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सरकार ने किया बड़ा फैसला, 47 साल बाद यहाँ होगा मिनी नॉएडा का निर्माण

(Mini Noida) : दिनों दिन दुनियाभर की आबादी बढ़ती जा रही है और लोगो के रहने के लिए जगह काम होती जा रही है। बढ़ती आबादी को देख कर सरकार ने मिनी नॉएडा बनाने का फैसला लिया है। सरकार के द्वारा इस उद्योगिक शहर को बसने की पूरी तयारी कर ली गयी है और इस शहर के निर्माण के लिए 35 हजार एकड़ जमीन अधिग्रहीत की जाएगी, इस उद्योगिक शहर के बसने से बेरोज़गारी की समस्या भी काम हो सकती है। आईये जनते हैं ये शहर कब और कहाँ बसाया जायेगा। 
 
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सरकार ने किया बड़ा फैसला, 47 साल बाद यहाँ होगा मिनी नॉएडा का निर्माण 

News Hindi TV (New Delhi) - उत्तर प्रदेश में करीब 47 साल पहले एक उद्योगिक शहर (Industrial City) की स्थापना की गयी थी जिसका नाम नॉएडा रखा गया था अब UP सरकार दुबारा से नए उद्योगिक शहर की स्थापना करने जा रही है, जिससे लोगो को यहाँ पर रहने के साथ साथ रोज़गार भी मिलेगा। इस इंडस्ट्रियल टाउनशिप (Industrial Township) की स्थापना नॉएडा की तर्ज़ पर की जाएगी। योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के द्वारा कैबिनेट बैठक में बुंदेलखंड को नया इंडस्ट्रियल टाउनशिप बनाने की घोषणा की गयी है। योगी आदित्यनाथ के इस फैसले को ऐतिहासिक माना जा रहा है।  

6312 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान 

UP सरकार के मुताबिक पहले चरण में 35 हजार एकड़ की ज़मीन पर बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल टाउनशिप (Bundelkhand Industrial Township) को खड़ा किया जायेगा। सरकार की तरफ से अनुमान लगाया जा रहा है की पहले चरण में लगभग 6312  करोड़ रूपये खर्च हो सकते है। इस परियोजना के पहले चरण में झांसी के 33 राजस्व ग्रामों (revenue villages) की 35 हजार एकड़ जमीन अधिग्रहीत की जाएगी।

 

 

योगी सरकार की तरफ से 5 हजार करोड़ की व्यवस्था दी गयी 

योगी सरकार ने बताया कि बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Bundelkhand Industrial Development Authority) के गठन के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 (Financial Year 2022-23) में सरकार की तरफ से 5 हजार करोड़ की व्यवस्था की गई थी। आपकी जानकारी के लिए बता दे की अधिग्रहित (acquired) की जाने वाली ज़मीन में से 8 हजार एकड़ जमीन ग्राम समाज की है।

भाजपा सरकार ने भी दिखाया सहयोग 

इससे पहले भी भारत के प्रधानमंत्री द्वारा 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) का उद्घाटन किया था। इस एक्सप्रेसवे की कुल लागत 14,000 करोड रुपए बताई जाती है। इस समय बुंदेलखंड में काफी परियोजनाएं चल रही हैं। बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल टाउनशिप (Bundelkhand Industrial Township) योजना के अलावा भी बुंदेलखंड में "हरित ऊर्जा गलियारा" ("Green Energy Corridor") स्थापित करने की प्रक्रिया चालु है। इस प्रक्रिया की मदद से अल्ट्रा मेगा (Ultra Mega) से सौर ऊर्जा (solar energy) का 2600 किलोमीटर लंबा ट्रांसमिशन नेटवर्क (transmission network) बनाने की योजना बनाई जा रही है।