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Wine Beer : शरीर के इस हिस्से पर शराब के सेवन से होता है सबसे ज्यादा असर, पीने वाले जान लें ये जरूरी बात

Wine Beer : यह तो हम सब जानते हैं कि शराब का सेवन हमारी सेहत के लिए बेहद हानिकारक होता हैं। लेकिन इसके बाद भी शराब का सेवन अधिक मात्रा में किया जाता हैं। अगर आप भी भी शराब के शौकिन हैं। तो क्या आप जानते हैं कि शराब से सेवन से हमारे शरीर के किस हिस्से पर सबसे ज्यादा असर होता हैं। अगर नहीं, तो आइए जानते हैं इससे जुड़ी पूरी जानकारी...
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Wine Beer : शरीर के इस हिस्से पर शराब के सेवन से होता है सबसे ज्यादा असर, पीने वाले जान लें ये जरूरी बात

NEWS HINDI TV, DELHI: लोगों को यह भी पता है कि ज्यादा और लगातार शराब पीने से (drinking too much alcohol) कई तरह की शारीरिक और मानसिक बीमारियां हो सकती हैं. लेकिन कितना बुरा असर पड़ेगा, यह शराब पीने की मात्रा और समय अंतराल पर निर्भर होता है. जैसे- सेंटर फॉर डिजीस कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Center for Disease Control and Prevention) के अनुसार अमेरिका में आमतौर पर हर दिन एक पुरुष दो ड्रिंक लेता है. महिला एक ड्रिंक.

एक ड्रिंक का मतलब 14 ग्राम शुद्ध अल्कोहल. यह मात्रा बीयर की बॉटल में 5 फीसदी, वाइन के छोटे ग्लास में 12 फीसदी और डिस्टिल स्पिरिट में 40 फीसदी होती है. हैवी ड्रिंकर (Heavy Drinker) किसको कहते हैं? सीडीसी के अनुसार जो महिला हफ्ते में 8 या उससे ज्यादा ड्रिंक लेती है या पुरुष 15 या उससे ज्यादा ड्रिंक लेता है, तो उसे हैवी ड्रिंकर कहेंगे.  

यह बिंज ड्रिंकिंग (Binge Drinking) से अलग है. किसी ओकेशन पर यानी कभी-कभार किसी पार्टी में पीने को बिंज ड्रिंकिंग कहते हैं. आमतौर पर बिंज ड्रिंकिंग में अमेरिकी पुरुष पांच या उससे ज्यादा पेग लेते हैं. महिलाएं चार या उससे ज्यादा. 

शराब पीने पर कम समय के लिए क्या असर होता है? 

स्पेन की साइकेट्रिस्ट साराह बॉस कहती हैं कि शराब पीने के बाद कुछ लोग रिलैक्स तो कुछ लोग अति-उस्ताही महसूस करते हैं. ये दिमाग के सिग्नलिंग सिस्टम में होने वाले अस्थाई बदलाव की वजह से होता है. अल्कोहल न्यूरोट्रांसमिटर्स के साथ मिल जाता है. जिसकी वजह से वह रसायन जो दिमाग में संदेश भेजने का काम करता है, वह कम हो जाता है. इसलिए शराब पीने के बाद लोगों का व्यवहार बदल जाता है. 

कम समय के लिए दूसरे जो असर होते हैं, उनमें है त्वचा का थोड़ा रूखा हो जाना. आंखों के नीचे या गाल में सूजन. कुछ लोगों को उलटियां आती हैं. या कुछ लोग बार-बार यूरीनेट करते हैं. इसके अलावा दिमाग में सामंजस्य स्थापित करने की क्षमता में कमी आती है. मूड स्विंग्स (mood swings) होते हैं. ब्लड प्रेशर (blood pressure) बढ़ जाता है. दृश्यता कमजोर होती है. कुछ लोगों को पीने के बाद हैंगओवर रहता है. हैंगओवर (hangover) अलग-अलग इंसान में अलग-अलग तरह से होता है. यह अधिकतम 24 घंटे में उतरता है. 


इसके अलावा कई बार सिर दर्द, थकान, बेचैनी और डिहाइड्रेशन महसूस होता है. असल में अल्कोहल (alcohol) की वजह से वैसोप्रेसिन नाम के हॉर्मोन का उत्सर्जन शरीर में कम हो जाता है. यह वही हॉर्मोन है जो किडनी को बताता है कि शरीर में पानी का संतुलन बनाओ. ऐसा होता नहीं. पानी सीधे ब्लैडर में जाता है. जिसकी वजह से शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है. दिमाग में पानी की कमी की वजह से सिर दर्द होता है. लो ब्लड शुगर की वजह से बेचैनी और थकान महसूस होता है. 

