Navratri 2023 : नवरात्रों में मां दुर्गा को प्रसंग करने के लिए जपे ये मंत्र
Shardiya Navratri : अगर आप भी नवरात्रों में मां दुर्गा की पुजा करते है तो ये खबर आपके लिए खास है आज हम आपको इस खबर में बताएंगे कि कौन से मंत्रों का जाप करने से मां दुर्गा प्रसंग होती है आइए जानते है नीचे खबर में.
NEWS HINDI TV, DELHI : जगत का सृजन, पालन और संहार करने वाली आद्याशक्ति एक ही हैं। उनके लोक कल्याणकारी रूप को ही दुर्गा कहते हैं। वे संसार के प्राणियों को दुर्गति से निकालती हैं, इसलिए दुर्गा कहलाती हैं। वे हमें हर विघ्न-बाधा से बचाती हैं, प्रसन्न होने पर सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य का वरदान देती हैं।
अगर आप सच्ची भक्ति (true devotion) के साथ मां जगदंबा को पूजते हैं तो वे अवश्य ही आपकी प्रार्थना सुनेंगी। कुछ ऐसे मंत्र भी हैं, जो अलग-अलग कार्य को सिद्ध करने के लिए हैं। इनका जाप कर आप मां को प्रसन्न कर उनसे मनचाहा वरदान प्राप्त कर सकती हैं।
विद्या की देवी सरस्वती :
विद्या की देवी सरस्वती हैं, इसलिए विद्यार्थियों को नवरात्रि में देवी सरस्वती का ध्यान करना चाहिए। विद्यार्थी वर्ग या जिन लोगों की जन्म-कुंडली में गोचर में राहु अशुभ हो, उनकी दशा, अंतर्दशा अथवा प्रत्यांतर दशा चल रही हो, वे सभी ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नम:’ मंत्र पढ़ते हुए माता शक्ति की पूजा अथवा जाप करें। यह अमोघ मंत्र है। प्रतिदिन इसके जाप से ज्ञान बढ़ता है, बुद्धि कुशाग्र होती है और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
घर-परिवार की शांति :
जिन जीवात्माओं के घर में अशांति हो, ईंट से ईंट टकराती हो, उन्हें ‘या देवि! सर्वभूतेषु शांति रूपेण संस्थिता! नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:!’ इस मंत्र का जप करना चाहिए। पूजन घर-परिवार की अशांति दूर कर देगा।
लक्ष्मी प्राप्ति :
जिन लोगों पर काफी कर्ज हो चुका है, उनके लिए नवरात्रि पर्व लक्ष्मी प्राप्ति और कर्ज से मुक्ति के प्रयास का सही समय है। आप शक्ति साधना के इस अवसर पर ‘या देवि! सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता! नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:!’
इस मंत्र का जप करें और इसी मंत्र से मां की पूजा करें। इन सबके अतिरिक्त अगर संभव हो तो कुंजिका स्तोत्र और देव्य अथर्वशीर्ष का पाठ करें। जिनको पूर्ण विधि-विधान आता है, वे भक्त अपने ही अनुसार मां की भक्ति करें।
शीघ्र विवाह के लिए :
जिन लड़कों का विवाह न हो रहा हो, वे ‘पत्नी मनोरमां देहि! मनो वृत्तानु सारिणीम तारिणीम दुर्ग संसार सागरस्य कुलोद्भवाम!’ इस मंत्र का जप कर सकते हैं।
जो कुंवारी कन्याएं हैं, वे विवाह के लिए इस पर्व पर ‘ॐ कात्यायनी महामाये महायोगिन्य धीश्वरि! नंद गोप सुतं देवी पतिं मे कुरु ते नम:!’ इस मंत्र से जप एवं पूजन करें। उन्हें माता की कृपा से पति की शीघ्र प्राप्ति होगी।