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एक बार लोन डिफॉल्ट होने पर इतने साल तक खराब रहता है CIBIL Score , जानिए सुधारने के तरीके

CIBIL Score : क्या आप जानते हैं कि अगर एक बार लोन डिफॉल्ट होने के बाद सिबिल स्कोर कितने साल तक खराब रहता है। अगर नहीं तो आज हम आपको इस खबर में बताने वाले हैं अगर आपका सिबिल स्कोर खराब हो गया है तो ये कितने साल तक ऐसे ही रहने वाला है और आप अपना सिबिल स्कोर कैसे सुधार सकते हैं। आपको बता दें कि सिबिल स्कोर की हवा ऐसी है कि ये हर कोने- कोने तक पहुंच जाती है।

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एक बार लोन डिफॉल्ट होने पर इतने साल तक खराब रहता है CIBIL Score , जानिए सुधारने के तरीके

NEWS HINDI TV, DELHI: लोन के डिफॉल्ट( Loan Default ) होने पर यानी कि समय पर न चुकाने पर आपका सिबिल स्कोर( CIBIL Score ) खराब होता है। जैसे परीक्षा में कोई बच्चा बैठता है और ठीक से पेपर नहीं देने पर मार्क्स अच्छे नहीं आते। बाद में उसी कम मार्क्स के चलते बच्चे को अच्छे कॉलेज में एडमिशन नहीं मिलती।

यही हाल लोन लेने और डिफॉल्ट होने पर होता है। लोन नहीं चुकाने पर डिफॉल्ट की बदनामी मिलती है जिससे आपका सिबिल स्कोर( How to Improve Cibil Score ) खराब हो जाता है। अगली बार कहीं भी, किसी भी बैंक में लोन लेने जाएं तो या लोन नहीं मिलेगा और मिलेगा भी तो भारी पचड़े के साथ अधिक ब्याज पर।

अब सवाल है कि सिबिल स्कोर( Ways to improve CIBIL score ) क्या जन्म-जन्मांतर के लिए खराब हो जाता है? क्या उसमें कोई पैबंद लगने या सुधार करने की गुंजाइश नहीं होती? अगर ऐसा होता तो लोग शायद कभी लोन डिफॉल्ट नहीं करते। कुछ न कुछ गुंजाइश जरूर मिलती होगी जिससे कि आगे का रास्ता खुले, कुछ कर्ज मिले।


इस उदाहरण से समझें-


सिबिल स्कोर के फंडा को एक साधारण उदाहरण से समझें। मान लें आपने घर बनाने के लिए बैंक से लोन लिया। शुरू-शुरू में लोन की किस्त चुकाते रहे कि अचानक लॉकडाउन लग गया और आपका धंधा चौपट हो गया। इस परिस्थिति में आपके सामने किस्त बंद करने के अलावा कोई चारा न रहा। किस्त बंद होते ही बैंक ने आपको डिफॉल्ट की श्रेणी में डाल दिया।

इतने साल तक नहीं सुधरता सिबिल स्कोर-


बाद में आर्थिक स्थिति ठीक हुई और आपने किस्त के बाकी बचे पैसे और उस पर पनपे ब्याज को भी बैंक में चुका दिया। इससे आपको लगता होगा कि जो सिबिल स्कोर खराब हुआ होगा उसकी भरपाई हो जाएगी। आपने उम्मीद तो ठीक रखी, लेकिन जानकारों ने बताया कि सबकुछ करने के बावजूद कम से कम दो साल तक सिबिल स्कोर खराब रहता है। लंबित किस्त चुका दें या उसका ब्याज भी भर दें, दो साल तक सिबिल स्कोर नहीं सुधरता और इसका घाटा कई वित्तीय जरूरतों में देखा जाता है।

नहीं छुपती सिबिल स्कोर की गड़बड़ी-


सिबिल स्कोर की हवा ऐसी होती है कि उसकी लहर हर कोने तक पहुंच जाती है। अर्थात, आपके सिबिल स्कोर( CIBIL Score Rank ) की निगेटिव रैंकिंग हर बैंक और फाइनेंस एजेंसियों के पास पहुंच जाती है। जब भी अगली बार लोन लेने किसी बैंक में या कार लोन लेने के लिए फाइनेंस कंपनियों के पास जाएंगे, वे आपकी निगेटिव स्कोरिंग तुरंत पता कर लेंगे। ऐसी स्थिति में या तो आपको लोन नहीं मिलेगा। अगर चिरौरी और मुरव्वत में लोन मिल भी जाए तो उसकी ब्याज दर चढ़ा-बढ़ा कर वसूली जाएगी। तब आपको सिबिल स्कोर की अहमियत के बारे में भली-भांति पता चलता है।

कैसे सुधरता है सिबिल स्कोर-


आपके लेनदेन और क्रेडिट कार्ड( Credit Card ) या छोटे-बड़े बिलों के भुगतान को देखते हुए सिबिल स्कोर में सकारात्मकता या पॉजिटिविटी आती है। बिलों के पेमेंट में देरी न करें, समय पर बिल चुकाएं और पूरा चुकाएं। जैसे क्रेडिट कार्ड का पूरा बिल चुकाएं, न कि मिनिमम ड्यू अमाउंट। इससे सिबिल स्कोर सुधरता है।

कई बार लोग लोन लेने और उसे सही समय पर चुकाने के बाद बैंक से एनओसी नहीं लेते जिस वजह से सिबिल स्कोर निगेटिव में चला जाता है। बैंक से तुरंत एनओसी लेना चाहिए जिसके बाद ही सिबिल पर आपका डेटा अपडेट होता है। यही बात क्रेडिट कार्ड के साथ भी है। क्रेडिट कार्ड बंद करते हैं तो बैंक से इसकी पूरी कागजी कार्यवाही पूरी करें। कार्ड बंद करने का प्रमाण पत्र बैंक से जरूर लें। इन सब बातों से सिबिल स्कोर सुधरता है।