लगातार शराब पीने से लंबे समय के लिए होते हैं ये असर:

लगातार और ज्यादा शराब पीने से (drinking too much alcohol) कई तरह की शारीरिक और मानसिक बीमारियां होती हैं. अमेरिकन एडिक्शन सेंटर के मुताबिक लंबे समय तक लगातार ज्यादा शराब पीने से दिमाग, डाइजेस्टिव सिस्टम, कार्डियोवस्कुलर सिस्टम और मसक्यूलोस्केलेटल सिस्टम पर असर पड़ता है. 

दिमाग पर क्या असर  होता है? 

साराह बॉस के मुताबिक शराब पीने से दिमाग हिल जाता है. क्योंकि दिमाग के अंदर संदेशों का आदान-प्रदान करने वाले न्यूरोट्रांसमिटर्स अल्कोहल के प्रभाव में आ जाते हैं. फिर ये संदेशों को धीरे या फिर नहीं भेजते हैं. शराब के नशे में लगातार मूड स्विंग्स होते हैं. ऐसे इसलिए होता है कि क्योंकि शराब दिमाग में मौजूद GABA को प्रभावित करती है. गाबा एक न्यूरोट्रांसमिटर है. जो आपके मूड और बेचैनी को नियंत्रित करता है.  


अल्कोहल आपके सेंट्रल नर्वस सिस्टम को धीमा कर देता है. दिमाग और शरीर के बीच संदेशों का आना-जाना धीमा हो जाता है. इसकी वजह से आपको एक के चार दिखते  हैं. आवाज लड़खड़ाने लगती हैं. रिफ्लेक्सेस धीमे हो जाते हैं. आप कोई भी काम धीरे-धीरे करते हैं. कई बार ब्लैकआउट हो जाता है. यानी आपको समझ नहीं आता कि क्या करना है. कहां है. क्यों है. यहां कैसे आए. साथ ही ज्यादा शराब पीने से नींद भी टूटती है. या ढंग से नहीं आती. 

ज्यादा शराब पीने से (drinking too much alcohol) दिमाग की कोशिकाएं मरने लगती हैं. इससे लंबे समय के लिए बेचैनी की दिक्कत होती है. याद्दाश्त कमजोर हो जाती है. सीखने और समझने की क्षमता कम हो जाती है. तनाव महसूस होता है. 

दिल पर क्या असर होता है?

ज्यादा शराब पीने से एट्रियल फाइब्रिलेशन (Atrial Fibrillation) होता है. यानी दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है. इसकी वजह से हार्टबीट प्रभावित होती है. हमेशा नींद सी आती रहती है. सांसें छोटी हो जाती हैं. कुछ स्टडीज ऐसी भी आईं हैं, जिसमें कहा गया है कि कम या मध्यम स्तर पर शराब पीने से दिल की बीमारियां ठीक रहती हैं. स्ट्रोक नहीं आते. लेकिन इसे लेकर कभी वैज्ञानिकों को कोई पुख्ता दावा नहीं किया.  


ज्यादा शराब पीने से (drinking too much alcohol) खून की नसों में फैट की दीवार बनने लगती हैं. वो सूजने लगती हैं. इसकी वजह से आपको दिल का दौरा पड़ सकता है. आप मनोवैज्ञानिक तौर पर कमजोर महसूस करने लगते हैं. हालांकि वाइन में मिलने वाला पॉलीफेनोल (Polyphenols) आपको आर्थरोस्क्लेरोसिस, हाइपरटेंशन और हार्ट फेल्योर को रोकने में मदद करता है.  


पेट पर क्या असर होता है? 

ज्यादा शराब पीने से लिवर खराब हो सकता है. या फिर लिवर में बीमारियां हो सकती हैं. सिर्फ लिवर ही नहीं शराब का दुष्प्रभाव पेट के सभी अंगों पर पड़ता है. अगर हर दिन पांच पेग से ज्यादा ले रहे हैं तो आपके पैंक्रियाज, इसोफैगस, स्टमक और आंतों पर भी बुरा असर पड़ता है. आंतें कमजोर हो जाती हैं. शराब आंतों से हेल्दी बैक्टीरिया को खत्म कर देते हैं. ये बैक्टीरिया खाना पचाने की प्रक्रिया को बेहतर बनाते हैं.