Dairy Farming पर सरकार दे रही 24 लाख तक का अनुदान, ऐस उठाएं योजना का लाभ

Doodh Ganga Yojana : क्या आप भी डेयरी फार्मिंग करने की प्लानिंग कर रहे हैं. अब सरकार ने एक योजना की शुरूआत की है। इस योजना के तहत डेयरी फार्मिंग(dairy farming)करने वालों किसानों को सरकार बैंकों (government banks)के माध्यम से लोन मुहैया कराएगी। आइए नीचे खबर में जानते है इस योजना के बारे में.
 

(नई दिल्ली)  केन्द्र सरकार पशुपालन और डेयरी उद्योग के लिए डेयरी इंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट योजना चला रही है। इस योजना के माध्यम से पशुपालन के लिए किसानों को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए सरकार डेयरी फार्म (dairy farm)शुरू करने के लिए किसानों को बैंकों के माध्यम से कम ब्याज दर पर लोन और सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। इस योजना के माध्यम से सरकार पशुपालन व्यवसाय(animal husbandry business) को बढ़ावा देकर किसानों, पशुपालकों, गाय मालिकों, महिलाओं और युवाओं को स्वरोजगार प्रदान कर रही है।

 

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जानिए सरकार की इस योजना के बारे में
प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए राज्य के पशुपालन और डेयरी विभाग ने राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की तरफ से डेयरी दूध गंगा (डेयरी वेंचर कैपिटल फंड) योजना संचालित की है। इस योजना को भारत सरकार की डेयरी इंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट योजना के अंतर्गत चलाया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य है कि किसान दुग्ध उत्पादन कर अच्छा लाभ अर्जित करें। इस योजना के तहत हिमाचल प्रदेश में दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिये राज्य सरकार द्वारा किसानों को आर्थिक अनुदान दिया जाता है। हिमाचल प्रदेश के किसानों को ये अनुदान उन्नत नस्ल की गाय और भैंसों को खरीद के लिये दिया जायेगा। 

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डेयरी फार्मिंग के लिए दी जाने वाली सब्सिडी 

इस योजना को राज्य सरकार ने राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के माध्यम से साल 2010 में शुरू किया गया था। इसके तहत किसानों को डेयरी फार्मिंग का व्यवसाय शुरू करने के लिए सस्ते ब्याज दर पर लोन दिया जा रहा है और साथ में इस लोन पर सरकार एससी, एसटी वर्ग के किसानों को 33 प्रतिशत और सामान्य वर्ग के किसानों को 25 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रही है। इसके अलावा इस योजना के माध्यम से किसानों को अतिरिक्त सब्सिडी की भी सुविधा दी जाती है।

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डेयरी फार्मिंग पर सब्सिडी प्रावधान 

इस योजना के तहत किसानों को 2-10 दुधारू पशुओं के लिए 5 लाख रुपए तक का ऋण प्रदान किया जाता है। 

5-20 तक बछड़ा पालन के लिए 4.80 लाख रुपए का ऋण मिल सकता है।
दूध से देसी उत्पाद बनाने की इकाइयों के लिए 12.00 लाख तक ऋण मिल सकता है। 

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दूध व दूध उत्पादों के शीत भंडारण यानि कोल्ड स्टोरेज के लिए 30.00 लाख रुपए तक ऋण दिया जाता है।

निजी पशु चिकित्सा इकाइयों के लिए ऋण व्यवस्था-मोबाइल इकाई के लिए 2.40 लाख रुपए का ऋण दिया जाता है। स्थाई इकाई के लिए 1.80 लाख रुपए तक ऋण मिल सकता है।
दूध उत्पाद बेचने हेतू बूथ स्थापना के लिए 0.56 लाख रुपए तक ऋण दिया जाता है इस योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों को 10 पशुओं के डेयरी फार्म के लिए 3 लाख रुपये की लागत से लोन प्रदान किया जाता है, जो 50 प्रतिशत लोन ब्याज मुक्त होता है।

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दूध गंगा (डेयरी वेंचर कैपिटल फंड) योजना हेतु पात्रता एवं शर्तें 

इच्छुक आवेदक भारत का मूल निवासी होना चाहिए।

इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक की आयु 18 वर्ष या फिर उससे ज्यादा होने चाहिए।

इस योजना के अंतर्गत छोटे किसान तथा पशुपालक ही आवेदन कर सकते हैं।
डेयरी इंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट योजना तहत किसान, असंगठित क्षेत्र से जुड़े हुए समूह, गैर सरकारी संगठन, स्वयं सहायता समूह, डेयरी सहकारी समिति से जुडे लोग लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।

दूध गंगा (डेयरी वेंचर कैपिटल फंड) योजना के तहत किसानों, दूध से जुड़े व्यक्तिगत उद्यमी, गैर सरकारी संगठन, दूध उत्पादक कंपनियां, असंगठित और संगठित क्षेत्र के समूहों को शामिल किया गया है। इसके अलावा संगठित क्षेत्र के समूहों में स्वयं सहायता समूह, डेयरी सहकारी समितियां, दुग्ध संघ भी सब्सिडी और लोन के लिये आवेदन कर सकते हैं।

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 कैसे करें आवेदन
इच्छुक पशुपालक किसान दूध गंगा योजना से जुड़कर आर्थिक अनुदान का लाभ लेने के लिये हिमाचल प्रदेश पशुपालन विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट https://hpahdbt.hp.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा इच्छुक किसान आवेदन के लिए आपने सभी आवश्यक दस्तावेजों जैसे आधार कार्ड, पेन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, आदि की फोटो कॉपी साथ लेकर हिमाचल प्रदेश में निकटतम जिले के राज्य पशुपालन कार्यालय में भी संपर्क करके योजना से जुड़ी जानकारी हासिल कर सकते हैं।