8th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ा अपडेट, अब नहीं आएगा आठवां वेतन आयोग, इस फॉर्मूले से बढ़ेगा वेतन

8th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारी लंबे समय से इस इंतजार में है कि आठवां वेतन आयोग कब लागू होगा तो बता दें कि अब आठवां वेतन आयोग नहीं आएगा बल्कि केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी इस नए फॉर्मूले के तहत बढ़ाई जाएगी। अगर आप भी केंद्रीय कर्मचारी हैं तो ये खबर आपको जरूर जान लेनी चाहिए। आईए जानते हैं अब कर्मचारियों की सैलरी किस फॉर्मूले के तहत बढ़ने वाली है.

 

News Hindi TV, Delhi : 8th Pay Commission - केंद्र सरकार के केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। सूत्रों की मानें तो अगला वेतन आयोग ( 8th Pay Commission ) आए या न आए, लेकिन वेतन में बढ़ोतरी का नया फॉर्मूला तैयार किया जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि हर 10 वर्ष में केंद्र सरकार के द्वारा नया वेतन आयोग लागू किया जाता है।

तो ऐसे में आपको बता दें कि साल 2014 में सातवें वेतन आयोग( 7th pay commission ) को लागू किया गया था। इस‌ प्रकार से 2024 में 10 साल हो गए हैं तो सरकारी कर्मचारी इस आस में बैठे हुए हैं कि आखिर आठवां पे कमीशन कब लागू होगा। तो ऐसे में अब आठवां वेतन आयोग लेकर आने की बजाय नया फॉर्मूला लागू करने पर विचार किया जा रहा है।


फिटमेंट फैक्टर ( Fitment Factor ) से सैलरी बढ़ाने की जगह अब नए फॉर्मूले ( New Formula ) से बेसिक सैलरी ( Basic Salary ) बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। इसके अलावा हर साल मूल वेतन बढ़ाने की योजना है। हालांकि, नया फॉर्मूला 2024 के बाद लागू किया जा सकता है।


हर साल तय किया जाएगा मूल वेतन-


सातवें वेतन आयोग ( 7th Pay Commission ) की सिफारिशों को 2016 में लागू किया गया था। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन तय करने के लिए नए फॉर्मूले से हर साल केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन तय किया जाएगा। हालांकि, इस मामले में सरकार की ओर से इस तरह से किसी डेवलपमेंट के बारे में पुष्टि नहीं की है। सूत्रों का मानना ​​है कि अब समय वेतन आयोग से अलग से वेतन बढ़ाने के फार्मूले पर विचार करने का है। हर साल कर्मचारियों का वेतन बढ़ाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।


किस नए फॉर्मूले पर हो रही है चर्चा?


केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के लिए एक्रोयड फॉर्मूला( akroyd formula ) पर विचार किया जा सकता है। इस नए फॉर्मूले की चर्चा लंबे समय से हो रही है। दरअसल, वर्तमान में सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन फिटमेंट फैक्टर के आधार पर तय होता है। इस पर हर छह महीने में महंगाई भत्ता ( DA Hike ) संशोधित किया जाता है।


लेकिन मूल वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। जानकारों के मुताबिक, नए फॉर्मूले से कर्मचारियों के वेतन को महंगाई दर, रहने की लागत और कर्मचारी के प्रदर्शन से जोड़ा जाएगा। इन सभी चीजों के आकलन के बाद हर साल वेतन में बढ़ोतरी होगी। यह बिल्कुल वैसा ही होगा जैसा निजी क्षेत्र की कंपनियों में होता है।


नया फॉर्मूला क्यों बनाया जा सकता है?


सरकार का ध्यान इस बात पर है कि सभी वर्ग के कर्मचारियों को समान लाभ मिले। अभी ग्रेड-पे के हिसाब से सभी की सैलरी में बड़ा अंतर है। लेकिन, नए फॉर्मूला आने के बाद इस अंतर को भी पाटने का प्रयास किया जा सकता है। वर्तमान में सरकारी विभागों में 14 पे ग्रेड हैं। हर पे-ग्रेड में कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक शामिल हैं। लेकिन, उनके वेतन में बड़ा अंतर है।

वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने मीडिया से बताया कि को बताया कि सरकार का मकसद केंद्रीय कर्मचारियों के रहन-सहन की स्थिति में सुधार करना है। नए फॉर्मूले का सुझाव अच्छा है, लेकिन अभी तक ऐसे किसी फॉर्मूले पर चर्चा नहीं हुई है। 8वें वेतन आयोग में क्या होगा, यह कहना जल्दबाजी होगी।

वेतन संरचना का नया फॉर्मूला-


जस्टिस माथुर ने 7वें वेतन आयोग ( 7th Pay Commission ) की सिफारिशों के समय ही संकेत दिया था कि हम वेतन ढांचे को नए फॉर्मूले में ले जाना चाहते हैं। इसमें रहने के खर्च को ध्यान में रखकर वेतन तय किया जाता है। समय की मांग है कि महंगाई की तुलना में कर्मचारियों को वेतन दिया जाए। बता दें, Aykryod Formula लेखक वालेस रुडेल एक्रोयड ने दिया था। उनका मानना ​​था कि आम आदमी के लिए भोजन और कपड़े सबसे महत्वपूर्ण हैं। अगर इन सब चीजों के दाम बढ़ते हैं, तो कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी की जानी चाहिए।