UP के इन 7 एक्सप्रेसवे पर लगाए जाएंगे 2000 चार्जिंग स्टेशन, सरकार फ्री में देगी जमीन, बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो 28 तारीख तक आप भी कर सकते हैं आवेद
charging stations in up : अगर आप बिजनेस शुरू करने का प्लान बना रहे हैं तो अब आपके पास अच्छा मौका है। क्योंकि यूपी के सात एक्सप्रेसवे पर 2 हजार चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इन चार्जिंग स्टेशन की आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और जल्द ही आखिरी तारीख आने वाली है। आइए नीचे खबर में विस्तार से जानते हैं...
NEWS HINDI TV, DELHI : उत्तर प्रदेश के यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर ई-व्हीकल गाड़ियों (E- Vehicles) के लिए चार्जिंग स्टेशन (Charging Stations) बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 11 नवंबर से आवेदन शुरू हो गई है और 28 नवंबर इसकी जमा करने की अंतिम तारिख है। वहीं, 29 नवंबर को निविदा खोली जाएगी. इसके लिए टेंडर फीस 5900 रुपए रखी गई है, जबकि ईएमडी अमाउंट 5 लाख रुपए रखी गई है. इस निविदा के जरिए चार्ज प्वॉइंट ऑपरेटर का चयन होगा, जो पब्लिक चार्जिंग स्टेशन का विकास करेगा और यूपीडा उसे भूमि आवंटन समेत तमाम सहूलियतें देगा।
यूपीडा चार्ज प्वॉइंट ऑपरेटर को ‘बिहाइंड द मीटर पावर स्ट्रक्चर’ के विकास के लिए 100 प्रतिशत फाइनेंशियल सपोर्ट भी देगा तथा इस प्रक्रिया में उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) भी एक अहम निर्णायक भूमिका का निर्वहन करेगा. उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने प्रदेश में एक्सप्रेसवे रूट्स पर ‘बैटरी स्वैपिंग’ व्यवस्था युक्त पब्लिक ईवी चार्जिंग स्टेशंस की स्थापना करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
इन पब्लिक चार्जिंग स्टेशंस का विकास पीपीपी मॉडल के आधार पर किया जाएगा तथा इन स्टेशंस के विकास के लिए इच्छुक आवेदकों से ई-टेंडर पोर्टल के जरिए आवेदन मांगे गए हैं. इसके साथ ही आरपीएफ प्रक्रिया में चार्ज प्वॉइंट ऑपरेटर के लिए जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं।
यूपी के एक्सप्रेसवे पर लगेंगे 2000 चार्जिंग स्टेशन
खास बात यह है कि चार्जिंग स्टेशंस के विकास के लिए चयनित आवेदनकर्ताओं को नॉमिनल लीज पर 10 वर्षों के लिए यूपीडा जमीन देगा. वहीं, ‘बिहाइंड द मीटर पावर स्ट्रक्चर’ के विकास के लिए यूपीडा 100 प्रतिशत फाइनेंशियल सपोर्ट भी देगा. खास बात यह है कि इसमें से आगरा, लखनऊ, प्रयागराज समेत नगर पालिका युक्त शहरों में 1300, राम मंदिर, ताज महल जैसी हेरिटेज साइट्स में 100, मथुरा-वृंदावन व वाराणसी-अयोध्या जैसे टूरिस्ट डेस्टिनेशन प्लेसेज में 200 और प्रदेश के नेशनल व स्टेट हाइवे पर कुल 400 ईवी पब्लिक सर्विस स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 में नई इलेक्ट्रिक व्हीकल मैनुफैक्चरिंग व मोबिलिटी पॉलिसी को लागू किया था, जिसके जरिए प्रदेश में ईवी को विस्तृत प्रोत्साहन दिए जाने की दशा-दिशा तय की गई थी।
इसमें रियायत, सब्सिडी समेत कई तरीके के प्रावधान किए गए हैं. ऐसा माना जा रहा है कि 2023 तक भारत में 10.2 करोड़ ईवी होंगे. इन्हें संचालित करने के लिए शहरों में हर तीन किमी पर, हाइवे पर हर 25 किमी पर तथा हेवी ड्यूटी व्हीकल्स वाली रोड पर 100 किमी पर पब्लिक ईवी चार्जिंग स्टेशंस की स्थापना में प्रयास किए जा रहे हैं।