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रद्द हो सकता है Paytm का लाइसेंस, RBI ने इस वजह से दिखाई सख्ती

RBI News : आपको बता दें कि आरबीआई ने हाल ही के दिनों में Paytm को लेकर काफी सख्ताई दिखाई है। अब मिली ताजा अपडेट के अनुसार आरबीआई पेटीएम के लाइसेंस का रद्द करने का विचार कर रहा है। तो ऐसे में आज हम आपको बताने वाले हैं कि आरबीआई ने ये सख्ती किस वजह से दिखाई हैं। चलिए जानते है इस बारे में पूरी जानकारी.
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रद्द हो सकता है Paytm का लाइसेंस, RBI ने इस वजह से दिखाई सख्ती

NEWS HINDI TV, DELHI: ऑनलाइन पेमेंट ऐप पेटीएम( Paytm ) की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। 2 दिन पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ( RBI ) ने पेटीएम पेमेंट बैंक ( Paytm Payments Bank ) पर क्रेडिट ट्रांजैक्शन और किसी भी तरह का डिपॉजिट लेने की रोक लगा दी है।

वहीं, जमाकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित होने के बाद आरबीआई अगले महीने की शुरुआत में पेटीएम पेमेंट्स बैंक( Paytm Payments Bank ) के ऑपरेटिंग लाइसेंस को रद्द करने पर विचार कर रहा है। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने यह जानकारी दी है।

आरबीआई के एक्शन( RBI Action ) के चलते पेटीएम के शेयरों पर शुक्रवार (2 फरवरी) को लगातार दूसरे दिन स्ट्राइक हो गई और यह लोअर सर्किट पर आ गया। लोअर सर्किट का मतलब है कि इसके शेयरों का मार्केट( stock market ) में कोई खरीदार ही नहीं है।

29 फरवरी के बाद कार्रवाई कर सकता है आरबीआई-


सूत्रों ने बताया कि आरबीआई 29 फरवरी की समय सीमा के बाद कार्रवाई कर सकता है। उल्लंघनों में कसट्मर डॉक्यूमेंटेशन नियमों का दुरुपयोग और मैटेरियल ट्रांजैक्शन का खुलासा न करना शामिल है।


अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं-


सूत्रों ने कहा कि अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है और पेटीएम के रिप्रेजेंटेशन के आधार पर आरबीआई की सोच बदल सकती है। आरबीआई ने अभी तक ईमेल का जवाब नहीं दिया है।


Paytm पेमेंट्स बैंक का जवाब-


पेटीएम बैंक के प्रवक्ता ने कहा कि आरबीआई का हालिया निर्देश “चल रही सूपर्वाइजरी इंगेजमेंट और कम्पलायंस  प्रोसेस का हिस्सा है। प्रवक्ता ने कहा कि बैंक ने आरबीआई के कम्पलायंस और सूपर्वाइजरी निर्देशों पर भी ध्यान दिया है।

RBI की सख्ती की वजह-


पेटीएम पेमेंट्स बैंक के हजारों ग्राहकों ने अपने KYC दस्तावेज जमा नहीं किया था। कुछ मामलों में हजारों ग्राहकों को पंजीकृत करने के लिए एक सिंगल पहचान दस्तावेज का उपयोग किया गया था और रेगुलेटरी लिमिट से परे लाखों रुपये के लेनदेन मिनिमम KYC अकाउंट्स से किए गए, जिससे मनी-लॉन्ड्रिंग की चिंताएं बढ़ गई हैं।