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Success Story : बार-बार असफल होने पर भी नही मानी हार, इस तरह हासिल की छठे प्रयास में सफलता

UPSC Success Story : UPSC सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल करना एक कठिन चुनौती है। अक्सर, कई प्रयासों के बाद भी उम्मीदवारों को निराशा का सामना करना पड़ता है।  ऐसी ही कहानी कुछ प्रियंका गोयल की है। यूपीएससी में पांच बार फेल होने के बाद भी हार नहीं मानी और छठे प्रयास में परीक्षा को पास कर ही लिया।

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Success Story : बार-बार असफल होने पर भी नही मानी हार, इस तरह हासिल की छठे प्रयास में सफलता

NEWS HINDI TV, DELHI: देश की सबसे बड़ी और सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक है संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा में शामिल होने के लिए हर साल लाखों उम्मीदवार परीक्षा में बैठते हैं। जिनमें से कम ही ऐसे उम्मीदवार होते हैं जो इस परीक्षा में सफलता (success in exam) हासिल कर लेते हैं। किसी को ये सफलता पहले प्रयास में मिलती है तो किसी को दूसरे- तीसरे प्रयास में। कहते हैं कि यूपीएससी में अगर कोई उम्मीदवार दो से तीन बार असफल हो जाता हैं तो वह अक्सर डिप्रेशन का शिकार या निराशावाद जीवन की रहा पकड़ लेते हैं,


 

 

 

 

 

लेकिन उम्मीदवारों को ये नहीं भूलना चाहिए कि ये महज एक है, उनका जीवन नहीं। इसलिए हमेशा अपनी विश्वास और उम्मीदों को जिंदा रखना चाहिए। आज हम आपको ऐसी लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं, जो यूपीएससी की परीक्षा (upsc exam) में पांच बार असफल हुईं और छठे प्रयास में परीक्षा को पास कर साबित कर दिया, "लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती"। आइए जानते हैं प्रियंका के बारे में।

प्रियंका गोयल (Priyanka Goyal) का जन्म राजधानी नई दिल्ली में हुआ। यहीं से ही उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की। स्कूल की पढ़ाई समाप्त होने के बाद उन्होंने  केशव महाविद्यालय में दाखिला लिया और यहां से उन्होंने बीकॉम की डिग्री हासिल की।
वह शुरू से ही पढ़ाई में काफी अच्छी थी। कॉलेज से डिग्री लेने के बाद उन्होंने यूपीएससी पास करने और आईएएस अधिकारी बनने के लिए तैयारी शुरू कर दी थी। वह बचपन से ही IAS अधिकारी बनना चाहती थी, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि उनका ये सफर काफी लंबा होगा।

ये तो हम सभी जानते हैं, देश की सबसे प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में से एक UPSC को पास करना कोई आसान काम नहीं है। प्रियंका गोयल को अपने शुरुआती प्रयासों में सिलेबस की पूरी समझ नहीं थी, जिसके कारण वह प्रीलिम्स परीक्षा को पास नहीं कर पाई थी। उनके दूसरे प्रयास में, वह कट-ऑफ से केवल 0.7 अंकों से चूक गई थी। जिस कारण उनका नाम लिस्ट में नहीं आया था।


तीसरे प्रयास में प्रियंका ने प्रीलिम्स तो क्लियर कर लिया, लेकिन मेन्स क्लियर नहीं कर पाई थी। क्योंकि शुरुआती दो असफलताओं के कारण वह केवल प्रीलिम्स की तैयारी कर रही थी और मेन्स परीक्षा पर ध्यान नहीं दिया था।


चौथे प्रयास में उन्होंने प्रीलिम्स के जीएस में काफी अच्छा स्कोर हासिल किया लेकिन वह CSAT को पास नहीं कर पाई थी। चौथे प्रयास में असफल होने के बाद उनका हौसला डगमगाया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और पांचवीं बार परीक्षा देने का फैसला किया।

पांचवें प्रयास के दौरान ही कोविड आ गया था और मेरी मां बहुत बीमार हो गईं थी, उनके 80% फेफड़े खराब हो गए थे। जिससे प्रियंका को कोफी टेंशन होने लगी थी। हालांकि कुछ समय बाद सब ठीक हो गया था। वहीं मां के बीमार होने की वजह से पढ़ाई को भी काफी नुकसान हुआ। वहीं परीक्षा के लिए रिवाइज नहीं कर पाई थी और महत्वपूर्ण टॉपिक्स को भूलने लगी थी। जिसके कारण वह प्रीलिम्स परीक्षा को पास नहीं कर पाई थी।


प्रियंका के पास अब आखिरी प्रयास बाकी था। ये उनके लिए  'करो या मरो' वाली स्थिति थी। वह इस दौरान उनपर समाज की ओर से भी शादी और अन्य चीजों का काफी दबाव था। हालांकि उन्होंने इस बार पूरी तरह अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया। अपने छठे प्रयास में 369वीं रैंक हासिल कर यूपीएससी की परीक्षा (upsc exam) को पास कर लिया।
बता दें, छठे प्रयास का परिणाम देखने के बाद, 6-7 वर्षों का संघर्ष और दर्द उनकी आंखों से झलक गया और उनके आंसू रुके नहीं। जो बयां कर रहे थे कि मेहनत का फल एक न एक दिन जरूर मिलता है।