मिनी जापान और मिनी कोरिया को बनाने की तयारी, 750 हेक्टेयर ज़मीन पर होगा निर्माण
(Mini City): जापान और कोरिया दो ऐसे देश हैं जहाँ का करोबार इतना एडवांस है जिसका कोई मुकाबला नहीं है, ये दोनों देश काफी समय से भारत के साथ व्यापार कर रहे हैं। कुछ ही समय में इन दोनों देशों से बड़ी बड़ी कंपनियां अपने प्लांट स्थापित करेंगी जिस के चलते सरकार ने एक मिनी कंट्री बनाने का निर्णय लिया है। आइए इस खबर में जानते हैं की ये मिनी कंट्री कहाँ और कब बनाई जाएगी।
News Hindi TV ( New Delhi) - हाल ही में कोरिया (Korea) और जापान (Japan) ने भारत में अपनी कंपनियां लाने की इच्छा जताई है, निवेश को ले कर यह दोनों ही देश सकारत्मक हैं जिस के चलते उप सरकार ने ये शहर बसाने का कदम उठाया है। जापान और कोरिया की कंपनियां चाहती है की उन्हें अपनी परियोजनाएं चलने के लिए जेवर एयरपोर्ट के पास वाली ज़मीन दी जाये, इसी दौरान सरकार ने 365 हेक्टेयर (365 hectares) ज़मीन कोरियन कमपनी के नाम और 395 हेक्टेयर (395 hectares) ज़मीन जापानी सिटी के निर्माण के लिए अधिग्रहीत करने की तैयारी कर ली है।
इस सेक्टर में जमीन चिन्हित की
प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (Chief Executive Officer of the Authority) के मुताबिक जेवर एयरपोर्ट के पास सेक्टर-4ए में कोरियन और सेक्टर-5ए में जापानी सिटी को विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया है, लेकिन पहले यह दोनों शहर सेक्टर-10 और 32 में बनने वाले थे, पर अब ये दोनों शहर सेक्टर-4ए और 5ए की जमीन में निर्माणित किये जायेंगे। निवेश के तौर पर इस सेक्टर में इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियां (Electronics companies) आगे आएंगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और यीडा से की मुलाकात
हाल ही में जापानी अधिकारीयों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) के अधिकारियों से मुलाकात की थी जिसमे निवेश के प्रस्तावों के साथ साथ प्रस्तावित शहरों पर चर्चा की गयी थी। इस चार्चा के बाद इन अधिकारीयों को ज़मीन का मुयायना करवाया गया और इस परियोजना के लिए दोनों सेक्टरों में किसानों की भूमि को अधिग्रहण करने की तैयारी शुरू की गयी।
500-500 एकड़ जमीन की जाएगी आल्लोट
जापान और कोरिया दोनों देश यमुना में अलग-अलग सिटी बसाने के लिए तैयार हो गए है। दोनों देशों के द्वारा ढाई ढाई लाख रूपये का निवेश किया जायेगा और यमुना अथॉरिटी (Yamuna Authority) दोनों देशों को जापानी और कोरियाई सिटी बसाने के लिए नोएडा एयरपोर्ट (Noida airport) के पास 500-500 एकड़ जमीन अलॉट करेगी। जिसमें 50 प्रतिशत यानी 1272 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश सरकार (Yogi Adityanath govt) देगी और किसानों से 2544 करोड़ रुपये में भूमि ली जाएगी।