Income Tax Notice : भूल कर भी न करे ये काम, वरना घर आ जाएगा इनकम टैक्स का नोटिस 

अक्सर लोग रेंट बचाने के चक्कर में फ़र्ज़ी हाउस रेंट स्लिप लगा देते हैं, लेकिन अब भूल कर भी यह काम दोबारा न करे क्योंकि अब ITR भरते समय फर्जी हाउस रेंट स्लिप लगाने वालों को आयकर विभाग की तरफ से नोटिस भेजा जाता है, आईये इस के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

 

News Hindi TV (नई दिल्ली)। अक्सर यह देखने को मिलता है कि लोग टैक्स बचाने के चक्कर में इनकम टैक्स फाइल करते समय फर्जी हाउस रेंट स्लिप (Fake House Rent Slip) लगा देते हैं, लेकिन अब ये भूल मत कीजिएगा, क्योंकि ITR भरते समय फर्जी हाउस रेंट स्लिप लगाने वालों को आयकर विभाग की तरफ से सीधा नोटिस भेजा जायेगा। आईये खबर में इस के बारे में विस्तार से जानते हैं। 


डिपार्टमेंट का क्या कहना है?


आयकर विभाग (Income tax department) के अनुसार आईटीआर भरते समय फर्जी हाउस रेंट स्लिप लगाना कानूनी गलत है और इसको रोकने के लिए आयकर विभाग ने पूरी प्लानिंग कर ली है। जो भी आईटीआर भरते समय फर्जी कागजों का इस्तेमाल करेगा उन पर कड़ी कार्यवाही होगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश भर में बड़ी संख्या में लोग इनकम टैक्स से बचने के लिए हाउस रेंट की फेक स्लिप लगा देते हैं, इसी को देखते हुए अब आयकर विभाग लगाम लगाने की तैयारी कर चुका है.

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income tax department) की तरफ से पिछले साल से ही ऐसी गतिविधियों पर रोक लगानी शुरू कर दी गयी थी, जिससे आपको अब फर्जी हाउस रेंट स्लिप लगाने पर कई परेशानियों का सामना करना पड़ा सकता है। लेकिन इस बार आयकर विभाग की तरफ से नयी तकनीक शुरू की गयी है जिस क द्वारा फ़र्ज़ी स्लिप को पहचानना आसान हो जयेगा। 

अब ऐसे चेक होगा डेटा


आयकर विभाग (Income tax department) की ओर देखा जाये तो इनकम टैक्स के नए आईटीआर फॉर्म और संशोधित नए फार्म-16 (ITR Form and Revised New Form-16) को ख़ास तरीके से बनाया गया है. जिसमें गलत और फर्जी डॉक्यूमेंट लगाने वालों की कंप्यूटर आधारित प्रक्रिया से पहचान आसानी से की जा सकेगी.


इस प्रोसेस के अनुसार अगर किसी व्यक्ति का डाटा जांच के दौरान फ़र्ज़ी पाया गया तो आयकर विभाग सीधे उस के घर पर नोटिस भेजेगा। यानी फर्जी रेंट स्लिप लगाने वालों की मुसीबतें अब बढ़ने वाली हैं. आयकर विभाग के अनुसार नया फार्म-16 से इलेक्ट्रॉनिक मैचिंग के जरिए फॉर्म में दर्ज किए गए आंकड़ों का मिलान करेगा, यानी फॉर्म में भरे आंकड़ों का आयकर विभाग अपने तमाम सोर्स के जरिए वेरीफाई करेगा.