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IAS and IPS Success Story : असफलताओं से निराश होकर UPSC छोड़ने का फैसला किया, दोस्तों ने एक और प्रयास करने के लिए कहा, आखिरकार बन ही गए IPS अधिकारी

Success Story : हमने अब तक कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की सफलता की कहानियां सुनी हैं। हमने ऐसे कई अधिकारियों का अध्ययन किया है जो कई बार असफल हुए लेकिन फिर सफलता की ऊंचाइयों को छुआ और आईएएस और आईपीएस अधिकारी बन गए। आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी बताने जा रहे हैं, जो संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में कई बार फेल हुए और फिर मां के कहने पर पांचवीं बार कोशिश की. यह आईपीएस ऑफिसर अक्षत कौशल की कहानी है.
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IAS and IPS Success Story : असफलताओं से निराश होकर UPSC छोड़ने का फैसला किया, दोस्तों ने एक और प्रयास करने के लिए कहा, आखिरकार बन ही गए IPS अधिकारी

NEWS HINDI TV, DELHI:  हमारे देश में लाखों लोग इलेक्ट्रीशियन बनने के संशय के साथ यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में भाग लेते हैं। कुल मिलाकर यह हमारे देश की सबसे कठिन यात्राओं में से एक है इसलिए इसमें कुछ ही लोग शामिल होते हैं और अपनी लगन और मेहनत के दम पर सफल होते हैं और अपना सपना पूरा करते हैं. ऐसे ही एक आईएएस अक्षत जो शुरुआती पढ़ाई में एवरेज होने के बावजूद दृण निश्चय के बल पर इस एग्जाम में सफल हुए। वह इस एग्जाम न केवल सफल हुए बल्कि उन्होंने इसमें दूसरी रैंक हासिल कर आईएएस बनने का सपना भी पूरा किया।


 

 

 

अक्षत कौशल चार बार फाइनल रिजल्ट में नाम नहीं आने पर उन्हें काफी निराशा हुए थे. उनका मानना था कि शायद यह उनकी किस्मत में नहीं था कि सिविल सेवा परीक्षा लिखी गई, लेकिन पांचवें प्रयास में क्या हुआ.


अक्षत के मुताबिक उन्होंने ठान लिया था कि वह अफसर बनेंगे, लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब उन्हें लगा कि उनका यह सपना कभी पूरा नहीं हो पाएगा. अक्षत ने परीक्षा की तैयारी के लिए दिन-रात मेहनत की. उन्होंने अब तक तीन बार परीक्षा दी थी.


अब लोग उनका मजाक उड़ाने लगे. हर दूसरा व्यक्ति यही पूछता था कि काम कब होगा. वहीं चौथी बार भी क्लियर नहीं कर पाए तो परेशान घर के बाहर टहलने निकल गए. अक्षत कौशल के मुताबिक, उन्होंने साल 2012 से सिविल सर्विस की तैयारी शुरू की थी, वे चार साल तक इस परीक्षा में फेल होते रहे.

अब से अक्षत ने ठान लिया कि वह अफसर बनने के अपने सपने को पूरा करेंगे और कोई काम भी करेंगे. इतना ही नहीं हताशा इस हद तक बढ़ गई थी कि उन्होंने अपनी पढ़ाई भी छोड़ दी थी. दोस्तों ने काफी समझाया कि हार नहीं माननी चाहिए तो अक्षत ने पांचवीं बार ट्राई करने की सोची.

उन्होंने अपने माता-पिता से कहा कि वह एक बार फिर से इसकी तैयारी करेंगे. उनकी मां ने भी बेटे का हौसला बढ़ाया और कहा हां एक बार और कोशिश करो. तब प्रीलिम्स में सिर्फ 16 दिन बचे थे. साल 2017 में अक्षत ने इन 16-17 दिन में परीक्षा की तैयारी की और पांचवें अटेंप्ट में ऑल इंडिया रैंक 55 हासिल की.