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UP Liquor Sale: यूपी के इन दो जिलों ने शराब पीने के मामले में बनाया रिकॉर्ड, हर रोज पी जाते हैं इतने करोड़ की शराब

UP Liquor Sale: मिली ताजा रिपोर्ट के अनुसार आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के दो जिलों ने शराब पीने के मामले में नया रिकार्ड बनाया है। हर रोज ये दो जिले इतने करोड़ रुपये की शराब पी जाते हैं। यूपी में हर रोज 115 करोड़ रुपये की शराब और बीयर की खपत हो रही है। शायद ही कोई ऐसा जिला हो जिसमें तीन करोड़ से कम की शराब की बिक्री होती हो। चलिए नीचे खबर में जानते हैं इस अपडेट के बारे में.
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UP Liquor Sale: यूपी के इन दो जिलों ने शराब पीने के मामले में बनाया रिकॉर्ड, हर रोज पी जाते हैं इतने करोड़ की शराब

NEWS HINDI TV, DELHI: देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में लोग अब ज्यादा शराब( Alcohol consumption in UP ) पी रहे हैं। पिछले कुछ सालों के दौरान तो शराब की खपत में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है। राज्य के आबकारी विभाग( Excise Department ) के आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश( UP News ) के कई जिलों में हर रोज शराब की खपत 10-10 करोड़ रुपये से ज्यादा की है।

2 साल में इतनी बढ़ी खपत-


 एक खबर के अनुसार, उत्तर प्रदेश( daily alcohol consumption in up india ) के लोग हर रोज 115 करोड़ रुपये की शराब और बीयर( Wine Beer ) गटक जा रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि पूरे राज्य में शायद ही कोई ऐसा जिला है, जहां शराब और बीयर की डेली बिक्री ढाई-तीन करोड़ रुपये से कम की है। पिछले कुछ सालों के दौरान राज्य में शराब की खपत( Alcohol consumption in UP ) तेजी से बढ़ी है। सिर्फ 2 साल पहले राज्य में शराब की औसत खपत हर रोज करीब 85 करोड़ रुपये की थी।

इन 2 जिलों में सबसे ज्यादा खपत-


खबर में आबकारी विभाग के एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि राज्य में कई ऐसे जिले हैं, जहां शराब की डेली खपत 12-15 करोड़ रुपये है। सबसे ज्यादा शराब की खपत करने वाले जिलों को देखें तो नोएडा और गाजियाबाद सबसे ऊपर है। इन दो जिलों में हर रोज 13 से 14 करोड़ रुपये की शराब व बीयर की खपत हो रही है।


कम नहीं इन जिलों के रहवासी-


पर्यटकों से गुलजार रहने वाला आगरा जिला भी बहुत पीछे नहीं है, जहां औसत रोजाना खपत 12-13 करोड़ रुपये की है। लखनऊ( Lucknow ) जिले में यह खपत 10-12 करोड़ रुपये डेली है। इसी तरह मेरठ और कानपुर भी दहाई अंकों का आंकड़ा रखते हैं। मेरठ के लोग हर रोज करीब 10 करोड़ रुपये की शराब पी रहे हैं, तो वहीं कानपुर में हर रोज 8 से 10 करोड़ रुपये की शराब की खपत हो रही है। वाराणसी भी 6-8 करोड़ रुपये की शराब की रोज खपत कर रहा है।


इन कारणों से बढ़ रही है डिमांड-


आबकारी अधिकारी का दावा है कि पिछले 2-3 साल के दौरान राज्य के लगभग सभी जिले में शराब और बीयर(wine and beer) की खपत बढ़ी है। मजेदार है कि शराब की खपत के कुल आंकड़े में 45 से 50 फीसदी योगदान देसी पीने वाले दे रहे हैं। अधिकारी का कहना है कि कई कारण हैं, जो शराब की खपत को बढ़ा रहे हैं। लोगां की कमाई बढ़ रही है और उनके जीने के स्तर में सुधार हो रहा है। धीरे-धीरे शराब की सामाजिक स्वीकार्यता बढ़ रही है और आबकारी विभाग की सख्ती से तस्करी पर अंकुश है।

पूरे देश में बढ़ी है बिक्री-


इससे पहले ईटी की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत में लोगों ने करीब 40 करोड़ शराब की पेटियों की खरीदारी की। इसे औसत निकालें तो मतलब यह निकलता है कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान शराब के शौकीनों ने 750 एमएल की करीब 4.75 अरब बोतलें खरीद ली। बिक्री के आंकड़े बताते हैं कि शराब की मांग हर कैटेगरी में आई। चाहे व्हिस्की हो या रम, ब्रांडी हो या जिन अथवा वोदका...हर तरह की शराबें खूब बिकीं। इनमें भी प्रीमियम यानी अधिक कीमत वाली शराब की बिक्री ज्यादा रही।