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High Court important decision : प्रॉपर्टी खरीद फ़रोख़त करने वालों के लिए बड़ी खबर, जानिए हाई कोर्ट का बड़ा फैसला

अगर आप भी किसी प्रॉपर्टी बिज़नेस के मालिक हैं या फिर प्रॉपर्टी को खरीदने या बेचने का काम करते हैं तो यह खबर आप के लिए है।  हाल ही में ए एक मामले के बाद हाई कोर्ट ने प्रॉपर्टी को ले कर नया फैसला सुनाया है। उस फैसले के अनुसार अगर प्रॉपर्टी की रेगिस्टरी में लिखी गयी रकम बेचने वाले को नहीं मिली है तो ऐसी बिक्री विल्लेख (deed) को शून्य घोषित कर दिया जाएगा। आईये इस के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

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प्रॉपर्टी खरीद फ़रोख़त करने वालों के लिए बड़ी खबर, जानिए हाई कोर्ट का बड़ा फैसला 

News Hindi TV, New Delhi : हाल ही में एक फैसले के अनुसार छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने जमीन और मकान बिक्री की रजिस्ट्री को ले कर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। मंगलवार इस महत्वपूर्ण मामले में सुनवाई के बाद जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच ने कहा है कि अगर रजिस्ट्री में लिखी गई रकम बेचने वाले को नहीं मिलती है तो ऐसा बिक्री रजिस्ट्री शून्य घोषित किया जाएगा। हाई कोर्ट ने इस आदेश के साथ याचिकाकर्ता की अपील ख़ारिज कर दी है ।

मामले के अनुसार एक ज़मीनी विवाद को ले कर हाई कोर्ट में मामला दर्ज कराया गया था। याचिकाकर्ता ने बस्तर के निचली अदालत ने 9 सितंबर 2015 को पारित आदेश को चुनौती देते हुए बताया कि उसने फनिद्र भारत नामके व्यक्ति से 8.60 हेक्टेयर भूमि का सौदा 19 लाख 72 हजार में किया था। इस सौदा के तहत 25 फरवरी 2015 को रजिस्ट्री हुई, इस रजिस्ट्री में 4 लाख 89 हजार रुपए चेक के माध्यम से और 11 हजार नकद विक्रेता को दिए गए। इसके अलावा शेष 14 लाख 72 हजार का एक और चेक दिया गया और चेक की राशि का भुगतान किए बगैर ही जमीन की रजिस्ट्री हो गई। इसके बाद जब बेचने वाले ने बैंक में चेक लगाया तो वह चेक बाउंस हो गया। जमीन ख़रीदने वाले ने पूरा पैसा नहीं दिया तो विक्रेता ने जिला न्यायालय में याचिका दायर की।


हाई कोर्ट के द्वारा जारी हुए निर्देश 

मामले के अनुसार कोर्ट में बताया गया की ज़मीन की रेजिस्टरी को धोखाधड़ी से कराया गया है। निचली अदालत ने खरीददार ने पैसा नहीं देने के कारण रजिस्ट्री निरस्त कर दी। अपीलकर्ता ने बताया कि खरीदी गई जमीन पर दूसरे लोगों का कब्ज़ा था, इसलिए चेक को रोका गया था। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपील खारिज करते हुए आदेश दिया कि रजिस्ट्री में चेक नंबर व मूल्य दर्ज है। बैंक में अगर चेक बाउंस हो गया हो तो ख़रीददार की रजिस्ट्री शून्य घोषित हो जाएगी।