Noida में किराएदार ने मालिक को नही करने दी एंट्री, बोला मेरा है ये घर

Noida News : नोएडा से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां पर एक फ्लैट में महिला किराए पर रहती थी और अब वह दावा कर रही है कि ये फ्लेट उसका है और मकान मालिक को भहार निकाल दिया आइए नीचे खबर में जानते है क्या है पूरा मामला......

 

NEWS HINDI TV, DELHI : सार्वजनिक क्षेत्र की जमीन पर कब्जा करने की खबरें तो हम आए दिन सुनते रहते हैं लेकिन अब लोग मकान पर भी कब्जा करने लगे हैं. यह मामला दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR)इलाके का है.

यहां एक किराएदार ने किराए के घर को अपना बता डाला है जिसके चलते एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है और इस विवाद के कारण मकान मालिक को अपने फ्लैट के सामने ही बेगानों की तरह रहना पड़ रहा है. 

Tenant : दरअसल, महाराष्ट्र से रिटायर होकर ग्रेटर नोएडा (greater noida) वेस्ट में स्थित स्काई गार्डन सोसाइटी में अपने घर पर रहने आए मकान मालिक ने ट्वीट कर कहा कि वह कितने बदनसीब हैं कि अपने घर में प्रवेश करने से उनकी महिला किराएदार ही उन्हें रोक रही है.

वही महिला किराएदार का कहना है कि मकान मालिक ने उसे इस कदर बेइज्जत किया है कि उसका अब राह चलना भी मुश्किल हो गया है ऐसे हालात में अब उसे कोई इलाके में मकान नहीं मिल रहा है.

उसका यह भी आरोप है कि मकान मालिक ने उसके साथ मारपीट भी की जबकि मकान मालिक आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.(Breaking News)

सीढ़ियों पर बैठे मकान मालिक......


Landlord Evicts : जानकारी के मुताबिक ग्रेटर नोएडा (Greater Noida)के स्काई गार्डेन टी-5 एफ-1505 नंबर का फ्लैट(Sky Garden T-5 F-1505 Flat No.) सुनील कुमार का है. रिटायर होने के बाद वह मुंबई (Mumbai)से यहां रहने के लिए आए हैं.

इस फ्लैट की बाबत मकान मालिक और किरायेदार के बीच का विवाद सोमवार की दोपहर में तब आया हो गया जब मकान मालिक की पत्नी राखी गुप्ता(Rakhi Gupta) ने ट्वीट किया कि उसे उसके ही मकान में घुसने नहीं दिया जा रहा है.

जबकि किरायेदार से यह तय हुआ था कि जब भी वह आएगी, उसे एक कमरा उपलब्ध कराया जाएगा. राखी गुप्ता ने ट्वीट में एक फोटो भी शेयर किया था, जिसमें पति पत्नी सीढ़ियों के पास बैठे हैं. उन्होंने कहा था कि वह कितने बदनसीब हैं, जिन्हें किरायेदार अपने ही घर में घुसने नहीं दे रहा है. 


मकान खाली करने को लेकर बहाने बाजी......

Excuse For Vacating The House : वहीं इस मामले में किराएदार और मकान मालिक दोनों के ही अपने-अपने मत है. मकान मालिक सुनील कुमार की पत्नी राखी गुप्ता ने किरायेदार प्रीति गुप्ता के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.

उन्होंने कहा कि 35 वर्ष मुंबई में रहने और रिटायर्ड होने के बाद वे ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित अपने फ्लैट में शिफ्ट होने के लिए आए हैं. अप्रैल और फिर मई में प्रीति गुप्ता को फ्लैट खाली करने का नोटिस दिया था लेकिन उसने हर बार कुछ न कुछ बहाना बना दिया जिसके चलते फ्लैट अभी तक खाली नहीं किया गया है. 

मकान मालकिन राखी गुप्ता ने बताया कि पिछले साल 2021 में भी प्रीति ने इमोशनल ब्लैकमेल कर मकान किराये पर लिया था. तब उसने कोविड और दूसरी परेशानियों का जिक्र किया था. वहीं प्रीति के मारपीट के आरोपों को मकान मालिक राखी गुप्ता ने सिरे से खारिज किया है.

अपने पति का पक्ष लेते हुए राखी ने कहा है कि वे सीनियर सिटीजन हैं उनके शरीर में इतनी ताकत नहीं है कि वे किसी से मारपीट करें. उन्होंने कहा कि यहां सोसायटी के सभी लोग उसके विरोध में हैंय सभी चाहते हैं कि प्रीति मकान छोड़कर चली जाए लेकिन वह जबरदस्ती फ्लैट में जमी हुई है जिसके चलते उन्हें सीढ़ियों पर रहना पड़ रहा है. 

मकान मालिक ने की बेइज्जती......

landlord Disgrace : वहीं इस पूरे विवाद पर किराएदार प्रीति गुप्ता का भी बयान सामने आया है. उन्होंने कि है कि मकान छोड़ना उनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन मकान खाली कराने का जो तरीका अपनाया गया, वह बेहद कष्टकारी, पीड़ाजनक और अपमानजनक है.

प्राति गुप्ता का कहना है कि वे पांच वर्ष के बेटे की अकेली मां हैं और खुद मेहनत कर अपना और बच्चे का गुजार करती हैं. अकेला और कमजोर समझकर मकान मालिक ने उन्हें और उनके बच्चे की जमकर पिटाई की बाल पकड़कर घसीटा जो कि आलोचनात्मक है. 

मकान मालकिन राखी गुप्ता ने बताया कि पिछले साल 2021 में भी प्रीति ने इमोशनल ब्लैकमेल कर मकान किराये पर लिया था. तब उसने कोविड और दूसरी परेशानियों का जिक्र किया था. वहीं प्रीति के मारपीट के आरोपों को मकान मालिक राखी गुप्ता ने सिरे से खारिज किया है.

अपने पति का पक्ष लेते हुए राखी ने कहा है कि वे सीनियर सिटीजन हैं उनके शरीर में इतनी ताकत नहीं है कि वे किसी से मारपीट करें. उन्होंने कहा कि यहां सोसायटी के सभी लोग उसके विरोध में हैंय सभी चाहते हैं कि प्रीति मकान छोड़कर चली जाए लेकिन वह जबरदस्ती फ्लैट में जमी हुई है जिसके चलते उन्हें सीढ़ियों पर रहना पड़ रहा है.