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Note Printing Press : आखिर कहां छापता है RBI नोट, जानिए कौन तय करता है डिजाइन?

Currency Printing Process : दरअसल, देश में पहली बार कागजी नोट अंग्रेजों के जमाने में (ब्रिटिश काल) सन 1861 में छापे गए थे। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि भारत में नोट का कहां छापे जाते हैं। और इनका डिजाइन कौन तय करता हैं। अक्सर आम लोगों को यह लगता हैं। कि जब सरकार के पास शक्तियां हैं तो वह जब चाहे पैसा छापकर नकदी प्रवाह क्यों नहीं बढ़ा देती। लेकिन यह पूरा सच नहीं हैं। इससे जुड़ा पूरा अपडेट जानने के लिए खबर को पूरा पढ़े।
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Note Printing Press : आखिर कहां छापता है RBI नोट, जानिए कौन तय करता है डिजाइन?

NEWS HINDI TV, DELHI: Currency Printing in India: यह तो आप जानते होंगे कि भारत की मुद्रा का नाम 'रुपया' है। और इस रुपये का इतिहास वर्षों पुराना है. एक समय सिर्फ सिक्के ही प्रचलन में थे, लेकिन समय के साथ भारतीय मुद्रा का आकार, आकार बदलता गया। भारत में पहली बार कागजी नोट ब्रिटिश काल के दौरान 1861 में छापे गए थे। आजादी के बाद नोट छापने की जिम्मेदारी भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) को सौंप दी गई। लेकिन देश में किस साल कितने नोट छापे जाएंगे, इसका अंतिम फैसला एक तरह से भारत सरकार का ही होता है.

सवाल यह हैं कि भारत में नोट और सिक्के कहां छापे व बनाए जाते हैं. भारत में डिपार्टमेंट ऑफ करेंसी मैनेजमेंट, RBI के दिशा-निर्देश पर नोट छापने का काम करता हैं। देश में 4 करेंसी नोट प्रेस (desh mein 4 karensee not pres hai) हैं जो अलग-अलग शहरों में स्थित हैं. यहीं पर कागजी नोट छापे जाते हैं. इसके अलावा, सरकारी स्वामित्व वाली चार टकसालों में सिक्के बनाए जाते हैं. आइये आपको बताते हैं आखिर कैसे नोटों की डिजाइन व छपाई (Design and printing of notes) और सिक्कों का निर्माण होता है.

नोट छापने वाली संस्था की जिम्मेदारियां-

आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि डिपार्टमेंट ऑफ करेंसी मैनेजमेंट (Department of Currency Management) के पास नोट छापने के लिए एक योजना प्रभाग है, जो नोट की डिजाइन से लेकर छपाई तक सभी कार्यों को करता है. इनमें नोट और सिक्कों की डिमांड का पूर्वानुमान, देश में बैंक नोटों और सिक्कों का सही वितरण सुनिश्चित करना, चलन से अयोग्य नोटों और अप्रचलित सिक्कों को वापस लेना आदि कार्य शामिल हैं.

कहां हैं करेंसी नोट प्रेस Currency Note Press -

मुद्रा प्रबंधन विभाग (currency management department) देश में स्थित 4 मुद्रा नोट प्रेसों से नोट प्राप्त करता है। करेंसी नोट प्रेसों में से 2 का स्वामित्व भारत सरकार के पास है और 2 का स्वामित्व रिज़र्व बैंक के पास है. सरकारी स्वामित्व वाली नोट प्रेसें नासिक और देवास में स्थित है. इसके अलावा, अन्य दो प्रेसें मैसूर और सालबोनी (पूर्वी भारत) में हैं.

वहीं, भारत सरकार के स्वामित्व वाली चार टकसालों में सिक्के ढाले जाते हैं. ये टकसालें मुंबई, हैदराबाद, कलकत्ता और नोएडा में स्थित हैं. देवास में नोट प्रिंटिंग प्रेस की शुरुआत 1975 में हुई. यहां 20, 50, 100 और 500 रुपये मूल्‍य के नोट छापे जाते हैं. वहीं, देश की पहली नोट प्रिंटिंग प्रेस नासिक में साल 1926 में शुरू हुई. यहां पर अब 1, 2, 5, 10, 50 और 100 के नोट छापे जाते हैं.

छपाई के लिए कहां से आती स्याही-

बता दें कि कागजी नोट छापने के लिए ऑफसेट इंक यानी स्याही, देवास के बैंक नोट प्रेस में बनाई जाती है. इसके अलावा, नोट पर उभरी हुई छपाई की स्याही एसआईसीपीए में बनाई जाती है, जो सिक्कम में स्थित एक स्विस फर्म है. नोटों की नकल ना हो इसलिए विदेश से मंगाई जाने वाली स्‍याही के कंपोजीशन में बदलाव किया जाता है.