Cheque Bounce : चेक से पेमेंट करते हैं तो इन बातों का रखें विशेष ध्यान, वरना हो जाएगा भारी नुकसान
Bank check rules : आज के समय में लगभग हर व्यक्ति के पास अपना बैंक खाता है। लोग अपने इन बैंक खाते में कमाई हुई अपनी जमा पूंजी रखते हैं। लोग चेक से भी पेमेंट करते हैं। अगर आप भी चेक से पेमेंट करते हैं, तो आपके लिए भी ये जरूरी हो जाता है कि आप कुछ बातों का ध्यान रखें क्योंकि अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको नुकसान हो सकता है। तो चलिए जानते हैं कि आपको चेक से पेमेंट करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
NEWS HINDI TV, DELHI: आपमें से कई लोगों ने चेक बुक का इस्तेमाल (use of check book)किया होगा. खाता खोलने के साथ ही हर बैंक ग्राहक को पासबुक, एटीएम के साथ-साथ चेकबुक भी देता है। ताकि ऑनलाइन और नकद लेनदेन (Online and Cash Transactions) के साथ इसके जरिये भी पैसों का लेनदेन किया जा सकें. किसी भी बड़े भुगतान या रिकॉर्ड लेनदेन के लिए चेकबुक का इस्तेमाल (use of check book) किया जाता है. अगर आप भी अकसर चेक का इस्तेमाल करते हैं तो आपको बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है. क्योंकि एक छोटी सी गलती भी बड़ी परेशानी खड़ी कर सकती है.
चेक बैंकिंग सिस्टम (check banking system) का एक ऐसा साधन है जिसके जरिए व्यक्ति बैंक को किसी व्यक्ति विशेष को भुगतान करने के लिए जारी करता है. जिस व्यक्ति को पैसे दिए जाने हैं चेक में उसका नाम लिखना होता है. हालांकि वह किसी व्यक्ति का नाम हो सकता है या फिर किसी कंपनी या संस्था का. चेक में राशि भी लिखनी होती है, साथ ही चेक के ऊपर हस्ताक्षर भी करना जरूरी है. बड़ी चपत लगने से अच्छा है आप चेक साइन करते टाइम इन गलतियों से बचें.
पैसे की मात्रा भरने के बाद ओनली जरूर लिखें
जब भी आप चेक जारी करें तो हमेशा अमाउंट के साथ Only जरूर लिखें. दरअसल चेक पर अमाउंट के आखिरी में Only लिखने का मकसद संभावित धोखाधड़ी को रोकना होता है. इसलिए रकम को शब्दों में लिखने के बाद अंत में Only लिखते हैं.
ब्लैंक चेक पर साइन नहीं करें
कभी भी खाली चेक पर साइन न करें. चेक पर साइन करने से पहले हमेशा चेक जिसको दे रहे हैं, उसका नाम, अमाउंट और डेट उस पर लिख दें. चेक पर लिखने के लिए हमेशा अपनी कलम का इस्तेमाल करें.
साइन करते वक्त न हो कोई गलती
पैसे के अलावा अगर चेक काटने वाले का हस्ताक्षर यानी साइन बैंक में मौजूद सिग्नेचर से मेल नहीं खाया तो भी चेक बाउंस हो जाएगा. बैंक ऐसे चेक के भुगतान को क्लीयर नहीं करते, जिसमें चेक जारी करने वाले के हस्ताक्षर का मेल नहीं खाता है. लिहाजा चेक जारी करने से पहले यह तय करना बेहतर होगा कि आपके हस्ताक्षर बैंक में मौजूद सिग्नेचर से मेल खाएं.
तारीख सही लिखें
सुनिश्चित करें कि चेक पर तारीख सही है और उस दिन से मेल खाती है जिस दिन आप इसे जारी कर रहे हैं. यह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. यह कई कंफ्यूजन से आपको बचाता है और यह सुनिश्चित करता है कि चेक कब भुनाने के लिए वैध होगा.
चेक में साइन कर किसी को न दें
कभी भी खाली चेक जारी न करें. इसकी वजह ये है कि इसमें कोई भी राशि भरी जा सकती है. ऐसा करना बेहद जोखिम भरा हो सकता है.
चेक नंबर रखें
चेक नंबर का ध्यान रखें और इसे अपने रिकॉर्ड में नोट कर लें. यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आप इसे किसी सुरक्षित स्थान पर लिख लें. जब भी कोई विवाद हो, तो आप संदेह दूर करने के लिए या सत्यापन के लिए बैंक को देने के लिए हमेशा इस चेक नंबर का उपयोग कर सकते हैं.
अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस होना जरूरी
चेक बाउंस होने पर आपको जुर्माने के साथ-साथ जेल भी जाना पड़ सकता है. जब कोई बैंक किसी कारण से चेक को रिजेक्ट कर देता है और पेमेंट नहीं हो पाता है तो इसे चेक बाउंस होना कहते हैं. ऐसा होने का कारण ज्यादातर अकाउंट में बैलेंस ना होना होता है. चेक जारी करते समय आपके अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस होना बहुत जरूरी है.
पोस्ट-डेटिंग से बचें
चेक को पोस्ट-डेटिंग करने से बचें क्योंकि हो सकता है कि बैंक इसे स्वीकार न करे. बैंक को चेक का भुगतान करने में तारीख महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. आप वह तारीख डाल सकते हैं जब आप चाहते हैं कि आपके खाते से धनराशि कट जाए. अगर आपने गलत तारीख, महीना या साल डाला है, तो आपका चेक वापस आने की सबसे अधिक संभावना है.
चेक में परमानेंट इंक का प्रयोग करें
चेक के साथ छेड़छाड़ से बचने के लिए परमानेंट इंक का प्रयोग करना चाहिए ताकि इसमें काट-छांट कर बाद में बदला न जा सके. इससे आप धोखाधड़ी से भी बच सकते हैं.