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जान लें Income Tax से सम्भंदित कुछ ज़रूरी नियम, FD की कमाई पर कितना देना होगा टैक्स

बहुत सारे लोग फिक्स्ड डिपॉजिट यानि FD से भी कमाई करते है। लेकिन इससे होने वाली ब्याज की कमाई पर इनकम टैक्स के द्वारा लागू किये गए नियमो के बारे में शायद ही किसी को पता हो। कुछ लोगों के मन में यह भी सवाल होगा की क्या उनकी FD पर ब्याज की कमाई पूरी तरह से टैक्सेबल है या नहीं? आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। 
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जान लें Income Tax से सम्भंदित कुछ ज़रूरी नियम, FD की कमाई पर कितना देना होगा टैक्स

News Hindi TV  (नई दिल्ली)।  फिक्स्ड डिपॉजिट यानि FD से कई लोग कमाई भी कर सकते हैं. ऐसे में इससे होने वाली ब्याज की कमाई पर इनकम टैक्स ये नियम शायद ही किसी को पता होगा. क्या आपको है FD पर ब्याज की कमाई पूरी तरह से टैक्सेबल है? नहीं न? आपको बता दें, FD पर मिलने वाला ब्याज आपकी कुल आय में जोड़ा जाता है और आपकी कुल आय पर लागू स्लैब दरों पर टैक्स का कैलकुलेशन किया जाता है. इसे आपके Income Tax Return (ITR) में इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेसज हेड में दिखाया जाता है. उसके बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इसपर टैक्स काटता है. लेकिन आप चाहें तो इस कटौती को आसानी से बचा सकते हैं.

आइए सबसे पहले जानते हैं कि बैंक कब और कितना टैक्स काटता है. यदि आप सीनियर सिटीजन नहीं हैं और नार्मल अकाउंट होल्डर के तौर पर एफडी ली है और ब्याज के अमाउंट 40,000 रुपये से अधिक है, तो बैंक आपके खाते में ब्याज जमा करते समय सोर्स पर टैक्स काटता है. वहीं, सीनियर सिटीजन के मामले में यह सीमा 50,000 रुपये है. एफडी पर कोई सीनियर सिटीजन 50,000 रुपये तक ब्याज कमाता है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कोई टैक्स नहीं काटेगा. इसके बाद की ब्याज की कमाई पूरी तरह से टैक्सेबल होगी.

अगर आपके पास 3 साल के लिए FD है, तो बैंक हर साल के लास्ट में TDS काटेगा. FD मैच्योर होने पर डिपॉजिटर को ब्याज और मूलधन दोनों मिलते हैं. इसके अतिरिक्त, DIGCI द्वारा 5 लाख रुपये तक की FD का बीमा किया जाता है. अगर बैंक डूबता है तो डीजीसीआई की तरफ से जमाकर्ता को गारंटी के तौर पर 5 लाख रुपये जरूर मिलेंगे.

FD पर टैक्स कैलकुलेट करने का तरीका 


एफडी से होने वाली कमाई को इनकम टैक्स रिटर्न में हर साल आपकी टोटल इनकम में जोड़ता है. आपको भले ही उस साल ब्याज का पैसा न मिले और एफडी की मैच्योरिटी पर एकसाथ जोड़ कर बैंक पैसा दे, लेकिन इस को आपको हर साल ITR में दिखाना होगा. बैंक आपके ब्याज पर टीडीएस काटते हैं जिसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट बाद में एडजस्ट कर देता है.


FD पर टैक्स कैलकुलेशन को इस तरह से समझे 


मान लीजिए सुरेश नाम का शख्स 20% टैक्स स्लैब में आते हैं. उनके पास 6% एनुअल इंटरेस्ट पर 3 साल के लिए 1,00,000 रुपये की 2 एफडी हैं. पहले साल में, हर FD से सुनील की ब्याज आय 6,000 रुपये है. इसलिए पहले साल में कुल ब्याज 12,000 रुपये मिलेंगे. यह पैसा 40,000 रुपये की सीमा से कम है, इसलिए बैंक TDS नहीं काटेगा.

ऐसे भी समझ सकते हैं कि अनुराग के पास 6% Annual Interest Rate की दर से 10 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट है. उन्हें सालाना 60,000 रुपये का ब्याज मिलता है. बैंक पूरे 60,000 रुपये पर 10% यानी 6000 रुपये पर टीडीएस काटेगा. यहां टीडीएस की निर्धारित दर 10% होगी.