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Income Tax का नोटिस आने पर नजरअंदाज करना पड़ेगा भारी, जानिये कैसे देना होता है जवाब

Income Tax Return notice : अगर आपने इनकम टैक्स रिटर्न करते समय कुछ गलतियां कर दी है और आपको इनकम टैक्स का नोटिस आ गया है। ऐसे में इनकम टैक्स के नोटिस को नजरअंदाज कर दिया। तो आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में ये बताने जा रहे हैं कि कैसे देना होता है इनकम टैक्स के नोटिस का जवाब...

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Income Tax का नोटिस आने पर नजरअंदाज करना पड़ेगा भारी, जानिये कैसे देना होता है जवाब

NEWS HINDI TV, DELHI : अगर आपने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते वक्त फेक डिडक्शन (कटौती) और छूट दिखाई है तो आप परेशानी में पड़ सकते हैं। कई ऐसी रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं जिनमें कहा गया है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंस सैलरीड टैक्सपेयर्स को नोटिस भेज रहा है। इस नोटिस में टैक्सपेयर्स से ITR में क्लेम किए गए डिडक्शन और टैक्स एग्जेम्प्शन (tax exemptions) का प्रूफ मांगा जा रहा है।

बता दें कि टैक्स नियमों के मुताबिक, कोई भी टैक्सपेयर Old Regime के तहत कई तरीके से टैक्स में छूट और डिडक्शन क्लेम कर सकता है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई टैक्सपेयर्स ने अपने ITR में फेक और जाली डिडक्शन दिखाया है। अब उन पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर है और ऐसे टैक्सपेयर्स को नोटिस दिया जा रहा है।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस मिलने के बाद क्या करें?

इनकम टैक्स नोटिस को अब आमतौर पर टैक्सपेयर्स की रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पर भेजा जाता है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से मिले किसी भी नोटिकस का जवाब सैलरी पाने वाले टैक्सपेयर्स को समय से देना चाहिए। नोटिस के जवाब में किसी भी तरह की देरी होने पर टैक्सपेयर के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन सकता है।

टैक्स कंसल्टेंसी फर्म RSM India के फाउंडर डॉक्टर सुरेश सुराना का कहना है, ‘अगर किसी टैक्सपेयर को टैक्स डिपार्टमेंट से कोई नोटिस मिलता है तो नोटिस में बताए गए सभी सवालों का सही जवाब समय से देना जरूरी है।

इसके अलावा, असेसमेंट की किसी भी प्रक्रिया के लिए टैक्सपेयर को सभी सपोर्टिंग दस्तावेज जैसे रीसिप्ट, वाउचर्स, इनवॉइस या क्लेम किए गए किसी डिडक्शन, छूट, अलाउंस या रीबेट का एविंडेस प्रूफ तैयार रखना चाहिए।

लॉ फर्म PSL Advocates & Solicitors में पार्टनर विपुल जैन कहते हैं, ‘डिडक्शन और छूट क्लेम करते समय किसी भी टैक्सपेयर को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके द्वारा क्लेम किए गए डिडक्शन या एग्जेम्प्शन की रसीद, इनवॉइस या दूसरे दस्तावेज सही हों। अगर किसी सैलरीड टैक्सपेयर को फेक डिडक्शन क्लेम करने के लिए नोटिस मिलता है तो जरूरी है कि ऐसे टैक्सपेयर तुरंत एक्शन लें।

टैक्स डिपार्टमेंट से कब-कब मिल सकता है नोटिस?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ITR फाइल करत समय किसी तरह की गड़बड़ी होने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस भेजता है।

Tax2win by Fisdom के सीईओ और को-फाउंडर अभिषेक सोनी का कहना है, ‘टैक्सपेयर द्वारा रिटर्न में दिखाए गए डिडक्शन और उसके इम्प्लॉयर (Form 16) के बीच किसी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर नोटिस भेजा जाता है। इसके अलावा पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में टैक्सेबल इनकम कम होने पर भी नोटिस भेजा जाएगा।

नोटिस का जवाब देने के लिए मिलता है कितना समय?

