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बंद हुआ 5 रुपये का ये सिक्का, RBI को इस वजह से लेना पड़ा फैसला

RBI News: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पांच रूपये का ये सिक्का अब बंद हो चुका है। वैसे बाजार में पांच रुपये के सिक्के आज भी चल रहे हैं लेकिन ये खास तरह का सिक्का बंद हो चुका है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आरबीआई को इस सिक्के को बंद करने का फैसला क्यों लेना पड़ा। अगर नहीं तो आज हम आपको इस खबर में इसके पिछे की वजह के बारे में  बताने वाले हैं। जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। आईए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से.

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बंद हुआ 5 रुपये का ये सिक्का, RBI को इस वजह से लेना पड़ा फैसला

News Hindi TV, Delhi : भारतीय करेंसी ( Indian Rupees Coin Facts ) में नोट और सिक्के चलते हैं। आपने देखा होगा कि 5 का सिक्का कई तरह का होता है। एक पुराने वाला मोटा सिक्का होता है और एक इसके बाद आया सुनहरे रंग का पतला सिक्का। पिछले कुछ समय में आपने इस बात पर जरूर गौर किया होगा कि 5 रुपये के पुराने मोटे सिक्के ( 5 rupees old thick coins ) आने बंद हो गए हैं।

 

 

आसान शब्दों में कहें तो पुराने 5 रुपये के सिक्के पिछले कई सालों से बनने बंद हो गए हैं। केवल बाजार में जो सिक्के बचे हैं, वही चल रहे हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों किया गया? क्यों इन सिक्कों के बंद करके नई तरह के सिक्के बनाए गए? दरअसल, इसके पीछे एक बहुत बड़ी वजह थी। आइए जानते हैं वो वजह क्या थी...


सिक्कों से बनाते थे ब्लेड-


दरअसल, 5 रुपये के पुराने सिक्के ( 5 rupees old thick coins )काफी मोटे होते थे, लिहाजा इन सिक्कों को बनाने में भी ज्यादा मेटल लगती थी। ये सिक्के जिस मेटल से बने हुए थे, दाढ़ी बनाने वाला ब्लेड( blade from five rupee coins ) भी उसी मेटल से बनाया जाता है। जब कुछ लोगों को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने इसका गलत फायदा उठाना शुरू कर दिया। 


एक सिक्के से बनते थे इतने ब्लेड-


ज्यादा मेटल होने की वजह से इन सिक्कों को बांग्लादेश में गलत तरीकों से स्मगल( Smuggle ) किया जाने लगा। दरअसल, वहां इन सिक्कों को पिघलाकर इनकी मेटल से ब्लेड  ( metal blade )बनाया जाने लगा। एक सिक्के से 6 ब्लेड बन जाती थी और एक ब्लेड 2 रुपये में बिकती थी। इस तरह एक 5 रुपये के सिक्के को पिघलाकर उससे ब्लेड( Blade from coins ) बनाकर 12 रुपये में बेचा जा सकता था। इस तरह वहां के लोगों को काफी फायदा होता था। 


​सरफेस वैल्यू से ज्यादा थी इसकी मेटल वैल्यू-


किसी भी सिक्के की कीमत ( price of coin )दो तरह से होती है। पहली होती है ​सरफेस वैल्यू और दूसरी होती है मेटल वैल्यू। सरफेस  वैल्यू वो होती है जो सिक्के पर लिखी होती है। जैसे 5 के सिक्के पर 5 लिखा होता है और मेटल वैल्यू होती है उसको बनाने के लिए इस्तेमाल हुई मेटल की कीमत। इस तरह 5 के पुराने वाले सिक्के को पिघलाने पर उसकी मेटल वैल्यू( Metal value of coins ), सरफेस  वैल्यू से ज्यादा थी। जिसका फायदा उठा कर उससे ब्लेड्स बनाए जाने लगे। 


बात पकड़ में आते ही उठाया गया ये कदम-


जब मार्केट में सिक्के कम होने लगे और इसकी भनक सरकार को लगी तो भारतीय रिजर्व बैंक( RBI ) ने 5 रुपये के सिक्कों को पहले के मुकाबले पतला कर दिया और साथ ही इसको बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाली मेटल को भी बदल दिया ताकि बांग्लादेशी इनसे ब्लेड ना बना सकें।