CIBIL Score : क्रेडिट यूज करने वालों के लिए जरूरी अलर्ट, आप न करें ये गलती, 7 साल के लिए खराब हो जाएगा सिबिल स्कोर

CIBIL Score : अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड के पेमेंट में थोड़ा लेट होते हैं, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. ज्यादातर बैंक 30 दिन तक के लेट पेमेंट की रिपोर्ट सिबिल (Cibil) को नहीं देते हैं. यानी एक महीने तक लेट होने पर आपको ब्याज और पेनाल्टी तो देना होगा, लेकिन आपका क्रेडिट स्कोर खराब नहीं होगा.

 

NEWS HINDI TV, DELHI : अगर आप अपनी ईएमआई (EMI) या क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का पेमेंट समय पर नहीं करते हैं, तो क्या इसका कोई असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है? कोई कह सकता है कि समय पर पेमेंट नहीं किया तो क्या हुआ, लेट फीस के साथ अगर बाद में पेमेंट कर दिया, तो सब ठीक हो जाना चाहिए.

लेकिन ऐसा होता नहीं है. लेट पेमेंट से आपको ब्याज और पेनाल्टी के रूप में ज्यादा पैसे तो देने ही पड़ते हैं. साथ ही आपका क्रेडिट स्कोर भी खराब हो जाता है. इसलिए समझदारी समय से पेमेंट करने में ही है.

कितना पड़ता है फर्क?


अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड के पेमेंट में थोड़ा लेट होते हैं, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. ज्यादातर बैंक 30 दिन तक के लेट पेमेंट की रिपोर्ट सिबिल (Cibil) को नहीं देते हैं.

यानी एक महीने तक लेट होने पर आपको ब्याज और पेनाल्टी तो देना होगा, लेकिन आपका क्रेडिट स्कोर खराब नहीं होगा. लेकिन इससे अधिक देरी होने पर आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित होने लगेगा.


30 दिन से अधिक देरी पर क्या होगा?


अगर आप 30 से 60 दिन तक देरी से पेमेंट करते हैं, तो इसकी रिपोर्ट सिबिल को भेजी तो जाती है, लेकिन जैसे ही आप पेमेंट कर देते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर ठीक कर दिया जाता है.

लेकिन अगर आप अक्सर पेमेंट में लेट हो जाते हैं, तो फिर आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक असर निश्चित रूप से होगा. पेमेंट में 90 दिन से अधिक लेट होने पर आपका क्रेडिट स्कोर सात साल तक के लिए प्रभावित हो सकता है और आपको 'repeat offender' मानकर हायर रिस्क की कटैगरी में डाल दिया जाएगा.

अगर आप 120 दिन से अधिक डिफाल्ट करते हैं तो आपके कर्ज को 'charged off' मान लिया जाता है और थर्ड पार्टी कलेक्शन एजेंसी को वसूली के लिए बेच दिया जाता है. इसकी जानकारी सिबिल को भी दी जाती है और आपका क्रेडिट स्कोर और घट जाता है.


क्रेडिट कार्ड डिफाल्ट से बचने के उपाए-


सबसे पहला उपाए तो यही है कि खर्च करते समय किफायत बरतें और अपनी मासिक आय के अनुपात में ही खर्च करें. दूसरा उपाए ये है कि यदि किसी महीने आपने ज्यादा खर्च कर दिया है और पूरे क्रेडिट कार्ड बिन का पेमेंट नहीं कर पा रहे हैं, तो मिनिमम भुगतान जरूर कर दें.

इससे आपको बकाया राशि पर ब्याज देना होगा, लेकिन आपको डिफाल्ट नहीं माना जाएगा. इसके अलावा आपके पास जैसे ही पैसा आए, जितना भी आए, उसे क्रेडिट कार्ड एकाउंट में डाल दें, महीने के अंत का इंतजार न करें.