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Property Knowledge : अब बिल्डर खरीदारों को नहीं लगा सकेंगे चूना, खरीदार जान ले अपने अधिकार

Property Knowledge - शहरों में प्रॉपर्टी के रेट आसमान छू रहे है। जब भी किसी व्यक्ति को घर लेना होता हैं तो वो इंसान बिल्डरों और रियल एस्टेट कंपनियों के बिल्डर से संपर्क करता हैं । लेकिन कई मामले में देखा गया है कि बिल्डर मकान खरीदारों से पैसे तो ले लेते हैं लेकिन लंबे समय तक प्रॉपर्टी नाम नहीं करवाते हैं या चूना लगा देते हैं। अगर आपके पास भी कुछ ऐसा ही हुआ है। तो ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि अगर बिल्डर पैसा या फ्लैट न दे तो क्या करें। चलिए नीचे खबर में जानते हैं- 
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Property Knowledge : अब बिल्डर खरीदारों को नहीं लगा सकेंगे चूना, खरीदार जान ले अपने अधिकार 

NEWS HINDI TV, DELHI:  हर इंसान का सपना होता है कि उसका अपना खुद का घर हो। किराए में रहना एक मजबूरी होती  है। यही कारण हर समय घरों की मांग बनी रहती है। पहले लोग प्लॉट खरीद कर फिर उसे अपनी मर्जी व पसंद के हिसाब से बनाते हैं। लेकिन, अब ऐसा नहीं है। बड़े शहरों में लोग बिल्‍डरों और रियल एस्‍टेट कंपनियों (real estate companies) द्वारा बनाई जाने वाली रिहायशी परियोजनाओं में ही बने बनाए घर लेते हैं। लेकिन, बहुत बार ऐसा होता है कि किसी बिल्‍डर समय पर अपना प्रोजेक्‍ट पूरा नहीं कर पाता और घर बुक कराने वालों को उनके फ्लैट का कब्‍जा नहीं मिल पाता। उनका पैसा अटक जाता है और वे घर से वंचित भी रह जाते हैं। बिल्‍डर उन्‍हें घर या पैसे देने की बजाय केवल आश्‍वासन ही देता है।


 

 

 

 

 

पैसे देने के बाद भी फ्लैट नहीं दे रहा बिल्डर- 

 


अगर आप भी बिल्डरों के इस धोखे के शिकार है, आपको भी दिए गए टाइम पर फ्लैट का कब्जा नहीं मिल रहा है । आप भी बिल्डर की गलती के कारण लोन की ईएमआई (EMI) के साथ-साथ किराया भर रहे हैं तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। आपको बिल्डरों की मनमानी के साथ हाथ पर हाथ रखकर बैठने की जरूरत नहीं है। हम आपको उस तरीके के बारे में बता रहे हैं, जहां आर शिकायत कर अपना रिफंड ब्याज समेत पा सकते हैं।

क्या करें अगर नहीं मिल रही फ्लैट की चाभी?


बिल्डरों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए , रियल एस्टेट की विसंगतियों को खत्म करने के लिए साल 2016 में रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 बनाया गया। इस अधिनियम के तहत रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (Real Estate Regulatory Authority) बनाई गई। हर राज्य के लिए अपना रेरा है, जो फ्लैट बायर्स या घर खरीदारों को हक के साथ खड़ा है। अगर बिल्डर आपको फ्लैट का हैंडओवर (handover of flat) नहीं कर रहा है तो आप रेरा में शिकायत करवा सकते हैं।


अगर आप चाहते हैं कि बिल्डर आपका पैसा रिफंड (money refund) कर दे, आप रेरा में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। अगर बिल्डर का कोई प्रोजेक्ट अटक गया है और आपने उस प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक करवाया है तो आपके पास ऑप्शन है कि आप अपना पैसा ब्याज के साथ वापस पा सकते हैं। आपकी शिकायत मिलने के 60 दिनों के भीतर रेरा को मामले का निपटारा करना होता है। आपकी शिकायत के पास रेरा बिल्डर को नोटिस जारी करेगा। बिल्डर को 45 दिनों के भीतर उसे लागू करना होगा।

कैसे कर सकते हैं शिकायत


आपने किसी बिल्डर के ऐसे प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक किया है, जो अटक गया है। ऐसे में यकीनन आप चाहेंगे कि आपने जो पैसा लगाया है वो आपको वापस मिल जाए। आपने कई बार बिल्डर के दफ्तर के चक्कर भी लगाए होंगे, लेकिन हर बार आपको उनकी तरफ से एक झूठा आश्वासन मिला होगा। ऐसे में आपको बिल्डर के दफ्तर नहीं बल्कि रेरा में जाकर बिल्डर की शिकायत करनी चाहिए। रेरा में शिकायत कर आप ब्याज समेत अपना पैसा वापस पा सकते हैं।


 

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आपने जिस प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक किया है, अगर वो रेरा में रजिस्टर्ड है तो आप बिल्डर के खिलाफ रेरा में आराम से घर बैठे भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। फ्लैट बायर्स को सेल्स एग्रीमेंट के तहत अपार्टमेंट, प्लॉट, कॉमन एरिया से संबंधित शिकायतों को लेकर रेरा के पास जाने का अधिकार है।


आप  रेरा की वेबसाइट www.up-rera।in पर जाना शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। इतना ही नहीं फ्लैट का कब्जा मिलने के पांच साल तक प्रॉपर्टी में किसी तरह का स्ट्रक्चरल डिफेक्ट आने पर आप रेरा में जाकर बिल्डर के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं। बिल्डर को बिना किसी शुल्क से 30 दिनों के भीतर उसे ठीक करवाना होगा।