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Whiskey में पानी मिलाकर क्यों पीते है लोग, जानिए इसके पीछे की वजह

whiskey news : आपने देखा होगा कि शराब का सेवन करते समय कुछ लोग पानी मिलाते हैं और कुछ लोग कोल्डड्रिंक मिलाते हैं। लेकिन क्या ऐसा करने के पीछे की वजह जानते हैं। अगर नहीं, तो आज हम आपको अपनी इस खबर बताने जा रहे हैं। कि लोग इसलिए Whiskey में पानी मिला कर पीते हैं। अगर आप भी शराब के शौकीन हैं तो जान लें ये जरूरी बात... 
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Whiskey में पानी मिलाकर क्यों पीते है लोग, जानिए इसके पीछे की वजह

NEWS HINDI TV, DELHI: आम तौर पर आज हर कोई व्हिस्की में कुछ न कुछ मिला कर पीते हैं, पानी, कोल्डड्रिंक या सोडा, बिना कुछ मिलाये शराब पीने की कल्पना भी नहीं कर सकते और ये कुछ लोगों के लिए काफी मुश्किल भी हो जाता है | 

शराब में पानी मिलाने का यह चलन हमारे यहां कुछ ज्यादा ही है. हम भारतीय पानी, सोडा, कोक, जूस और न जाने क्या-क्या मिलाकर इसे पीते हैं. क्या इसकी वजह यह है कि आम भारतीयों के लिए खालिस शराब सीधे हजम करना बस की बात नहीं? व्हिस्की की बोतल सीधे मुंह में लगाकर पीता हमारा हीरो क्यों मर्दानगी का प्रतीक बन जाता है? औसत भारतीय आखिर शराब में पानी क्यों मिलाते हैं? आइए, समझते हैं. 

ये है इसका कारण:

व्हिस्की में पानी मिला कर पीने की वजह भारतीयों के खानपान की आदत को भी मानते हैं. भारत में शराब हमेशा मसालेदार चखने के साथ पिया जाता है. इस तीखेपन को बैलेंस करने के लिए पानी पीने की जरूरत होती है. वहीं, पानी मिली व्हिस्की एक तरह से पानी की तरह ही काम करती है और खाने के तीखेपन को बैलेंस करती है.

भारतीयों के पानी मिलाने की इसी आदत की वजह से भारत में व्हिस्की-रम-वोदका (whiskey-rum-vodka) आदि वाइन के मुकाबले ज्यादा पसंद की जाती हैं. दरअसल, वाइन में आइस, सोडा, पानी आदि मिलाने की कोई गुंजाइश नहीं होती. उसे सीधे ही पीना पड़ता है. एक बड़ी वजह यह भी है कि आम भारतीयों में शराब पीने को लेकर अनुशासन नहीं है. शराब को लेकर हमारा माइंडसेट कुछ ऐसा बन चुका है कि हम पीते वक्त मानों यही सोचते हैं कि ''क्या पता कल हो न हो''. यानी बोतल खुली है तो इसे खत्म करना एक बड़ी जिम्मेदारी है.

इसलिए सीमा से ज्यादा पीने के चक्कर में हम इसे पीने लायक बनाते हैं और ढेर सारा पानी, सोडा, कोल्ड ड्रिंक वगैरह मिलाते जाते हैं. अगर किसी को महज 30 एमएल या 60 एमएल शराब पीनी हो तो बिना पानी के भी ऐसा किया जा सकता है. 

हालांकि, भारतीय मौसम नीट पीने के लिए बहुत अनुकूल नहीं क्योंकि गर्मियों में व्हिस्की का सामान्य तापमान भी ज्यादा हो जाता है. इसलिए नीट पीते वक्त कुछ लोग इसमें 'मेटल आइसक्यूब' भी डालते हैं ताकि व्हिस्की का तापमान कुछ कम हो जाए. ये मेटल आइसक्यूब शराब के कंसनट्रेशन में बदलाव नहीं करता, जिससे उसका मौलिक स्वाद बना रहता है. वहीं, 'ऑन द रॉक्स' यानी ढेर सारी बर्फ के साथ व्हिस्की परोसा जाना. आदर्श स्थिति यह है कि गिलास को आधा बर्फ से भर दिया जाए और उस पर ऊपर से व्हिस्की डाली जाए. कुछ लोग पहले शराब डालकर बाद में बर्फ डालते हैं, जो सही नहीं है.