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Gold from Mushrooms: वैज्ञानिकों ने मशरूम से बना दिया सोना, इतनी होगी कीमत

Gold : आजकल सोने के दाम आसमान में पहुंच गए है। जिसके चलते सोना खरीदना आम लोगों के बजट से बाहर होता दिखाई दे रहा है। लेकिन हाल ही में एक ऐसा कारनामा हुआ है जिसको जानकर आप हैरान रह जाएंगे। जी हां, आपने कभी सोचा है कि मशरुम( Gold from Mushrooms ) से भी सोना बनाया जा सकता है। तो आपको बता दें कि वैज्ञानिकों ने मशरूम पर रिसर्च किया और मशरूम से गोल्ड तैयार कर लिया है। चलिए नीचे खबर में जानते हैं इस अपडेट के बारे में विस्तार से और जानेंगे बाजार में इसकी किमत क्या है।
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Gold from Mushrooms: वैज्ञानिकों ने मशरूम से बना दिया सोना, इतनी होगी कीमत

News Hindi TV, Delhi : Gold from Mushrooms- हो सकता है कि आपको खाने में मशरूम पसंद न हो, लेकिन अगर कोई ये कहे कि मशरूम से सोना( Gold ) बन सकता है तो यकीनन आपकी आंखें फटी की फटी रह जाएगी। ये दावा हम नहीं बल्कि गोवा( Goa ) के रिसचर्स ने किया है।


वैज्ञानिकों का दावा है कि मशरूम से गोल्ड नैनो पार्टिकल्स बनाए जा सकते हैं। उन्होंने ये करके दिखा दिया है। गोवा के वैज्ञानिकों( scientists research on mushrooms ) ने जंगली मशरूम से गोल्ड नैनो पार्टिक्ल्स तैयार किया है।

कैसे बनेगा मशरूम से सोना-


मशरूम जिसे कुछ लोग बड़े चाव से खाते हैं, कुछ लोगों को बिल्कुल पसंद नहीं होता, उससे सोना तैयार किया जा सकता है। गोवा में मिलने वाले जंगली मशरूम जो कि टर्मिटोमाइसेस( Termitomyces ) प्रजाति का होता है, वैज्ञानिकों ने उससे गोल्ड नैनोपार्टिक्ल्स तैयार कर लिया। दीमक की पहाड़ियों पर उगने वाले इस मशरूम को गोवा के लोकल लोग 'रोन ओलमी' के नाम से जानते हैं। वैज्ञानिकों ने इस मशरूम से गोल्ड( Gold from Mushrooms ) तैयार कर लिया है।  

मशरूम से गोल्ड नैनो पार्टिकल्स तैयार किया-


टेलर और फ्रांसिस द्वारा प्रकाशित जर्नल ऑफ जियोमाइक्रोबायोलॉजी में प्रकाशित शोध के मुताबिक डॉ सुजाता दाबोलकर और डॉ नंद कुमार कामत के नेतृत्व में ये प्रयोग किया गया। तीन सालों तक उनकी टीम ने मशरूम की इस प्रजाति पर रिसर्च किया। इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने रोन ओलमी मशरूम से गोल्ड के नैनोकण तैयार किए। उन्होंने गोवा सरकार के सामने भी अपने इस शोध को रखा है। 


 

मशरूम से बने सोने का फायदा-


वैज्ञानिकों का दावा है कि मशरूम से बने गोल्ड से गोवा की आर्थिक स्थिति को और सुधारा जा सकता है। इस रिसर्च से गोवा की प्राकृतिक संसाधनों को उपयोग नई तकनीक में किया जा सकता है। बीते कुछ समय से नैनो पार्टिकल की डिमांड बढ़ी है। बायोमेडिकल और ( Biotechnological Science ) में इसका इस्तेमाल बढ़ा है। इन नैनो गोल्ड पार्टिकिल्स का इस्तेमाल मेडिकल साइंस में किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से टार्गेटेड ड्रग डिलीवरी, मेडिकल इमेजिंग और इलेक्ट्रॉनिक्ल मैन्युफैक्चरिंग में बड़ा बदलाव आएगा। 
 

सोने के नैनो पार्टिकल की कीमत-


सोने के नैनो पार्टिकल की वैश्विक बाजार में काफी कीमत है। फरवरी 2016 में एक मिलीग्राम सोने के नैनोपार्टिकल की कीमत करीब 80 डॉलर यानी 80000 रुपये प्रति ग्राम के बराबर है।