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Savings Account बैलेंस कब हो सकता निगेटिव, RBI ने मिनिमम बैलेंस को लेकर बताए नियम

Savings Account Rules : यदि आपका भी बैंक में सेविंग अकाउंट हैं। तो यह खबर आपके काम की हैं। आपको बता दें कि आज हम आपको इस खबर में बताने जा रहे हैं। कि सेंविंग अकाउंट का बैलेंस भी निगेटिव हो सकता हैं। और आरबीआई ने मिनिमम बैलेंस को लेकर कुछ नियमों के बारे में भी बताया हैं। जानिए पूरी डिटेल...
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Savings Account बैलेंस कब हो सकता निगेटिव, RBI ने मिनिमम बैलेंस को लेकर बताए नियम 

NEWS HINDI TV, DELHI: यह सबको मालूम होना चाहिए कि बैंकों की तरफ से खाते में बैलेंस एक न्यूनतम सीमा (Minimum Balance) से कम होने पर कुछ पेनाल्टी लगाई जाती है. वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने लोकसभा में लिखित जवाब में कहा था कि पब्लिक सेक्टर के बैंक और प्राइवेट सेक्टर के 5 मुख्य बैंकों ने पिछले 5 सालों में मिनिमम बैलेंस ना मेंटेन करने पर पेनाल्टी लगाकर करीब 21 हजार करोड़ रुपये कमाए हैं. अलग-अलग बैकों के लिए यह चार्ज 400-500 रुपये के बीच रहता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर ऐसे खातों से सारे पैसे निकाल लिए जाएं और बैंक पेनाल्टी (bank penalty) लगा दे तब तो आपका बैलेंस निगेटिव हो जाएगा. तो क्या किसी का अकाउंट बैलेंस निगेटिव भी जा सकता है? आइए जानते हैं इसके बारे में.


क्या दिए हैं रिजर्व बैंक ने निर्देश?


भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों (Reserve Bank of India instructions) के अनुसार सभी बैकों के लिए ये जरूरी है कि वह सुनिश्चित करें कि किसी भी खाते में मिनिमम बैलेंस ना रखने के चलते पेनाल्टी लगने से बैलेंस निगेटिव ना हो. हालांकि, इसका ये बिल्कुल भी मतलब नहीं है कि ग्राहक को मिनिमम बैलेंस ना रखने की पेनाल्टी नहीं चुकानी होगी. अब फिर से वही सवाल उठता है कि अगर पेनाल्टी लगेगी तब तो मिनिमम बैलेंस निगेटिव हो जाएगा.

ग्राहकों को है सुचना का अधिकार:

आरबीआई (RBI) ने इसे लेकर 20 नवंबर 2014 को एक सर्कुलर जारी किया था. इसके अनुसार तमाम बैंक ग्राहक की परेशानी और उसके ध्यान ना दे पाने की वजह से उस पर चार्ज नहीं लगा सकते. बैंकों को ग्राहकों को इसकी सूचना तुरंत देनी होगी, जैसे ही खाता मिनिमम बैलेंस से नीचे चला जाए. बैंकों को अपने ग्राहकों को ऐसी स्थिति में लगने वाले चार्ज की सूचना देनी भी जरूरी है, ताकि वह समय रहते जरूरी कदम उठा सके. 


बेसिक अकाउंट में करले खाता तबदील:

बता दें कि रिजर्व बैंक के सर्कुलर के मुताबिक, बैंकों को ऐसे खातों पर पेनाल्टी (penalty on Bank accounts) लगाने के बजाय उस पर दी जाने वाली सुविधाओं को सीमित कर देना चाहिए. साथ ही बैंकों को ऐसे खातों को बेसिक अकाउंट में बदल देना चाहिए. वहीं जब ग्राहक के खाते में बैलेंस फिर से मिनिमम बैलेंस से अधिक हो जाए तो उसे रेगुलर अकाउंट में रीस्टोर कर देना चाहिए.

बैंक द्वारा कैसे चार्ज की जाती हैं पेनाल्टी?

आपको बता दें कि किसी खाते में मिनिमम बैलेंस (minimum balance) से कम पैसे होने पर खाता निगेटिव हो जाता है. वहीं जब ग्राहक उसमें पैसे डालता है तो पहले पेनाल्टी के पैसे काट लिए जाते हैं. मान लीजिए कि किसी खाते में मिनिमम बैलेंस ना रखने की वजह से 1000 रुपये की पेनाल्टी लग गई है तो उस खाते में जैसे ही ग्राहक 5 हजार रुपये डालेगा, उसमें से सबसे पहले 1000 रुपये काट लिए जाएंगे और ग्राहक सिर्फ 4 हजार रुपये ही वापस निकाल पाएगा.