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Electric Buses Haryana : हरियाणा के इन 11 शहरों में चलेंगी 550 इलेक्ट्रिक बस, होगा यात्रियों को लाभ

Electric Buses In Haryana : हाल में ही सरकार ने प्रदेश के 11 शहरों 550 नई इलेक्ट्रिक बसें चलाने का फैसला लिया है। जानें पूरी जानकारी..
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Electric Buses Haryana : हरियाणा के इन 11 शहरों में चलेंगी 550 इलेक्ट्रिक बस, होगा यात्रियों को लाभ

(चंडीगढ़): हरियाणा में रोज विकास के कार्य हो रहे हैं। सरकार प्रदेश इनफ्रास्टक्चर के साथ-साथ परिवहन सुविधा को नित नए सुधार ला रही है। इसके साथ की ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन और प्रदूषण को रोकने के लिए कई प्रकार के कार्य कर रही है। अब सरकार ने इस कड़ी में बड़ा फैसला लेना का फैसला लिया है। इसमें सरकार ने 550 नई इलेक्ट्रिक बसें चलाने का फैसला लिया है। 

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ये बसें(Electric Bus) हरियाणा के 11 शहरों में अगले साल यानि 2023 में चलाई जाएंगी। यह बसें एक प्रकार से किलोमीटर स्कीम की तरह ली जाएंगी। बसें, चालक और अन्य समान कंपनी का होगा जबकि कंडक्टर रोडवेज का होगा। किलोमीटर स्कीम के तहत ली गई डीजल बस ऊपर दिए गए कंडक्टर भी रोडवेज के होंगे अन्य सामान मालिकों का होगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को इंफ्रास्ट्रक्चर की कैबिनेट सब कमेटी की बैठक में 11 शहरों में 550 इलेक्ट्रिक बसे लेने की स्वीकृति मिली है।

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यह इलेक्ट्रिक बसें फरीदाबाद, गुरुग्राम, पंचकूला, अंबाला, करनाल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, हिसार, यमुनानगर और रेवाड़ी में चलेंगी। यह इलेक्ट्रिक बस इन 9 मीटर और 12 मीटर लंबाई की कैटेगरी में होंगी और सभी एयर कंडीशन (Air Condition) होंगी।

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हर शहर में चलेंगी 50 इलेक्ट्रिक बसें 
राज्य परिवहन ने इन इलेक्ट्रिक बसें लेने का कारण कुशल और पर्यावरण इलेक्ट्रिक बस(electric bus) प्रौद्योगिकियों के महत्वपूर्ण प्रवेश को प्राप्त करने के लिए, राज्य परिवहन विभाग हरियाणा(State Transport Department Haryana) समान राष्ट्रीय और वैश्विक आंदोलन के साथ हरित प्रौद्योगिकी की दिशा में राज्य और आसपास के क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन में शून्य उत्सर्जन बसें लाना चाहता है। प्रत्येक शहर में 50 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी।

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कितना घाटा-कितना नफा
GCC मॉडल ( प्रति किलोमीटर की दर) वाली इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से राज्य परिवहन को लाभ होगा या हानि यह तो बाद में पता चलेगा। मुझे अपनी फसल लेने के लिए जो गणना की गई है इसमें 12 मी.  एयर कंडीशन बस के मार्जन में फायदा ज्यादा होगा। अन्यथा प्रति किलोमीटर घाटा ही होगा। रोडवेज के पास इलेक्ट्रिक बसें चलाने का कोई अनुभव नहीं है, तथा न ही इनके पास ढांचा है इसीलिए अगर रोडवेज स्वयं इन बसों को चलाता है तो थोड़ा मुश्किल होता। इसीलिए इस मॉडल पर इन बसों को लेने का फैसला किया गया है।

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GCC मॉडल पर ली जाएंगे बसें
यह इलेक्ट्रिक बसें गॉस कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट मॉडल(Gauss Cost Contract Model) पर ली जाएंगी। इस कॉन्ट्रैक्ट का अर्थ है कि जो कंपनी बोली प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह बसें रोडवेज को देंगी, उस कंपनी की जिम्मेदारी में बसों की सप्लाई, बसों की मरम्मत और रखरखाव, बसों के लिए चालक और सभी प्रकार के लाइसेंस शामिल है। चार्जिंग पर जो भी खर्च होगा वह रोडवेज वहन करेगा, पार्किंग भी रोडवेज को करनी होगी। इन बसों को स्पेशल परपज व्हीकल चलाएंगे। यह एचपीवी रोडवेज के अधीन होगा और एचपीवी का प्रबंधन भी रोडवेज के पास होगा।

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टेंडर भी CESL करेगी
परिवहन विभाग(Roadways Department) के एक अधिकारी ने बताया कि इन बसों को लेने के लिए टेंडर करने का जिम्मा सीईएसएल को मिली है। सीईएसएल केंद्रीय विद्युत मंत्रालय की सब्सिडरी है। सीईएसएल(CESL ) राज्य परिवहन विभाग(state transport department) की ओर से संविदा आमंत्रित करेगी। सीईएसएल GCC मॉडल पर प्रति किलोमीटर की दर के साथ इलेक्ट्रिक बसों की सप्लाई के लिए टेंडर को अंतिम रूप देने में परिवहन विभाग की सहायता करेगा। सभी इलेक्ट्रिक बसें जुलाई 2023 तक मिलने की आशा है।