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RBI का होम लोन को लेकर आया अहम फैसला, अब हर दिन ग्राहकों को मिलेगा 5000 रुपये हर्जाना

RBI news : अधिकतर लोग बैंक से होम लोन ही अपना घर खरीदने का सपना पूरा करते हैं। अगर आपने भी बैंक से होम लोन (Home Loan) लिया हुआ हैं। या हाल ही में होम लोन लेने के बारे में सोच रहे हैं। तो दरसअल, आरबीआई (RBI) ने होम लोन को लेकर एक जरूरी अपडेट जारी किया हैं। अब ग्राहकों को हर दिन 5000 रुपये हर्जाना मिलेगा। होम लोन (Home Loan) लेने वाले जरूर जान लें पूरी जानकारी...
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RBI का होम लोन को लेकर आया अहम फैसला, अब हर दिन ग्राहकों को मिलेगा 5000 रुपये हर्जाना

NEWS HINDI TV, DELHI: होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन या गोल्ड लोन (Home Loan, Car Loan, Personal Loan or Gold Loan) लेने वाले लोगों के साथ ऐसी घटनाएं अक्सर सुनने को मिलती हैं। आपने किसी बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीच्यूशन से लोन (Loan from bank or financial institution) लिया है। बदले में अपनी चल-अचल संपत्ति (movable or immovable property) को गिरवी रखा है। आपने इस लोन की पाई-पाई का भुगतान कर दिया है।

अगर आपने बैंक के पास अपनी प्रॉपर्टी के जो कागजात (property documents) जमा कराए थे या जो चल संपत्ति गिरवी रखी थी, वह वापस नहीं मिल रहा है। इस पर रिजर्व बैंक सख्त हो गया है। आरबीआई (RBI) ने सभी बैंकों और Regulated Entities (REs) ने 30 दिन के अंदर इसे वापस करने का निर्देश दिया है। नहीं तो उसे हर दिन की 5,000 रुपये का जुर्माना भरना होगा।

क्या है रिजर्व बैंक का निर्देश-

भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) ने आज यानी 13 सितंबर को जारी एक निर्देश सभी बैंकों सहित विनियमित संस्थाओं (आरई) को भेज दिया है। इसमें कहा गया है कि जैसे ही लोन का पूर्ण भुगतान हो जाता है, बैंक सभी चल-अचल संपत्ति के मूल कागजात लोन लेने वालों को 30 दिन के अंदर वापस करे। नहीं तो, जितने दिनों की देरी होगी, 5,000 रुपये रोज के हिसाब से बोरोअर को जुर्माना अदा करना होगा। यह निर्देश पर्सनल लोन, होम लोन, कार लोन या गोल्ड लोन समेत वैसे लोन अकाउंट पर लागू होगा, जिसे लेने के लिए बोरोअर ने अपनी चल-अचल संपत्ति को गिरवी रखा है।

क्यों हुई आरबीआई की सख्ती-

रिजर्व बैंक का कहना है कि लोन चुका देने के बाद भी बोरोआर को रेहन रखे कागजात समय पर नहीं मिल रहे हैं। ग्राहकों और बैंक के बीच इस बारे में शिकायतें बढ़ रही हैं। इसिलिए रिजर्व बैंक को निर्देश जारी करना पड़ा। रिजर्व बैंक ने कहा है कि जब लोन की पाई-पाई चुका दी गई है तो बैंकों या फाइनेंशियल इंस्टीच्यूशन को 30 दिनों के भीतर सभी कागजात लौटा देना होगा। साथ ही किसी रजिस्ट्री के पास यिद कोई चार्ज लॉज किया गया है तो उसे भी रिमूव करना होगा।

कागजात कहां मिलेगा-

अक्सर लोन लेने वाले के पास यह विकल्प होगा कि वह चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज (movable and immovable property documents) कहां से प्राप्त करें।बोरोअर ये कागजात या तो लोन लेने वाली शाखा से प्राप्त करेगा या फिर वह अपनी सुविधा के हिसाब से किसी अन्य शाखा से कागजात ले सकता है। इसके साथ ही आरबीआई ने कहा है इस बारे में लोन के सेक्शन लेटर में भी जिक्र होगा कि कागजात कहां से वापस होंगे।

जब बोरोअर या को-बोरोअर की मृत्यु हो जाती है-

भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) ने कहा है कि यदि एकल उधारकर्ता या संयुक्त उधारकर्ता की मृत्यु हो जाती है, तो आरईएस के पास कानूनी उत्तराधिकारियों को मूल चल और अचल संपत्ति दस्तावेज वापस करने के लिए एक स्पष्ट प्रणाली होनी चाहिए। यह नीति, ग्राहक जानकारी से संबंधित अन्य संबंधित नीतियों और प्रक्रियाओं के साथ, आरईएस की वेबसाइट पर पोस्ट की जानी चाहिए।

इतना देना होगा जुर्माना-

जब मूल चल या अचल संपत्ति दस्तावेज (movable and immovable property documents) ऋण चुकौती या निपटान के 30 दिनों के भीतर जारी नहीं किए जाते हैं या उपयुक्त रजिस्ट्रार के पास चार्ज सटिसफेक्शन फार्म जमा नहीं किया जाता है, तो बैंक को देरी के बारे में बोरोअर को बताना आवश्यक होता है। यदि बैंक को देरी के लिए दोषी ठहराया जाता है, तो उसे उधारकर्ता को देरी के प्रत्येक दिन के लिए 5,000 रुपये का भुगतान करके अंतर को पूरा करना होगा।