नोटिस मिलने के बाद टैक्सपेयर को आमतौर पर जवाब देने के लिए 15 दिन का समय मिलता है। हालांकि, तय समय में नोटिस का जवाब ना देने में असमर्थ होने पर टैक्सपेयर अपने लोकल असेसिंग ऑफिसर (Assessing Officer) से डेडलाइन को बढ़ाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

सोनी का कहना है, ‘टैक्सपेयर को एक नोटिस मिलेगा और इसका जवाब देने के लिए 15 दिन का समय मिलता है। अगर उन्हें और समय चाहिए तो वे ऑफिसर से एक्सटेंशन मांग सकते हैं।

इनकम टैक्स नोटिस का जवाब कैसे दें? इन स्टेप्स को करें फॉलो

नोटिस को नजरअंदाज ना करें: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से मिलने वाले नोटिस को नजरअंदाज करने करने के गंभार कानूनी परिणाम हो सकते हैं। इसलिए नोटिस के जवाब देने के लिए दिए गए तयययय समय में जवाब जरूर दें।

सावधानी से पढ़ें नोटिस: यह समझें कि नोटिस किस बारे में है। इस नोटिस में आमतौर पर ITR में गड़बड़ी या गलती जैसी जानकारी रहती है।

सभी जरूरी दस्तावेजों को कलेक्ट करें: उन सभी जरूरी दस्तावेजों और सूचना को इकट्ठा कर लें जो नोटिस में बताई गईं आपकी गड़बड़ी को समझाने के लिए आपका सपोर्ट कर सकें।

प्रोफेशनल सलाह लें: इनकम टैक्स मामलों से जुड़े एक्सपर्ट चार्टेड अकाउंटेंट (CA) से सलाह करना समझदारी रहेगी। सीए आपको नोटिस में बताई गई गड़बड़ी को आसानी से समझा सकेंगे और उसका सही जवाब भी तैयार करने में मदद कर पाएंगे।

अपने जवाब को तैयार रखें : अगर आप खुद से नोटिस का जवाब देना चाहते हैं तो नोटिस में बताई गई समस्या के हल का जवाब देने वाला ड्राफ्ट तैयार रखें। अपने जरूरत पड़ने पर जरूरी दस्तावेज भी प्रोवाइड करें।

जवाब सबमिट करें : अपना जवाब देने के लिए नोटिस में दिए गए दिशा-निर्देशों को फॉलो करें। आमतौर पर इस जवाब को इनकम टैक्स पोर्टल पर सबमिट करने की जरूरत होती है।

रिकॉर्ड्स जरूर रखें : ध्यान रहे कि सभी कम्युनिकेशन जैसे ओरिजिनल नोटिस और अपने जवाब के साथ-साथ सपोर्टिंग दस्तावेजों की कॉपी अपने पास जरूर रखें।

क्या आपको CA और वकील को कंसल्ट करना चाहिए?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंस से मिले नोटिस का जवाब देने के लिए टैक्सपेयर्स को प्रोफेशनल सलाह लेनी चाहिए।

डॉक्टर सुराना कहते हैं, ‘हमारी सलाह है कि टैक्सपेयर्स प्रोफेशनल मदद और सलाह लें। और इस तरह के इनकम टैक्स नोटिस का गलत तरीके से जवाब ना दें। गलत जवाब से टैक्स बढ़ने के अलावा पेनल्टी भी लग सकती है।

वहीं अभिषेक सोनी के मुताबिक, अगर नोटिकस टैक्स की समस्या जैसे फेक डिडक्शन, छूट, कैलकुलेशन आदि से जुड़ा है तो CA या वकील की उचित सलाह लें। उनका कहा है कि टैक्स से जुड़े मामलों में विशेषज्ञ CA आपको टैक्स के नियमों की जटिलता समझा सकते हैं और वह आपको जवाब देने का सही तरीका भी बता पाएंगे।

अगर आपके नोटिस में टैक्स के अलावा किसी तरह के कोई और लीगल एक्शन जैसे कि लीगल डिस्प्यूट्स (कानूनी विवाद) एक्शन की कोई बात है तो एक वकील से कंसल्ट करना ज्यादा सही रहेगा।