River : भारत की इस नदी में शीशे की तरह दिखता हैं पानी, जानिए किस राज्य में हैं ये नदी

Cleanest river in India : दरअसल, सरकार हर साल देश में नदियों की सफाई पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। और आप हम आपको बताने जा रहे हैं। कि भारत के इस राज्य में सबसे साफ नदी हैं। और इस नदी का पानी कांच की तरह साफ दिखता हैं। जानिए नीचें खबर में भारत की इस सबसे साफ नदी के बारे में पूरी जानकारी...
 

NEWS HINDI TV, DELHI: बढ़ते प्रदूषण की वजह (Reason for increasing pollution) से परियावरण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है. देश की राजधानी दिल्ली का हाल तो आपने देखा ही होगा. स्मॉग की मोटी चादर की वजह से लोगों को सांस लेने में भी मुश्किल हो रही है. वहीं दिल्ली में यमुना नदी भी बेहद गंदी हो गई है. नदियों की बात होती है तो गंगा को सबसे पवित्र नदी (most sacred river) माना जाता है. पर कई शहरों में गंगा भी काफी दूषित हैं. ऐसे में अगर आपको ये लगता है कि भारत की हर नदी का हाल इसी तरह गंदा है तो आप लगत हैं. भारत में एक ऐसी नदी भी है, जो शीशे की तरह साफ है. इस नदी को भारत की सबसे स्वच्छ नदी (Cleanest river of India) माना जाता है. ये मेघालय में है. जो भारत के पूर्वी क्षेत्र की बहुत खूबसूरत नदी भी है.

हम बात कर रहे हैं दावकी (Dawki River) जिसे उमंगोट नदी (River Umngot) के नाम से भी जाना जाता है. ये मेघालय में है और रिपोर्ट के मुताबिक ये एशिया की सबसे साफ नदी है. ये नदी मॉलिनॉन्ग गांव के पास स्थित है जिसे 2003 में ‘एशिया का सबसे साफ गांव’ होने का दर्जा मिला था. आज भी ये गांव बेहद साफ है, इस वजह से यहां रहने वाले लोग नदी को साफ रखते हैं. आज के वक्त में ये काफी फेमस टूरिस्ट स्पॉट बन चुका है पर लोगों को इस बात का डर है कि ज्यादा टूरिस्ट आने की वजह से ये नदी भी गंदी होना शुरू हो जाएगी. लोग भी इसे साफ रखने का ख्याल रखते हैं.

शीशे की तरह साफ है इस नदी का पानी:

जिन लोगों ने इस नदी को सामने से देखा है, उनका कहना है कि ये शीशे की तरह साफ है. इसे देखकर ऐसा लगता है जैसे इसपर तैरने वाली नाव हवा में उड़ रही है. लोग आसानी से पानी के अंदर पड़े पत्थरों को यानी रिवर बेड को आसानी से देख सकते हैं. आपको बता दें कि ये नदी शिलॉन्ग से सिर्फ 100 किलोमीटर की दूरी पर है. मेघालय के लोग स्वच्छता का बहुत ध्यान रखते हैं.

बेहद साफ है नदी के पास का गांव:

रिपोर्ट के अनुसार मॉलिनॉन्ग गांव में साक्षारता दर 100 फीसदी है. इस गांव के हर घर में साल 2007 से शौचालय है! यहां कोई भी ग्रामीण खुले में शौच नहीं करता. गांव में आपको हर तरफ बांस से बने डस्टबिन देखने को मिल जाएंगे. ये पेड़ के नीचे ही रखी गई हैं, जिससे पेड़ की सूखी पत्तियां सीधे उसी डस्टबिन में गिरें. एक और चौंकाने वाली बात ये है कि जहां शहरों में आपको प्लास्टिक की थैलियां इधर-उधर फेंकी हुई दिख जाएंगी, यहां पर प्लास्टिक बैन है. सिगरेट पर भा पाबंदी है. नियम इतने सख्त हैं कि इन चीजों का ध्यान न रखने वालों को सजा होती है. अब जिस गांव में साफ-सफाई पर इतना ध्यान दिया जाएगा, वहां पर नदी कैसे साफ नहीं रहेगी! लोग इस नदी को देखकर हैरत में पड़ जाते हैं. क्या आप भी हैरान हुए?