बनाने की कोशिश कर रहा है. फिर चाहे वो लोन की रिकवरी के लिए नियमों (rules for recovery) का बनाना हो या लोन पर वसूले जाने वाले ब्याज को रेपो रेट से लिंक करना. अब आरबीआई ने लोन प्रोसेसिंग फीस और डॉक्यूमेंटेशन चार्जेस को लेकर भी ऐसा ही फैसला किया है.


नहीं देनी होगी कोई लोन प्रोसेसिंग फीस


जानकारी के लिए बता दें कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने गुरुवार को मौद्रिक नीति पेश की. उन्होंने कहा कि अभी ग्राहक जब लोन लेने जाते हैं, तो उन्हें ब्याज के साथ-साथ लोन लेने की शुरुआत में डॉक्युमेंटेशन, प्रोसेसिंग और अन्य शुल्क देने होते हैं. इस तरह उनके लोन पर आने वाला खर्च अधिक होता है. इसलिए अब बैंकों से कहा गया है कि वह लोन पर लगने वाले अन्य शुल्कों को उनके ब्याज दर में ही जोड़ दें. ताकि ग्राहकों को ये पता लग सके कि उन्हें अपने लोन पर कितना वास्तविक ब्याज देना है.


बैंकों को देनी होगी Key Facts Statement 


भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि लोन के साथ मिलने वाले ‘Key Facts Statements'(KFS) में ग्राहकों को सारी डिटेल दी जाती है. इसमें प्रोसेसिंग फीस से लेकर डॉक्युमेंटेशन चार्जेस शामिल होते हैं. अब आरबीआई ने इसे हर तरह के रिटेल लोन (कार, ऑटो, पर्सनल लोन) और एमएसएमई लोन के लिए अनिवार्य कर दिया है.


आरबीआई (RBI) ने 2024 की पहली मोनेटरी पॉलिसी को पहले की तरह यथावत रखा है. रेपो रेट की दर आखिरी बार फरवरी 2023 में बदली थी.