अगर आपके पास भी हैं 15 साल पुरानी कार या बाइक, तो जान लें ये फायदे वाली बात
NEWS HINDI TV, DELHI: स्क्रैप पॉलिसी को लेकर आपके मन में तरह-तरह के सवाल उठते होंगे. जैसे कि स्क्रैप पॉलिसी क्या है? कौन-सी गाड़ियां स्क्रैप पॉलिसी (scrap policy) के तहत आती हैं? क्या केंद्र और राज्य सरकारों की स्क्रैप पॉलिसी (Scrap policy of central and state governments) अलग-अलग होती हैं? कौन-कौन सी पुरानी गाड़ियां स्क्रैप पॉलिसी के तहत कबाड़ हो जाती हैं? स्क्रैप पॉलिसी में सरकार कितनी सब्सिडी देती है? पुरानी गाड़ियां कितने साल इस्तेमाल करने के बाद स्क्रैप में चली जाएंगी? गाड़ी आपकी और इस्तेमाल भी आपने किया, तो सरकार क्यों दे रही है सब्सिडी? कितने साल पेट्रोल और डीजल की गाड़ियां स्क्रैप मानी जाती हैं? इस तरह के सवाल अगर आपके मन में उठ रहे हैं तो यह खबर आपके मतलब की है.
क्या है स्क्रैप पॉलिसी?
स्क्रैप पॉलिसी के तहत (under scrap policy) आप पुरानी गाड़ी जैसे- कार, बाइक, स्कूटर सहित हर तरह के व्यावसायिकसि गाड़ियां स्क्रैप करा सकते हैं. अगर आपकी कार 10 साल (डीजल) या 15 साल (पेट्रोल) पुरानी है तो आप स्क्रैप पॉलिसी का फायदा उठा सकते हैं. केंद्र सरकार ने व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत (Under vehicle scrappage policy) अनफिट गाड़ियों को स्क्रैप करना अनिवार्य कर दिया है. इस पॉलिसी के तहत प्रदूषण और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे पुराने और अनफिट वाहनों को स्क्रैप कर दिया जाता है. 15 और 20 साल की आयु प्राप्त कर चुके सभी तरह के पुराने कमर्शियल और पब्लिक ट्रांसपोर्ट की गाड़ियां भी फिटनेस टेस्ट में फेल होने के बाद स्क्रैप में जाएंगे.
स्क्रैपेज पॉलिसी का उद्देश्य:
व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी की घोषणा साल 2021 में पीएम नरेंद्र मोदी ने की थी. स्क्रैपेज पॉलिसी का उद्देश्य देश की ऑटोमोटिव और मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के साथ-साथ प्रदूषण के स्तर में कमी लाना है. यह पॉलिसी उन लोगों के लिए जरूरी है, जिनके पास अपनी कार या बाइक है. केंद्र सरकार ने आम बजट 2021-22 में इस पॉलिसी को पूरे देश में लागू करने का ऐलान किया था. इस पॉलिसी के तहत 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी गाड़ियों का इस्तेमाल लोग नहीं कर सकेंगे. अगर कोई व्यक्ति इस तरह की गाड़ियों का इस्तेमाल करते पकड़ा जाता है तो चालान के साथ गाड़ी जब्त कर ली जाएगी और उसे स्क्रैप में भेज दिया जाएगा.
फिटनेस टेस्ट देना अनिवार्य:
केंद्र सरकार के इस पॉलिसी के तहत पुरानी गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट अनिवार्य है, जिसके बाद ही ये कारें सड़क पर चल सकेंगी. अगर आपकी कार फिटनेस टेस्ट पास नहीं करती तो आप सड़क पर उसे नहीं ले जा सकते हैं. ऐसी गाड़ियों को आप रजिस्टर्ड स्क्रैप फैसिलिटी में जमा कर सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं. स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत प्रदूषण के स्तर को भी कम किया जाता है और फ्यूल एफिशिएंसी की भी बचत होती है. नई गाड़ियों के मुकाबले पुराने गाड़ियों में अधिक फ्यूल खर्च होता है.
इस पॉलिसी का कितना अमल हो रहा है?
दिल्ली सांख्यिकी पुस्तिका 2023 के मुताबिक, इस पॉलिसी पर अब तेजी से अमल होने लगा है. दिल्ली में 2023 तक अपनी अवधि पूरी कर चुके तकरीबन 55 लाख पुरानी गाड़ियों को डी-रजिस्टर किया जा चुका है, यानी इन गाड़ियों को सड़क पर चलाने की अनुमति नहीं है. 1 लाख 35 हजार से अधिक गाड़ियों को स्क्रैप के लिए भेजा जा चुका है.
अभी स्क्रैप पॉलिसी में ग्राहकों का लाभ:
सरकार ने पॉलिसी के तहत चलने वाले ग्राहकों को कुछ लाभ भी दिया है. यदि एक व्यक्ति अपनी पुरानी हो चुकी गाड़ी को स्क्रैप करवा लेता है तो उसे कुछ पैसा मिलेगा. यह पैसा कैश में न मिलकर, नई गाड़ी खरीदने पर कुछ छूट के तौर पर मिलेगा. यह छूट नई गाड़ी की कीमत का 4 प्रतिशत तक हो सकता है. मान लीजिए आप 10 लाख रुपये की कार ले रहे हैं तो आपको 40,000 रुपये तक की छूट केवल स्क्रैप पॉलिसी के तहत मिल जाएगी. यह छूट ऑफर और बाकी की छूट से अलग है. छूट हालांकि इस बात पर भी निर्भर करेगी कि आपकी पुरानी कार किस कंडीशन में थी.