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ITR Filing : रिटर्न फाइल करते समय भूल कर भी न करें ये 7 गलती, वरना 100 प्रतिशत घर आएगा नोटिस

ITR filing mistakes :आज हम आपको इस खबर में बताने जा रहे उन गलतियों के बारे में जो अक्सर इनकम टैक्‍स रिटर्न दाखिल करते समय लोग करते हैं। और फिर तो आपको विभाग की और से नोटिस दिया जाता है। जानिए इससे जुड़ी पूरी जानकारी...
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ITR Filing : रिटर्न फाइल करते समय भूल कर भी न करें ये 7 गलती, वरना 100 प्रतिशत घर आएगा नोटिस

NEWS HINDI TV, DELHI: इकनम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख (Last date for filing ITR) 31 जुलाई है. आखिरी समय पर रिटर्न फाइल करने से अच्‍छा है कि यह जरूरी काम समय रहते ही निपटा लिया जाए. जल्‍द रिटर्न फाइल करने पर आपको टैक्स रिफंड भी जल्दी मिल जाएगा. एक्सपर्ट्स का कहना है कि आईटीआर (ITR) बिल्‍कुल ठंडे दिमाग से भरना चाहिए. इस काम में जल्दबाजी या लापरवाही भारी पड़ सकती है. कुछ ऐसी गलतियां हैं, जो आयकरदाता (income tax payer) से आईटीआर भरते वक्‍त ज्‍यादा होती हैं. इन गलतियों को पहले ही जान लेना चाहिए ताकि आप गलती से भी कोई मिस्‍टेक न कर बैठें.

एक गलती जो बहुत ज्‍यादा देखने को मिलती है, वो है गलत आईटीआर फार्म का चुनाव (Selection of wrong ITR form). आयकर विभाग ने कई ITR फार्म निर्धारित किए हैं. आय के साधन के आधार पर इन्‍हें चुनना होता है. लेकिन, बहुत से लोग गलत फार्म का चुनाव कर लेते हैं. आयकर विभाग इसे अस्वीकार कर देता है और टैक्‍सपेयर को आयकर अधिनियम की धारा (Section of Income Tax Act) 139(5) के तहत रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल करने के लिए कहता है.


1. आय की गलत जानकारी देना:

यह गलती भी बहुत ज्‍यादा होती है. कुछ लोग गलती से अपनी आय के सभी स्रोत (source of income) नहीं बताते, तो कुछ जानबूझकर इन्‍हें छिपाते हैं. ऐसा नहीं करने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपको नोटिस भेज सकता है. बचत खाते के ब्याज और घर के रेंट से होने वाली आय जैसी जानकारियां आईटीआई रिटर्न करते वक्‍त जरूर दें.

2. अपने सभी बैंक खातों की डिटेल न भरना:

आजकल हर किसी के एक से ज्‍यादा बैंक खाते (multiple bank accounts) हैं. अक्‍सर होता यह है कि आयकरदाता अपने उन खातों की जानकारी तो दे देता है, जिनका वह ज्‍यादा इस्‍तेमाल करता है. लेकिन, कभी कभार प्रयोग किए जाने बैंक अकाउंट की जानकारी नहीं देता. आयकर कानूनों के अनुसार, सभी बैंक खातों की डिटेल आईटीआर में देना (Giving details of bank accounts in ITR) जरूरी है. ऐसा न करने भी आपको नोटिस मिल सकता है.

3. टैक्स रिटर्न को वेरिफाई न करना:

इनकम टैक्‍स रिटर्न (income tax return) को वेरिफाई करना बेहद जरूरी है. ऐसा न करने पर आईटीआर भरा नहीं माना जाता. लेकिन, बहुत से टैक्‍सपेयर को इस नियम की जानकारी न होने या गलती से, वे आईटीआर वैरिफाई नहीं करते. इससे वह इनवेलिड हो जाती है. इनकम टैक्स के ई-फाइलिंग पोर्टल पर ऑनलाइन आईटीआर ई-वेरिफाई कर सकते हैं.

4. फॉर्म 26AS से आय का मिलान न करना:

फॉर्म 26AS या टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट आयकरदाता (Income tax payer) की आय पर काटे गए TDS के भुगतान की सभी जानकारी दे देता है. इनकम टैक्स रिटर्न भरने से पहले Form 26AS और Form 16/16A का मिलान करना जरूरी होता है. लेकिन, बहुत से लोग यह जरूरी काम नहीं करते. इससे होता यह है कि टैक्स कैलकुलेशन में किसी गलती का पता आयकरदाता को नहीं चलता और उसे बाद में दिक्‍कतों का सामना करना पड़ता है.

5. गलत व्यक्तिगत जानकारी भर देना:

आईटीआर फॉर्म (itr form) भरते वक्‍त अक्‍सर जो गलती टैक्‍सपेयर करते हैं, वो है अपनी गलत व्‍यक्तिगत जानकारी दे देना. जैसे नाम की गलत स्पेलिंग, पूरा पता न देना, या ईमेल या मोबाइल नंबर गलत लिख देना. गलत जानकारी देने पर आपको रिफंड मिलने में मुश्किल होती है. साथ ही आयकर विभाग से भी आपको रिटर्न से संबंधित कोई भी जानकारी मिलने के रास्‍ते बंद हो जाते हैं.

6. बिल्‍कुल आखिर में आईटीआर भरना:

ज्यादातर लोग इनकम टैक्स रिटर्न आखिरी तारीख नजदीक आने पर ही आईटीआर भरते हैं. हड़बड़ी में आईटीआर भरने (filling ITR in a hurry) पर गलती की संभावना ज्‍यादा होती है. समय कम होने पर किसी तरह की गलती होने पर उसे सुधारने का समय नहीं मिल पाता. इसलिए आखिरी तारीख का इंतजार न करें और पहले ही रिटर्न फाइल कर लें.


7. गिफ्ट की जानकारी न देना:

इनकम टैक्‍स के नियमों (Income tax rules) के मुताबिक, अगर आपको एक साल में 50 हजार रुपए से ज्यादा का गिफ्ट मिला है तो उस पर टैक्‍स चुकाना होगा. इसका जिक्र ITR Filing में देना होगा. नहीं देने या भूल जाने पर रिवाइज्ड रिटर्न फाइलिंग (Revised return filing) का भी प्रावधान है. लेकिन, चूक जाने पर नोटिस मिलने की संभावना है.