Alcohol : कितनी शराब पीकर चला सकते हैं गाड़ी, जानिये नियम वरना हो जाएगी मुश्किल
NEWS HINDI TV, DELHI: भारत के कई शहरों में 'डॉन्ट ड्रिंक एंड ड्राइव' के पोस्टर भी लगाए गए हैं और इसे रोकने के लिए रातों में पुलिस की ओर से चेक प्वाइंट्स भी लगाए जाते हैं। देश के कानून में एल्कोहल लिमिट से बाहर (out of alcohol limit) होना सबसे सख्त कानून है। इसके बावजूद भी यहां रोड एक्सिडेंट और शराब पीकर हो रहे एक्सिडेंट दूसरे देशों की तुलना में काफी ज्यादा है। आज हम अपनी इस खबर में आपको बताने जा रहे हैं कि कितनी मात्रा में एल्कोहल पीकर गाड़ी चलाना (how much alcohol to drink and drive) आपको भारी पड़ सकता है।
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हर साल बड़ी संख्या में ड्रंक एंड ड्राइव के केस (Drunk and drive cases) सामने आते हैं। अगर आप शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं तो इसकी वजह से आप अपनी जान से हाथ धो सकते हैं। बहुत से लोगों को लगता है कि वह शराब पीने के बाद माउथ फ्रेशनर खाकर गाड़ी चलाएंगे तो पुलिस से बच सकते हैं लेकिन ट्रैफिक पुलिस के पास एक खास तरह की मशीन होती है जिसे ब्रेथलाईजर भी कहते हैं।
इसकी मदद से यह आसानी से पता लगाया जा सकता है कि आप शराब पीकर गाड़ी चला रहे हैं या नहीं। इससे जुड़े हुए कई नियम भी हैं तो चलिए जानते हैं इन नियमों के बारे में।
ड्रिंक एंड ड्राइव केस में कितनी सजा होती है?
आपको बता दें कि भारत में कोई भी शख्स ड्रिंक एंड ड्राइव के केस में फंसता है तो उस पर ट्रैफिक पुलिस धारा 185 लगाती है। इसके अनुसार आपका वाहन मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 207 के तहत जब्त किया जाता है। इसके साथ-साथ सारे वाहन के डॉक्युमेंट्स भी ट्रैफिक पुलिस अपने पास जमा कर लेती है और उसे कोर्ट में पेश करती है। इसमें सात माह तक की जेल या फिर 2,000 रुपये से लेकर 10000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
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जानें कितनी मात्रा में पीकर चलाई जा सकती है गाड़ी
भारत में हर वर्ष ड्रिंक एंड ड्राइव केस के कई सारे मामले सामने आते हैं इसलिए शराब पीकर गाड़ी नहीं चलानी चाहिए। आपको बता दें कि यदि व्यक्ति के ब्लड में अल्कोहल कंटेंट की मात्रा 100 एमएल में 0.03 प्रतिशत यानी की 30 मिलीग्राम होता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई नहीं की जाती है। इससे ज्यादा मात्रा में शराब पीकर गाड़ी चलाने पर कानूनी कार्रवाई की जाती है।
आपको बता दें कि वर्जीनिया टेक यूनिवर्सिटी में हुई एक रिसर्च के अनुसार बीयर की दो पाइंट बोतल में 600 एमएल और व्हिस्की में 60 एमएल को पीने से शरीर में ब्लड अल्कोहल कंटेंट का हिस्सा बनता है। इस रिसर्च के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि 9.5 एमएल का अल्कोहल को शरीर से यूरिन के द्वारा बाहर निकलने में कम से कम 1 घंटे का समय लगता है। इसलिए आपको कम से कम दो घंटे के बाद ही गाड़ी चलानी चाहिए ताकि आप नशे में ना रहे।